Rajasthan: पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की जयंती पर राजस्थान के मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने उन्हें याद किया. उन्होंने कहा कि अटल जी का व्यक्तित्व समुद्र की तरह गहरा और आकाश की तरह विशाल था. सदन में बोलते थे तो विपक्ष भी उनकी बातों को गंभीरता से सुनते थे. क्योंकि उनकी बात सर्कसंगत होती थी और प्रमाणिकता के साथ बोलते थे. चाहे वो किसी भी दल का हो वो विश्वास करते थे. सदन में जो बात करते थे वही बात कार्यकर्ताओं के साथ बात करते थे. हमेशा अपने विचारों पर चलते थे."
"सुशासन और संवदेना से हमारा राष्ट्र मजबूत होगा"
भजनलाल शर्मा ने कहा, "उनके मन में सांसद और विधायक बनने का विचार नहीं आता था, वो केवल मां भारतीय की सेतवा करना चाहते थे. चुनाव में कोई जमानत भी बचा लेता था तो दिल्ली से लेटर आता था, आपने बहुत अच्छा किया. आज हम सोच सकते हैं, कैसे धीरे धीरे हमारी यात्रा कहां तक आ गई. सुशासन और संवदेना साथ लेकर चलेंगे तो हमारा राष्ट्र मजबूत होगा."
"अटल जी बहुत सरल और सहज व्यक्तित्व के धनी थे"
सीएम ने कहा, "मैं भी उन सौभाग्यशाली में से हूं, जिनका अटल बिहारी वाजपेयी का सानिध्य मिला. कई बार मिलने का मौका मिला. इतने बड़े होने के बाद भी बहुत ही सरल और सहज व्यक्तित्व के धनी थे. 1993 में हमारी सरकार बनी थी. केंद्र का आंदोलन आया हमे भी मौका मिला आगरा से यात्रा प्रवेश करनी थी जयपुर आनी थी. जयपुर में उनकी व्यवस्था में लगाया था. मैं जयपुर तक आया उन दिनों मैं युवा मोर्चा में काम करता था.उनका सानिध्य मिला."
"अटल जी कुशल नेता और देश भक्त थे"
भजनलाल शर्मा ने कहा, "अटल बिहारी वाजपेयी ऐसे भारत मां के सपूत हैं, जिन्होंने पूरा जीवन देश के लिए एक लक्ष्य को समर्पित किया. कुशल नेता ही नहीं कवि प्रखर देश भक्त थे. उन्होंने राजनीति में परिवर्तन किया. उका पहला वाक्य सुशासन था. भाजपा में काम कर रहे हो तो आपको काम की स्पष्टता होनी चाहिए."
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