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पीएम मोदी के दौरे से पहले बांसवाड़ा सांसद का प्रदर्शन, न्यूक्लियर पावर प्लांट से प्रभावित लोगों को नहीं मिला मुआवजा

सांसद राजकुमार रोत और उनके समर्थक मंगलवार को जिला कलेक्टर कार्यालय पहुंचे, जहां उन्होंने पीएम के नाम 30 सूत्री ज्ञापन सौंपा है.

पीएम मोदी के दौरे से पहले बांसवाड़ा सांसद का प्रदर्शन, न्यूक्लियर पावर प्लांट से प्रभावित लोगों को नहीं मिला मुआवजा
राजकुमार रोत

Rajasthan News: राजस्थान के बांसवाड़ा में 25 सितंबर को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पहुंच रहे हैं. जहां न्यूक्लियर पावर प्लांट का शिलान्यास किया जाएगा. लेकिन इस आयोजन से पहले बांसवाड़ा सांसद और भारत आदिवासी पार्टी के नेता राजकुमार रोत ने धरना प्रदर्शन शुरू कर दिया है. न्यूक्लियर पावर प्लांट से प्रभावित लोगों को उचित मुआवजा और सुविधाएं नहीं मिलने के आरोपों को लेकर मंगलवार (23 सितंबर) को सैंकड़ों कार्यकर्ताओं के साथ कलेक्ट्रेट परिसर में प्रदर्शन किया. 25 सितंबर को पीएम मोदी नापला गांव में न्यूक्लियर पावर प्लांट का शिलान्यास करने वाले हैं और इसकी सारी तैयारियां भी हो चुकी है. इसका जायजा खुद सीएम भजनलाल शर्मा ने लिया है.

पीएम के नाम 30 सूत्री मांगों का ज्ञापन

सांसद राजकुमार रोत और उनके समर्थक मंगलवार को जिला कलेक्टर कार्यालय पहुंचे, जहां उन्होंने पीएम के नाम 30 सूत्री ज्ञापन सौंपा है. करीब दो घंटे तक चली बातचीत में जिला कलेक्टर और पुलिस अधीक्षक ने कुछ स्थानीय मांगों को मानने का आश्वासन दिया, जबकि राज्य स्तर की मांगो को मुख्यमंत्री तक पहुंचाने की बात कही है.

मुआवजे और विस्थापन को लेकर रोष

मीडिया से बातचीत में सांसद रोत ने आरोप लगाया कि न्यूक्लियर पावर प्रोजेक्ट से प्रभावित कई लोगों को उचित मुआवजा नहीं मिला है. कुछ लोग ऐसे भी हैं जिन्हें दूसरी बार विस्थापित किया जा रहा है लेकिन उन्हें हक का मुआवजा नहीं दिया गया. इसके अलावा प्रभावित परिवारों के लिए आंगनवाड़ी, स्कूल, हॉस्पिटल और छात्रावास जैसी सुविधाएं अब तक अधूरी हैं.

गरीबों को उजाड़ कर कैसा विकास?

रोत ने पीएम मोदी के शिलान्यास को लेकर कहा कि गरीबों को उजाड़कर विकास नहीं किया जा सकता. उन्होंने चेतावनी दी कि जब तक मांगें पूरी नहीं होंगी और उचित आश्वासन नहीं मिलेगा, तब तक धरना जारी रहेगा.

नौकरी और पर्यावरण सुरक्षा पर जोर

सांसद ने कहा कि प्रभावित युवाओं को प्रशिक्षण देकर बेहतर नौकरियां दी जाएं, नौकरी के नाम पर केवल सफाई कर्मचारी बनाकर खानापूर्ति न की जाए. साथ ही चेताया कि न्यूक्लियर पावर प्लांट से निकलने वाला दूषित पानी पीने व सिंचाई के पानी में नहीं छोड़ा जाना चाहिए.

कार्यक्रम में नहीं मिला आमंत्रण

सांसद ने यह भी कहा कि उन्हें अब तक शिलान्यास कार्यक्रम में आमंत्रित नहीं किया गया है और मिलता भी है तो उससे ज्यादा जरूरी है पीड़ित परिवारों को न्याय मिले. पूर्व में उन्होंने प्रधानमंत्री से मिलकर समस्याएं रखी थीं, लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई. पीड़ितों की समस्याओं को अनदेखा कर शिलान्यास करना गलत है.

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