Baran Police: राजस्थान में जारी चुनावी शोर के बीच मंगलवार को बांरा जिले से पुलिस की क्रूरता की एक घटना सामने आई. यहां पुलिस ने पिता की लाश ले जा रहे बेटे को एंबुलेंस से निकालकर सड़क पर पटक दिया और फिर लाश को अपने कब्जे में लेकर सीधे मृतक के गांव पहुंच गए. इधर सड़क पर पटका गया बेटा रोता रहा, गिरगिराता रहा लेकिन कोई सुनने नहीं आया. दरअसल मामला कुछ ऐसा है कि मृतक बिजली का मिस्त्री था. बीते दिनों बिजली विभाग द्वारा दिए गए काम के दौरान वह करंट की चपेट में आ गया था. जिसके बाद इलाज के दौरान उसकी कोटा में मौत हो गई थी. मौत के बाद उसके परिजन शव के साथ बिजली विभाग के दफ्तर में प्रदर्शन करने वाले थे. लेकिन इससे पहले ही पुलिस बीच रास्ते में आ धमकी और शव को अपने कब्जे में ले लिया.
28 अक्टूबर को करंट की चपेट में आया था बिजली मिस्त्री
मिली जानकारी के अनुसार बारां जिले के चौकी बोरदा में निजी व्यक्ति से वहां के सरकारी बिजली कर्मचारी लाइनमैन द्वारा बिजली का कार्य कराने के दौरान 28 अक्टूबर को एक व्यक्ति के करंट लग गया था. उसे कोटा हॉस्पिटल में उपचार के लिए भर्ती करवाया गया था जहां उसकी आज मौत हो गई. मृतक की पहचान चौकी बोरदा निवासी बद्रीलाल सुमन के रूप में हुई हैं.
मुआवजे के लिए बिजली ऑफिस पर प्रदर्शन की थी तैयारी
मृतक के परिजन व अन्य लोग मुआवजे व न्याय दिलाने के लिए मृतक युवक के शव को विधुत निगम दफ्तर में ले जा रहे थे. शव के बिजली विभाग के दफ्तर तक पहुंचने से पहले ही माली समाज के लोग कोटा रोड़ स्थित बिजली विभाग के कार्यालय पर पहुंच चुके थे. जहां बारां के पूर्व जिला प्रमुख नंदलाल सुमन, ओम सुमन, मुकेश केरवालिया की अगुवाई में समाज के लोग डटे रहे व शव का इन्तजार किया जा रहा था.
कलेक्टर के सामने लोगों ने किया प्रदर्शन
वहीं पिता की लाश को ले जा रहे बेटे को पुलिस ने सड़क पर पटक दिया वह शव को बिजली दफ्तर में ले जाकर बात करना चाह रहे थे. पुलिस अपने साथ जबरन एम्बुलेंस को मृतक के गांव ले गई. वहीं कुछ लोग जिला कलेक्टर कार्यालय पहुंच कर प्रदर्शन करने लग गये.
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