बांसवाड़ा: 2142 में से 254 आंगनबाड़ी केंद्र जर्जर घोषित, हादसे का इंतजार कर रहा प्रशासन 

राजस्थान के बांसवाड़ा जिले में आंगनबाड़ी केंद्रों की स्थिति चिंताजनक है. जहां जर्जर भवनों, टूटी छतों और असुरक्षित किराए की जगहों पर चल रहे 254 केंद्र बच्चों के लिए खतरा बने हुए हैं. 

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राजस्थान के बांसवाड़ा जिले में आंगनबाड़ी केंद्रों की स्थिति बहुत खराब है.

Rajasthan News: राजस्थान के बांसवाड़ा जिले में आंगनबाड़ी केंद्रों की स्थिति चिंताजनक है. हाल ही में चित्तौड़गढ़ में एक आंगनबाड़ी की छत का प्लास्टर गिरने से बच्चे के घायल होने की घटना ने सबको चौंकाया. अब सवाल उठता है कि क्या बांसवाड़ा भी किसी बड़े हादसे का इंतज़ार कर रहा है? जिले के 2142 आंगनबाड़ी केंद्रों में से 254 को सार्वजनिक निर्माण विभाग ने नाकारा घोषित किया है. इसके अलावा 550 केंद्र किराए के या अस्थायी जगहों पर चल रहे हैं, जहां सुरक्षा के कोई इंतज़ाम नहीं हैं.

अमरदीप नगर में खतरनाक स्थिति

शहर के अमरदीप नगर में शास्त्री कॉलोनी की आंगनबाड़ी की हालत देखकर मन सिहर उठता है. यह केंद्र 2007 से किराए के जर्जर कमरों में चल रहा है. चारों तरफ झाड़ियां, टूटी छत और बाहर निकली सरियां बच्चों के लिए खतरा बन रही हैं. केंद्र की इंचार्ज भद्रशिला पाठक बताती हैं कि विभाग से केवल 1000 रुपये किराया मिलता है, जिसमें सुरक्षित जगह मिलना असंभव है. उन्होंने कई बार नए भवन के लिए पत्र लिखा, लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई. कॉलोनी में जमीन होने के बावजूद भवन निर्माण नहीं हुआ.

विभाग की लापरवाही, बच्चों का भविष्य दांव पर

जिले में सैकड़ों आंगनबाड़ी केंद्र जर्जर हालत में हैं. कई जगह छतें गिरने की कगार पर हैं. बजट की कमी और प्रशासन की उदासीनता के कारण न मरम्मत हो रही है, न नए भवन बन रहे. स्थानीय लोग चेतावनी दे रहे हैं कि अगर जल्द कार्रवाई नहीं हुई तो चित्तौड़गढ़ जैसी घटना यहां भी हो सकती है.

आखिर कब जागेगा प्रशासन

बच्चों की सुरक्षा और शिक्षा के लिए बने ये केंद्र आज खतरे का सबब बन रहे हैं. प्रशासन को तुरंत कदम उठाने चाहिए. नए भवनों का निर्माण, पुराने भवनों की मरम्मत और पर्याप्त बजट की व्यवस्था जरूरी है.

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