11 साल बाद जेल से बाहर आसाराम, इलाज के लिए महाराष्ट्र रवाना, इन दो के अलावा किसी और से नहीं मिल सकेगा

Asaram Parole: नाबालिग से यौन उत्पीड़न मामले में 11 साल से जेल में बंद कथावाचक आसाराम जेल से बाहर आ गया है. आसाराम इलाज के लिए जोधपुर से महाराष्ट्र पहुंच चुका है. जहां 7 दिनों तक पुलिस की सख्त चौकसी के बीच उसका इलाज होगा.

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आसाराम बापू.

Asaram Parole: नाबालिग शिष्या के साथ यौन शोषण के मामले में जोधपुर सेंट्रल जेल में आजीवन कारावास की सजा काट रहे आसाराम को 7 दिन की पैरोल मिलने के बाद आखिरकार मंगलवार को पुलिस सुरक्षा के साथ नियमित फ्लाइट से इलाज करवाने मुंबई ले जाया गया. आसाराम के लिए फ्लाइट पर स्ट्रक्चर सीट को बुक किया गया था. पुलिस प्रशासन के द्वारा भी सेंट्रल जेल से लेकर एयरपोर्ट तक सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए गए थे. आसाराम को पुलिस कस्टडी के साथ 7 दिन की पैरोल मिली है जहां मंगलवार को 2:00 बजे की नियमित फ्लाइट से आसाराम को महाराष्ट्र ले जाया गया.

महाराष्ट्र के खोपोली स्थित माधवबाग अस्पताल में होगा इलाज

महाराष्ट्र के खोपोली स्थित माधवबाग अस्पताल में आसाराम का इलाज होगा. आसाराम के साथ जोधपुर पुलिस कमिश्नरेट के रातानाडा थाना के सब इंस्पेक्टर भंवर सिंह के साथ चार अन्य कांस्टेबल भी गए हैं. मालूम हो कि आसाराम को राजस्थान उच्च न्यायालय द्वारा 13 अगस्त को 7 दिन की पैरोल दी थी. 

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11 साल में आसाराम को पहली बार मिली है पैरोल

पिछले 11 वर्षों से जोधपुर सेंट्रल जेल में बंद आसाराम ने पैरोल के लिए पूर्व में कहीं बार याचिकाएं भी लगाई थी, लेकिन यह पहला मौका है जब उपचार के लिए आसाराम को पैरोल मिली है. हाईकोर्ट के आदेश से मिली पैरोल में आसाराम पर कहीं पाबंदियां भी लगाई गई है. कोर्ट द्वारा लगाई गई इन पांबदियों के अनुसार आसाराम 7 दिनों के इलाज में दो लोगों से ही मिल सकेगा. 

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सहायक और डॉक्टर के अलावा किसी और से नहीं मिल सकेगा

जिसमें एक उसका सहायक होगा जबकि एक चिकित्सक. इसके अलावा कोई भी व्यक्ति इलाज के दौरान उससे नहीं मिल सकेगा. उपचार के दौरान आसाराम का जिस निजी कमरे में इलाज होगा वहां पर 24×7 घंटे पुलिस का पहरा रहेगा. वहीं पैरोल के लिए आसाराम की ओर से व्यक्तिगत रूप से 50,000 रुपये का बांड व 25-25 हजार के दो लोगों की जमानतें दी गई हैं.

एयरपोर्ट थाना अधिकारी हनुमान सिंह ने बताया कि आसाराम को जोधपुर सेंट्रल जेल से एयरपोर्ट तक पुलिस सुरक्षा के साथ लाया गया और फ्लाइट में बैठा दिया गया है. 

आने-जाने और रहने का सारा खर्च आसाराम को करना होगा

वही इसके साथ ही उपचार और आने-जाने के पूरा खर्च आसाराम ही वहन करेगा. मंगलवार को आसाराम को जोधपुर सेंट्रल जेल से लेकर एयरपोर्ट तक ले जाने के लिए पुलिस ने कड़ी सुरक्षा व्यवस्था की थी. बावजूद एयरपोर्ट और मुख मार्गों पर भी आसाराम के सेवक एक बार आसाराम के दर्शन करने के लिए आतुर दिखे. 

आसाराम को देखने के लिए जुटी लोगों की भीड़

सुरक्षा-व्यवस्था की जिम्मेवारी संभालने वाले रातानाडा थाना अधिकारी प्रदीप डागा ने मीडिया से औपचारिक बात करते हुए बताया पुलिस कमिश्नर के निर्देशों पर एक टीम गठित की गई थी, जिसमें रातानाडा थाना के सब इंस्पेक्टर भंवर सिंह और चार अन्य कांस्टेबल उनके साथ गए हैं. सुरक्षा को लेकर दिए गए निर्देशों के सवाल का जवाब देते हुए कहा कि उच्च अधिकारियों द्वारा दिए गए निर्देश गोपनीय है. 

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