
Ashok Gehlot on SMS hospital Tragedy: राजस्थान की राजधानी जयपुर में रविवार देर रात हुए एसएमएस अस्पताल (SMS Hospital) में अग्निकांड को लेकर कांग्रेस भजनलाल सरकार पर तीखे हमले कर रही हैं. इस पूरे मामले में अब न्यायिक आयोग से जांच कराने की मांग की गई है. यह मांग पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने की है. उन्होंने राज्य में स्वास्थ्य व्यवस्था और प्रशासन की कार्यप्रणाली पर गहरा असंतोष व्यक्त किया.
ऐसी अव्यवस्था कभी नहीं देखी
अशोक गहलोत ने अपने सोशल मीडिया अकाउंट पर एक पोस्ट को शेयर करते हुए राज्य में हुई पिछली घटनाओं का हवाला देते हुए इस स्थिति को चिंताजनक बताया. उन्होंने कहा कि इन लोगों को अब कितनी बार कह दिया, कभी झालावाड़ में स्थिति बनती है, बच्चे मर जाते हैं, कभी कफ सिरप से बच्चे मरने लग गए, और अब आग लग गई."
परिजनों को नहीं मिला सरकार से भरोसा
उन्होंने SMS अस्पताल का घटना के समय मुआयना करने के बाद बताया कि वहां काफी अव्यवस्था का माहौल था. मरीजों के परिवारजन चिल्ला रहे थे और अपने मृत परिजनों की बॉडी के बारे में पूछ रहे थे. उन्होंने आगे कहा कि अगर मुख्यमंत्री जी रात को आए थे एक बार अगर वह उनसे मिलते. उन्हें यकीन दिलाते, कि उनके साथ पूरा न्याय होगा. सभी को बचाने की कोशिश कर रहे है. लेकिन हालात के मारे लोगों को से वह मिले नहीं जिसका गैप बढ़ता ही गया.
घुटन से भी हुईं मौतें
मुआयना के दौरान अशोक गहलोत ने जले हुए एरिया को देखकर दुख जताया. उन्होंने कहा कि "पता नहीं क्या बीती होगी रात को, और कैसे मरे होंगे वो क्योंकि कहते हैं कि घुटन से भी मौतें हुईं. ऐसी लापरवाही कभी देखी नहीं."
लीपापोती करने से समस्या हल नहीं होगी
उन्होंने अपने पोस्ट में स्पष्ट किया कि इस घटना और पीछे हुई कई घटनाओं के चलते उनकी मुख्य मांग न्यायिक आयोग बिठाने की है. जिससे हादसे के सही कारणों का पता चल सकेगा. उन्होंने कहा कि सामान्य कमेटी बिठाकर लीपापोती करने से समस्या हल नहीं होगी.
अशोक गहलोत का पोस्ट
एसएमएस अस्पताल में हुए अग्निकांड की जांच न्यायिक आयोग से करवाने की मेरी मांग :
— Ashok Gehlot (@ashokgehlot51) October 7, 2025
अब कितनी बार कह दिया इन लोगों को, कभी झालावाड़ के अंदर स्थिति बनती है बच्चे मर जाते हैं कभी वो जो कफ सिरप से बच्चे मरने लग गए, कभी आप देख रहे हो कि आग लग गई तो हम लोग वहां गए तो चिल्ला रहे थे… pic.twitter.com/33B9BdVcOW
लीपापोती वाली जांच से मृतकों को नहीं मिलेगा न्याय
उन्होंने आगे कहा कि आप ये लीपापोती वाली जांच करवा रहे हो, पांच-सात लोगों की कमेटी बना दी, सात दिन में रिपोर्ट दो, बात खत्म हो जाएगी, दो-चार लोगों को सस्पेंड कर दोगे." जो इस हादसे में मारे गए लोगों के साथ इंसाफ नहीं होगा. ब्लकि हादसे की न्यायिक जांच ज्यादा उचित है.
न्यायिक आयोग हादसे की तह तक करेगा जांच
पूर्व सीएम गहलोत के अनुसार, न्यायिक आयोग की जांच में केवल घटना की जांच नहीं होती, बल्कि लापरवाही के कारण, ऐसी घटनाओं की संभावनाएं, और भविष्य में इन्हें समाप्त करने के लिए उठाए जाने वाले कदम भी शामिल होते हैं. उनका मानना है कि इस रिपोर्ट से स्कूलों, अस्पतालों, और अन्य जगहों पर भी आवश्यक सुधार होंगे, जो लंबे समय की मांग है जो आज के लिए काफी आवश्यक है.
सवाई मान सिंह के ICU में रविवार को लगी थी आग
बता दें कि रविवार रात 11:20 बजे जयपुर के नामी सरकारी अस्पताल सवाई मानसिंह के आईसीयू में शॉर्ट सर्किट के कारण पूरा वार्ड जलकर राख हो गया. सरकार ने इस हादसे में करीब 6 लोगों के मारे जाने की पुष्टि की है. इसके बाद से हादसे की जांच को लेकर कई सवाल उठ रहे हैं. इसे लेकर पूर्व मुख्यमंत्री ने न्यायिक जांच की मांग की है.
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