गर्ल्स हॉस्टल में 3 रात बिताने वाले राजस्थान के अधिकारी ने बताया- क्यों की यह करतूत, गाज गिरनी तय!

Dungarpur News: राजस्थान के डूंगरपुर जिले में स्थित गर्ल्स हॉस्टल में एक अधिकारी के अनैतिक रूप से आकर तीन रात से ठहरने का मामला तूल पकड़ता नजर आ रहा है. अब इस मामले में उक्त अधिकारी की प्रतिक्रिया भी सामने आई है.

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डूंगरपुर के गर्ल्स हॉस्टल में तीन दिन से रुके थे सरकारी अधिकारी.

Dungarpur News: राजस्थान के डूंगरपुर जिले में गर्ल्स हॉस्टल में एक सरकारी अधिकारी रहने का मामला बीती रात सामने आया था. इस मामले की कहानी तब सामने आई जब अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के कुछ कार्यकर्ताओं ने हॉस्टल पहुंचकर अधिकारी के वहां रहने का विरोध जताया. मामला जोर पकड़ने पर अधिकारी को हॉस्टल से हटना तो पड़ा लेकिन अब उसे अपने इस करतूत के कारण विभागीय कार्रवाई का सामना करना पड़ सकता है. इस मामले में डूंगरपुर के कलेक्टर ने उक्त अधिकारी से पूरे मामले में जवाब मांगा है.  

डूंगरपुर जिले में गर्ल्स हॉस्टल में रुके थे अधिकारी

दरअसल डूंगरपुर जिले में वसुंधरा विहार कॉलोनी में समाज कल्याण विभाग के सहायक निदेशक के छात्राओं के छात्रावास में ठहरने की शिकायत जिला अधिकारी से की गई है. इस मामले की जांच के निर्देश दिये गये हैं. जिलाधिकारी ने सहायक निदेशक को छात्रावास से बाहर जाने के निर्देश दिये.

डीएम ने बताया- क्यों गर्ल्स हॉस्टल में रुके अधिकारी

जिलाधिकारी अंकित कुमार सिंह ने बताया कि बुधवार आधी रात को अज्ञात नंबर से समाज कल्याण विभाग के सहायक निदेशक अशफाक खान के वसुंधरा विहार स्थित सावित्री बाई फुले नामक लड़कियों के छात्रावास में रुके होने की जानकारी मिली थी. डीएम ने आगे बताया कि अधिकारी से फोन पर बात करने पर पता चला कि वह स्थानांतरण पर डूंगरपुर आये हैं और अस्थाई रूप से रुकने के लिये वहां पहुंचे थे.

अधिकारी के खिलाफ कारण बताओ नोटिस जारी

डीएम ने बताया कि अधिकारी के छात्रावास में तीन दिन से रुकने की शिकायत मिलने पर छात्रावास में पुलिस को भी भेजा गया था. उन्होंने कहा कि अधिकारी को छात्रावास में रुकने के लिए कारण बताओ नोटिस जारी किया गया है और मामले की जांच के निर्देश दिये गये है.

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अधिकारी पर आरोप है कि शहर में समाज कल्याण विभाग के दो बॉयज हॉस्टल होने के बावजूद असिस्टेंट डायरेक्टर गर्ल्स हॉस्टल में रुके हुए थे. हालांकि पूछे जाने पर वो कभी ट्रांसफर होकर आने तो कभी कमरा नहीं मिलने की बात कह रहे थे.

रात में ही डीएम ने अधिकारी को हॉस्टल से निकाला

जिलाधिकारी ने कहा कि अधिकारी को रात में ही छात्रावास से बाहर चले जाने का निर्देश दिया गया था. वसुंधरा विहार स्थित छात्रावास में अनुसूचित जनजाति की छात्राएं रहती हैं. अब इस मामले में सहायक निदेशक अशफाक खान पर विभागीय कार्रवाई की तलवार लटक रही है. माना जा रहा है कि जांच के बाद उनपर फैसला लिया जाएगा. 

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