Rajasthan News: राजस्थान के बारां (Baran) जिले के शाहाबाद क्षेत्र का महात्मा गांधी राजकीय विद्यालय (Mahatma Gandhi Government School) इन दिनों एक इनविटेशन कार्ड (Invitation Card) की वजह से चर्चाओं में है. मामला इतना बढ़ चुका है कि राजस्थान शिक्षा विभाग (Rajasthan Education Department) ने जांच शुरू कर दी है और तीन अधिकारियों ने हाल ही में स्कूल का दौरा भी किया है. इस पूरे मामले पर सियासत गरमाई हुई है, क्योंकि यह विद्यालय राजस्थान के शिक्षा मंत्री मदन दिलावर के गृह क्षेत्र में आता है.
'जश्न-ए-अलविदा' लिखने पर विवाद
राजस्थान के सभी सरकारी स्कूलों में बोर्ड परीक्षाओं से पहले फेयरवेल पार्टी का आयोजन होता है. ये 12वीं के छात्र-छात्राओं को विदाई देने का एक समारोह होता है, जिसके लिए राज्य सरकार बजट भी जारी करती है. इसी कार्यक्रम के लिए प्रिंसिपल ने इनविटेशन कार्ड छपवाए थे, जिसमें मां सरस्वती की फोटो के नीचे उर्दू में 'जश्न-ए-अलविदा' लिखा जाता था. इसी को लेकर विवाद हो गया, जो बाद में विधानसभा में भी गूंजा. कार्ड पर यह शब्द पढ़कर लोग अचरच में आ गए, जिसके बाद स्थानीय लोगों एवं स्कूली बच्चे ही इसका विरोध जताने लगे.
वायरल इनविटेशन कार्ड की तस्वीर.
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'छात्रों ने दिया था नाम का सुझाव'
स्कूल के प्रिंसिपल विकेश कुमार ने बताया कि यह कार्यक्रम 12वीं कक्षा के छात्रों को विदाई देने का एक समारोह था. स्कूल में कुछ मुस्लिम छात्र हैं, और उन्होंने सुझाव दिया और समारोह के लिए यह शीर्षक दिया. फिर, स्कूल विकास प्रबंधन समिति (एसडीएमसी) की बैठक में बच्चों के माता-पिता ने भी इस नाम पर अपनी सहमति दी, इसके बाद ही इनविटेशन कार्ड छपवाए गए. हालांकि, कार्ड छपने के बाद हमने महसूस किया गया कि यह नाम सरकारी बोलचाल के अनुरूप नहीं था. फिर हमने अधिकतर कार्ड वापस ले लिए. लेकिन कुछ कार्ड छात्रों के पास रह गए, जिसकी तस्वीरें बाद भी वायरल हो गईं.
विधायक-डीएम ने की थी शिकायत
इस मामले को लेकर अन्ता विधायक कंवरलाल मीणा और बारां जिला कलेक्टर ने राजस्थान शिक्षा विभाग को पत्र लिखा था. इस पर संज्ञान लेते हुए विभाग ने तीन सदस्यी जांच कमेटी का गठन किया था. इस कमेटी में सीबीईओ किशनगंज देवेंद्र सिंह, दिगोपार राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय के प्रधानाचार्य ललित कुमार यादव और बांसथूनी राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय के प्रधानाचार्य भरतलाल मीणा शामिल हैं, जो जांच करके शिक्षा विभाग को रिपोर्ट सौंपेगें. इस जांच में यदि कार्मिक दोषी पाया गया तो उसके खिलाफ अनुशासनात्मक कार्यवाही की जाएगी.
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