
Rajasthan News: राजस्थान के सीकर जिले में स्थित प्रसिद्ध खाटूश्यामजी मंदिर में एक कुंवारे भक्त ने अपनी शादी के लिए बाबा की आराधना की है. इस भक्त ने बाबा के दरबार में एक पर्ची छोड़ी है, जिसमें उसने अपनी मनोकामना बताई है और बाबा से अपनी शादी जल्दी फाइनल करने की प्रार्थना की है. भक्त ने अपने लेटर में लिखा है, 'खाटू वाले श्याम, मैं मेरी मनोकामना आपको बता रहा हूं. मैं घर पहुंचूं तब तक मेरी सगाई का फाइनल हो जाना चाहिए. मेरे काम में तरक्की होनी चाहिए. जैसे ही मेरी शादी होती है, आपके दर्शन करने आऊंगा और सवा किलो मिठाई का भोग चढ़ाऊंगा. मेरी शादी जल्दी फाइनल कर दो मालिक बाबा. जय खाटूश्याम.'
पर्ची में नहीं लिखा किसी का नाम
इस चिट्ठी में भक्त ने अपना नाम, पता नहीं लिखा है. लेकिन यह चिट्ठी सोशल मीडिया पर वायरल हो गई है. इस पर्ची से पता चलता है कि भक्त की आस्था बाबा खाटूश्यामजी में कितनी गहरी है. वह बाबा से अपनी शादी के लिए प्रार्थना कर रहा है और इसके बदले में सवा किलो मिठाई चढ़ाने का वादा कर रहा है. यह दर्शाता है कि भक्त बाबा की कृपा में कितना विश्वास करता है. खाटूश्यामजी मंदिर में भक्तों की आस्था और विश्वास का केंद्र है. यहां आने वाले भक्त अपनी मनोकामनाएं लेकर आते हैं और बाबा की कृपा से उन्हें अपने जीवन में सुख और समृद्धि की प्राप्ति होती है. बाबा खाटूश्यामजी की कृपा से भक्तों की सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं और उन्हें जीवन में आगे बढ़ने का साहस और बल मिलता है.

खाटूश्याम मंदिर में भक्त ने पर्ची पर लिखी अपनी मनोकामना.
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पर्ची में मनोकामना लिखने की मान्यता
खाटूश्याम जी मंदिर अपनी भव्यता और आध्यात्मिक महत्व के लिए विश्वभर में प्रसिद्ध है. यहां भक्त अपनी मनोकामनाएं पूरी करने के लिए एक अनोखी परंपरा का पालन करते हैं. इस मंदिर में भक्त अपनी मनोकामनाएं एक चिट्ठी में लिखकर भेंट करते हैं, जिसे वे गर्भगृह के आसपास किसी भी स्थान पर रख देते हैं या दर्शन लाइनों में बांध देते हैं. इस चिट्ठी के साथ अक्सर नारियल और भगवा धागा भी होता है, जो उनकी आस्था और विश्वास का प्रतीक है. भक्त अपनी चिट्ठियों में अपनी मनोकामनाएं विस्तार से लिखते हैं और बाबा से उनकी इच्छा पूरी करने की प्रार्थना करते हैं. इन चिट्ठियों में उनकी आस्था और विश्वास की गहराई झलकती है. मान्यता है कि जब भक्त अपनी मनोकामनाएं चिट्ठी में लिखकर बाबा के मंदिर में भेंट करते हैं, तो उनकी मनोकामनाएं जल्दी पूरी होती हैं. इस मान्यता के चलते, भक्त बड़ी संख्या में अपनी चिट्ठियां लेकर मंदिर आते हैं और अपनी आस्था का प्रदर्शन करते हैं.
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