
Rajasthan Medicine: राजस्थान प्रदेश में कफ सिरप मामले में बच्चों की मौत के बाद दवाईयों के काले धंधे का खुलासा होना शुरू हो गया है. आम लोगों के स्वास्थ्य से खिलवाड़ के गंभीर मामले सामने आ रहे हैं. क्योंकि जांच में पता चला है कि पिछले एक साल से कई बीमारियों की दवाओं के सैंपल की जो जांच की गई थी, वह फेल हो गए थे. इसके बावजूद बाजार में वह दवाईयां बेचे जा रहे हैं. जांच में कहा गया है कि जिन दवाओं का सैंपल टेस्ट में फेल हुआ है. उसमें एंटीबायोटिक दवाओं से लेकर कार्डियक अरेस्ट जैसी गंभीर बीमारियों की टैबलेट शामिल थीं.
अब इस मामले में नकली दवाओं के मामलों की जांच तेजी से की जाएगी. राज्य के ड्रग कंट्रोल कमिश्नर ने कहा कि कुल 290 मामले प्राथमिक जांच में हैं और इन्हें 15 दिनों के भीतर पूरी तरह से निपटा लिया जाएगा.
पूर्व ड्रग कंट्रोलर ने फाइलें रखी थी अपने पास
कमिश्नर ने बताया कि पूर्व ड्रग कंट्रोलर राजाराम ने सभी सैंपलों की जांच फ़ाइलें अपने पास रख ली थीं, जिसके कारण उन्हें सस्पेंड किया गया है. कमिश्नर ने यह भी कहा कि यह प्रथमदृष्ट्या इंटेशनल लगता है, यानी अधिकारी ने जानबूझकर प्रक्रिया में बाधा डाली. उन्होंने बताया कि कई कंपनियों के मुख्यालय राजस्थान के बाहर दूसरे राज्यों में होने के कारण अब राज्य सरकार वहां के मामलों की जांच के लिए अपने अधिकारियों को भेज रही है. 290 नकली दवा मामलों की जांच जल्द पूरा करके दोषियों पर सख्त कार्रवाई की जाएगी.
ग़ौरतलब है कि चिकित्सा विभाग की आंतरिक जाँच में इस बात का ख़ुलासा हुआ है कि राजस्थान में अलग अलग दवा कंपनियों की 290 सैंपल फ़ेल हुए थे. लेकिन उसके बावजूद ये दवाएं मार्केट में बड़ी आसानी से बिकती रही है. इनमें कई दवा कंपनियां दूसरे राज्यों में है लिहाज़ा विभाग की टीमें अन्य राज्यों में जाकर भी इन दवा फैक्ट्रियों की फिर से जांच करेगी.
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