NSUI कार्यकर्ताओं की पिटाई पर गुस्सा हुए गहलोत, कहा- पुलिस की मौजूदगी में हुआ था हमला 

राजस्थान विश्वविद्यालय में हुई झड़प के बाद पूर्व सीएम अशोक गहलोत एनएसयूआई कार्यकर्ताओं से मिले एसएमएस अस्पताल पहुंचे है. 

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पूर्व सीएम अशोक गहलोत एनएसयूआई कार्यकर्ताओं से मिले एसएमएस अस्पताल पहुंचे.

Rajasthan News: राजस्थान विश्वविद्यालय में शस्त्र पूजा के दौरान एनएसयूआई कार्यकर्ताओं और RSS में भिड़ंत हो गई थी. जिसमें NSUI के कई कार्यकर्ता घायल हो गए. वहीं अब पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने गुरुवार को जयपुर के एसएमएस अस्पताल में घायल एनएसयूआई कार्यकर्ता रवींद्र से मुलाकात की.

इस दौरान उन्होंने बीजेपी और आरएसएस पर गंभीर आरोप लगाए. गहलोत ने कहा कि विश्वविद्यालय में शस्त्र पूजा के दौरान एनएसयूआई कार्यकर्ताओं पर पुलिस की मौजूदगी में हमला हुआ. यह घटना लोकतंत्र के लिए खतरा है. 

जानें क्या हुआ था पूरा मामला

गहलोत ने बताया कि एनएसयूआई कार्यकर्ता रवींद्र को 20-22 लोगों ने मिलकर पीटा. उनके शरीर पर कई जगह चोटें आईं और टांके लगाए गए. गहलोत ने दावा किया कि यह हमला पुलिस की देखरेख में हुआ. उन्होंने एक वीडियो का जिक्र किया, जिसमें पुलिसकर्मी एनएसयूआई कार्यकर्ताओं की गाड़ियां तोड़ते दिख रहे हैं. गहलोत ने सवाल उठाया कि जब पुलिस की मौजूदगी में ऐसी हिंसा हो रही है, तो लोकतंत्र कैसे बचेगा?

आरएसएस और पुलिस पर गंभीर आरोप

गहलोत ने आरोप लगाया कि पुलिस आरएसएस के दबाव में काम कर रही है. उन्होंने कहा कि हमलावरों के पास खास तरह के डंडे थे, जो पहले से तैयार किए गए थे. गहलोत ने पुलिस कमिश्नर बीजू जॉर्ज पर भी सवाल उठाए, जिन्हें वे एक अच्छा अधिकारी मानते हैं.

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उन्होंने कहा कि अगर कमिश्नर दबाव में काम कर रहे हैं, तो उन्हें मुख्यमंत्री से कहकर इस जिम्मेदारी से हटने की मांग करनी चाहिए. गहलोत ने पुलिस की कार्रवाई पर भी सवाल उठाए. पहले कार्यकर्ताओं पर धारा 151 लगाई गई, जिसे बाद में गैर-जमानती धारा में बदल दिया गया. उन्होंने पूछा कि क्या ये कार्यकर्ता समाज के दुश्मन हैं?

लोकतंत्र और युवाओं पर खतरा

गहलोत ने चेतावनी दी कि ऐसी घटनाएं बढ़ती रहीं, तो स्थिति और बिगड़ेगी. उन्होंने कहा कि बीजेपी और आरएसएस का असली चेहरा सामने आ रहा है. उन्होंने दावा किया कि आरएसएस ने आजादी की लड़ाई में हिस्सा नहीं लिया और न ही संविधान को माना.

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गहलोत ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर भी निशाना साधा. उन्होंने कहा कि मोदी आरएसएस को देशभक्त बताते हैं, जबकि इनका इतिहास अंग्रेजों के साथ सहयोग का रहा है. गहलोत ने सवाल किया कि क्या देश एकतरफा चुनावों की ओर बढ़ रहा है, जैसा रूस और चीन में होता है?

युवाओं से अपील

गहलोत ने युवाओं से अपील की कि वे इस घटना पर गंभीरता से सोचें. उन्होंने कहा कि अगर ऐसी गुंडागर्दी को रोका नहीं गया, तो भविष्य में हिंसा और खूनखराबा बढ़ेगा. गहलोत ने जोर देकर कहा कि कांग्रेस अहिंसा और शांति के रास्ते पर चलती है, जबकि सत्ता में बैठे लोग घमंड में चूर हैं. उन्होंने कहा कि विपक्ष का विरोध करना लोकतंत्र का हिस्सा है, लेकिन बीजेपी इसे बर्दाश्त नहीं कर पा रही.

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गहलोत की चेतावनी

गहलोत ने चेतावनी दी कि अगर सरकार ने ऐसी घटनाओं पर रोक नहीं लगाई, तो तीन साल बाद कांग्रेस की सरकार बनने पर आज के जिम्मेदार लोग भागते फिरेंगे. उन्होंने युवाओं से सही और गलत का फैसला करने की अपील की, ताकि देश और लोकतंत्र को बचाया जा सके.

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