Asaram Surrender: आसाराम को आज करना पड़ेगा सरेंडर, राजस्थान हाई कोर्ट में जमानत पर सुनवाई टली

Asaram Bail News: गुजरात हाई कोर्ट से जमानत अवधि 3 महीने बढ़ाए जाने के बाद आसाराम ने 31 मार्च को राजस्थान हाई कोर्ट में अर्जेंट सुनवाई के लिए अपील की थी. लेकिन ईद की छुट्टी के कारण इस पर सुनवाई नहीं हो सकी.

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आसाराम को आज वापस जोधपुर जेल में भेजा जाएगा.

Rajasthan News: राजस्थान हाई कोर्ट (Rajasthan High Court) ने मंगलवार सुबह आसाराम की जमानत (Asaram Bail) बढ़ाने वाली याचिका पर अर्जेंट सुनवाई करने से साफ इनकार कर दिया है. कोर्ट का कहना है कि यह मामला तुरंत सुनवाई का नहीं है. इस याचिका पर बुधवार को सुनवाई की जाएगी. यानी आसाराम को आज पुलिस के सामने सरेंडर करके  जोधपुर सेंट्रल जेल (Jodhpur Central Jail) में वापस जाना पड़ेगा और जमानत पर फैसला आने तक वहीं रहना पड़ेगा. आसाराम इस वक्त जोधपुर के पाल गांव आश्रम में रुका हुआ है, जहां से वो कुछ ही देर में सरेंडर करने के लिए रवाना होगा.

दुष्कर्म के मामले में आजीवन कारावास की सजा काट रहे आसाराम को  मेडिकल कारणों से सुप्रीम कोर्ट ने 7 जनवरी को अंतरिम जमानत दी थी, जो 31 मार्च को खत्म हो गई.

गुजराम HC से मिल चुका है एक्सटेंशन 

जमानत अवधि खत्म होने से पहले आसाराम के वकीलों ने गुजरात हाई कोर्ट में याचिका लगाकर 3 महीने का एक्सटेंशन ले लिया है. लेकिन आसाराम को राहत तब मिलेगी जब उसे राजस्थान हाई कोर्ट से भी जमानत मिल जाएगी. इसीलिए गुजरात हाई कोर्ट से 30 जून तक जमानत मिलने के बाद भी आज आसाराम को जोधपुर सेंट्रल जेल में रहकर सजा काटनी होगी. क्योंकि जोधपुर दुष्कर्म केस में भी वो दोषी है और कोर्ट ने आजीवन कारावास की सजा सुनाई हुई है.

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जमानत के लिए आसाराम ने क्या तर्क दिया?

आसाराम ने जमानत अवधि बढ़वाने के लिए गुजरात हाई कोर्ट में कई तरह की मेडिकल रिपोर्ट पेश की है. उसने मौलिक अधिकारों का हवाला देते हुए तर्क दिया है कि वह 86 साल का है और दुनिया में बहुत कम लोग 75-80 वर्ष की आयु के बाद कोई इनवेसिव सर्जरी सहन कर पाते हैं. उसने बताया कि भारतीय संविधान के तहत दोषियों के भी अपने अधिकार होते हैं. यदि कोई व्यक्ति अपने स्वास्थ्य को बनाए रखने के लिए इलाज की आवश्यकता महसूस करता है, तो यह अधिकार अनुच्छेद 21 के तहत आता है.

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आसाराम को क्या बीमारी है?

कोर्ट में पेश की गई जोधपुर AIIMS की एक रिपोर्ट के अनुसार, आसाराम को कोरोनरी आर्टरी डिजीज है, जिसकी वह "हाई रिस्क श्रेणी" में आता है. इन रिपोर्टों के अनुसार, आसाराम को विशेष नर्सिंग देखभाल, करीबी निगरानी, नियमित रूप से एंडोक्रिनोलॉजिस्ट और नेफ्रोलॉजिस्ट से काउंसलिंग की जरूरत है. आसाराम की वकील के मुताबिक, आसाराम की कई मेडिकल जांच की गई हैं और सभी विशेषज्ञों की सलाह और रिपोर्ट में कम से कम एक बात समान है कि यह एक घातक स्थिति है. उन्होंने जोर देते हुए कहा कि आवेदक की स्थिति या स्वास्थ्य बिल्कुल भी ठीक नहीं है.

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