Rajasthan: आसाराम को इलाज के लिए 7 दिन की पैरोल मिली है. पुलिस कस्टडी में महाराष्ट्र में इलाज होगा. कोर्ट ने शर्त रखा कि सभी खर्चे आसाराम खुद उठाएंगे. पुलिस तक का खर्चा उठाना पड़ेगा. वरिष्ठ न्यायाधीश डॉ. पुष्पेन्द्र सिंह भाटी और न्यायाधीश मुन्नुरी लक्ष्मण की खंडपीठ ने आसाराम पैरोल दी. रामचंद्र भट्ट ने आसाराम के पैरोल के लिए आवेदन किया था. पैरोकार की ओर से कहा गया कि आसाराम की तबीयत ज्यादा खराब हो रही है.
आयुर्वेद अस्पताल में इलाज से नहीं मिला फायदा
जोधपुर में निजी आयुर्वेद अस्पताल से उपचार करवाने के बावजूद ज्यादा लाभ नहीं हुआ है. अभी पांच दिन पहले भी अचानक तबीयत बिगड़ने पर एम्स अस्पताल जोधपुर में भर्ती करवाया गया है. आसाराम की उम्र और तबीयत को देखते हुए माधव बाग महाराष्ट्र में ही उपचार की बेहतर सुविधा है. उन्होंने माधव बाग मल्टीडिसिप्लिनरी कार्डियक केयर क्लीनिक खोपोली महाराष्ट्र में ही उपचार की बेहतर सुविधा का हवाला दिया.
कोर्ट ने आसाराम को सात दिन का दिया पैरोल
कोर्ट ने पूर्व में रायगढ़ अलीबाग पुलिस अधीक्षक द्वारा सुरक्षा का हवाला देते हुए असमर्थतता जताने वाली रिपोर्ट को देखा. कोर्ट ने तमाम पहलूओं पर विचार करने के बाद आसाराम के स्वास्थ्य को देखते हुए सात दिन की आपातकालीन पैरोल मंजूर कर दी. कोर्ट ने कहा कि आने-जाने के समय के अलावा सात दिन तक वहां पर उपचार करवा सकते हैं.
पुलिस कस्टडी का खर्चा भी आसाराम को देना होगा
कोर्ट ने कहा कि पुलिस कस्टडी का खर्चा भी आसाराम की ओर से ही वहन किया जाएगा. सभी राशि जमा करवाने के बाद आसाराम को उपचार के लिए आपातकालीन पैरोल पर महाराष्ट्र ले जा सकते हैं. कोर्ट ने सभी पहलूओं एवं सुरक्षा को देखते हुए निर्देश दिए हैं कि इस दौरान आसाराम और उसके सहयोगी राजस्थान पुलिस और महाराष्ट्र पुलिस को पूरा सहयोग करेंगे. किसी भी प्रकार से सुरक्षा में चूक एवं परेशानी आसाराम और उसके सहयोगी पैदा नहीं करेंगे.
कब हुई थी सजा?
आसाराम को 25 अप्रैल 2018 को जोधपुर की विशेष POCSO अदालत ने नाबालिग के साथ रेप का दोषी ठहराया था. कोर्ट ने उसे आजीवन कारावास की सजा सुनाई थी. आसाराम 2 सितंबर 2013 से जेल में है. इसके बाद गुजरात की एक अदालत ने भी आसाराम को 2013 में सूरत आश्रम में एक महिला अनुयायी के साथ रेप का दोषी करार दिया है. इसके अलावा उसपर रेप, मर्डर समेत कई मामले दर्ज हैं.