Vice President Jagdeep Dhankhar: बांग्लादेश में तख्तापलट (Bangladesh Coup) के बाद भड़की हिंसा में जान-माल का भारी नुकसान हुआ है. 500 से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है. बांग्लादेश में जारी हिंसा के बीच बीते कुछ दिनों से यह बात चल रही है कि भारत में भी बांग्लादेश जैसा घटनाक्रम हो सकता है. कई नेताओं ने भी इसकी आंशका जताई है. इस बीच जोधपुर (Jodhpur) पहुंचे भारत के उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ (Jagdeep Dhankhar) ने शनिवार को इस आशंका पर अपनी प्रतिक्रिया दी.
राष्ट्रविरोधी लोग साजिशन चला रहे नैरेटिवः उपराष्ट्रपति
जोधपुर में राजस्थान हाई कोर्ट (Rajasthan High court) की प्लेटिनम जुबली के अवसर पर आयोजित एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए भारत के उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने कहा, "देश में कुछ लोग साजिश के तहत एक नैरेटिव चला रहे हैं कि हमारे पड़ोसी देश में हाल में जो घटनाक्रम हुआ है, भारत में भी वैसा ही घटित होगा."
ऐसे लोगों से सावधान रहने की जरूरतः जगदीप धनखड़
उपराष्ट्रपति ने ऐसे लोगों से सावधान रहने की अपील करते हुए कहा कि ये लोग अपने जीवन में उच्च पदों पर रहे हैं. देश की संसद के सदस्य रहे हैं, मंत्री रहे हैं, और उनमें से एक को विदेश सेवा का लंबा अनुभव है. ऐसे जिम्मेदार पदों पर रहे लोग ऐसा मिथ्या प्रचार कैसे कर सकते हैं कि पड़ोसी देश जैसा घटनाक्रम भारत में दोहराया जाएगा.
दरअसल शनिवार को जोधपुर में राजस्थान हाई कोर्ट की प्लेटिनम जुबली के अवसर पर आयोजित एक कार्यक्रम में देश भर से आए न्यायाधीशों और वकीलों को उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने संबोधित किया.
'ये ताकतें देश तोड़ने को तत्पर हैं'
इस दौरान उपराष्ट्रपति ने चेताया कि ऐसी राष्ट्र विरोधी ताकतें वैधता प्राप्त करने के लिए संवैधानिक संस्थानों को प्लेटफार्म के रूप में प्रयोग कर रही हैं. ये ताकतें देश तोड़ने को तत्पर हैं और राष्ट्र के विकास व लोकतंत्र को पटरी से उतारने के लिए मनगढ़ंत नैरेटिव चलाती हैं. उपराष्ट्रपति धनखड़ ने आगाह करते हुए कहा कि राष्ट्रहित सर्वोपरि है और इससे समझौता नहीं किया जा सकता.
'न्याय व्यवस्था ने भारतीय नागरिकों का मौलिक कर्तव्य बरकरार रखा'
राजस्थान उच्च न्यायालय के 75वीं वर्षगांठ पर आयोजित प्लेटिनम जुबली कार्यक्रम में उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने कहा, 'न्याय व्यवस्था ने ही भारत के नागरिकों के मौलिक कर्तव्यों को बरकरार रखा है'. आपातकाल का जिक्र करते हुए उपराष्ट्रपति जगदीप धनकड़ ने कहा, 'स्वतंत्रता के बाद हमारे इतिहास का सबसे काला दौर था तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी द्वारा घोषित आपातकाल.
मारवाड़ी इंटरनेशनल सेंटर में आयोजित हुआ कार्यक्रम
दरअसल देश के उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ दो दिवसीय दौरे पर राजस्थान की न्यायिक राजधानी जोधपुर पहुंचे हैं. जहां जोधपुर के मारवाड़ी इंटरनेशनल सेंटर में शनिवार को उन्होंने राजस्थान उच्च न्यायालय की 75वीं वर्षगांठ पर बार काउंसिल ऑफ राजस्थान द्वारा आयोजित प्लेटिनम जुबली कार्यक्रम को संबोधित किया.
'कानून में बदलाव देश और जनता के लिए जरूरी'
नए कानून पर उपराष्ट्रपति धनखड़ ने कहा कि गृह मंत्रालय ने नए कानूनों के एक-एक प्रावधान का बारीकी से परीक्षण किया है. तकनीकी बदलाव और हमारी जरूरत के कानूनों की दशकों से मांग थी, जिसे सभी पहलुओं का मूल्यांकन करते हुए पूरा किया गया है. यह समूचे देश और जनता के लिए ऐतिहासिक बदलाव है.
न्यायिक अधिकारियों से आह्वान करते हुए उपराष्ट्रपति ने कहा कि नए कानूनों की सार्थकता तभी है, जब उन्हें उसी भावना से लागू किया जाए, जिसके लिए आपराधिक कानूनों में आमूलचूल बदलाव किया गया है. इस समूची प्रक्रिया में न्यायिक अधिकारियों की महती भूमिका है.
कार्यक्रम में इन लोगों की थी मौजूदगी
राजस्थान उच्च न्यायालय के 75वीं वर्षगांठ पर आयोजित प्लैटिनम जुबली कार्यक्रम में सुप्रीम कोर्ट न्यायाधीश एजी मसीह, न्यायाधीश संदीप मेहता, राजस्थान हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश एमएम श्रीवास्तव, विधि मंत्री जोगाराम पटेल, बार काउंसिल ऑफ इंडिया के अध्यक्ष मनन कुमार मिश्रा व बार काउंसिल ऑफ राजस्थान के चेयरमैन भुवनेश शर्मा सहित कई न्यायाधीश व अधिवक्ता शामिल रहे.
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