Rajasthan News: राजस्थान की 6 विधानसभा सीटों पर होने वाले उपचुनाव (Rajasthan by-elections) से पूर्व भारत आदिवासी पार्टी (BAP) ने अपने संगठन का विस्तार कर दिया है. शनिवार को पार्टी ने उदयपुर और बांसवाड़ा संभाग के कई जिलों में जिला अध्यक्ष (District President) नियुक्त किए हैं. विधानसभा और लोकसभा चुनाव के बाद यह पहली संगठनात्मक नियुक्तियां हैं, जिसमें 5 नेताओं के नाम शामिल हैं.
बीएपी ने किसे बनाया कहां का जिलाध्यक्ष?
भारत आदिवासी पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष रमेश मईडा ने लिखित आदेश जारी करते बताया, 'पार्टी की सामूहिक निर्णय लेने की लोकतांत्रिक सामाजिक व्यवस्था से चयनित होकर आए जिला अध्यक्षों के नाम पर राष्ट्रीय अध्यक्ष मोहन लाल रोत के अनुमोदन के बाद डूंगरपुर, बांसवाडा, प्रतापगढ़, सलुम्बर, उदयपुर जिला अध्यक्ष की नियुक्ति की गई हैं. इसके तहत अनुतोष रोत को डूंगरपुर जिलाध्यक्ष, प्रभुलाल बुझ को बांसवाड़ा का जिलाध्यक्ष, दिलीप कुमार राणा को प्रतापगढ़ का जिलाध्यक्ष, आनंद बुझ को सलुम्बर का जिलाध्यक्ष और अमित खराडी को उदयपुर का जिलाध्यक्ष नियुक्त किया है.'
बीजेपी करना चाहती है बीएपी से गठबंधन?
राष्ट्रीय अध्यक्ष मोहन लाल रोत ने आशा व्यक्त की है कि जिला अध्यक्ष संविधान, लोकतंत्र, कानून का पालन करते हुए समाज में आदर्श राजनीतिक व्यवस्था कायम करने में हर संभव योगदान देंगे. इन नियुक्तियों से पहले भारत आदिवासी पार्टी ने ऐलान किया था कि वो राजस्थान विधानसभा उपचुनाव में स्वतंत्र रूप से लड़ेगी. सोशल मीडिया के माध्यम से कुछ लोग गठबंधन करने जैसी अफवाह फैला रहे हैं. जनता से अपील है कि उनसे बचें. ये बयान ऐसे समय पर दिया गया जब राजस्थान बीजेपी प्रभारी राधा मोहन दास अग्रवाल ने इशारों-इशारों में राजकुमार रोत से बीजेपी से जुड़ने की बात कही.
बीजेपी से गठबंधन पर राजकुमार रोत का जवाब
हालांकि बांसवाड़ा सांसद ने साफ इनकार करते हुए एक्स पर लिखा, 'आजादी के 75 वर्षो बाद भी आदिवासी क्षेत्र के सर्वांगीण विकास एवं आदिवासियों के हक-अधिकारों के लिए किसी नेता ने काम नहीं किया. इसीलिए आज BAP पार्टी के सांसद एवं विधायक काम कर रहे हैं. इस हकीकत को स्वीकार करने के लिए भाजपा प्रदेश प्रभारी राधा मोहनदास अग्रवाल को धन्यवाद. आपसे उम्मीद है कि उदयपुर एवं बांसवाड़ा संभाग के बीजेपी नेताओं को सद्बुद्धि देंगे.मगर, आप मुझे बड़ा नेता नहीं बना सकते. मुझे नेता पहले चौरासी और फिर बांसवाड़ा-डूंगरपुर की जनता ने बनाया है. हम कभी किसी के साथ नहीं जाएंगे. यह चुनाव भी स्वतंत्र होकर लड़ेंगे.'
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