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This Article is From Sep 26, 2024

टीना डाबी ने निजी क्लिनिक में सरकारी डॉक्टरों को पकड़ा तो लगा दी क्लास, कार्रवाई के निर्देश

बाड़मेर जिला कलेक्टर टीना डाबी ने कई निजी क्लिनिक पर निरीक्षण करने पहुंच गए. इन क्लिनिक में सरकारी हॉस्पिटल के कई डॉक्टर ड्यूटी टाइम में प्रेक्टिस करते हुए पाए गए. उन्होंने नाराजगी जाहिर करते हुए राजकीय अस्पताल के पीएमओ से इन डॉक्टर के विरुद्ध कार्रवाई करने के निर्देश दिए.

टीना डाबी ने निजी क्लिनिक में सरकारी डॉक्टरों को पकड़ा तो लगा दी क्लास, कार्रवाई के निर्देश

Tina Dabi: बाड़मेर कलेक्टर बनने के बाद टीना डाबी लगातार एक्शन मोड में नजर आ रही है. बुधवार 26 सितंबर को जहां शहर में सफाई अभियान को लेकर चर्चा में रहीं. जब उन्होंने दुकानों के बाहर फैली गंदगी हटाने के लिए अभियान चलाया. साथ ही इसके लिए दुकानदारों को जमकर फटकार भी लगाई. ऐसी ही वजह से फिर वह चर्चा में हैं. गुरुवार 26 सितंबर को जिला कलेक्टर कई निजी क्लिनिक पर निरीक्षण करने पहुंच गईं. इस क्लिनिक में सरकारी हॉस्पिटल के कई डॉक्टर ड्यूटी टाइम में प्रेक्टिस करते हुए पाए गए. निरीक्षण के दौरान टीना डाबी (Tina Dabi) ने इस मामले पर फटकार भी लगाई. उन्होंने नाराजगी जाहिर करते हुए राजकीय अस्पताल के पीएमओ से इन डॉक्टर के विरुद्ध कार्रवाई करने के निर्देश दिए. वहीं, टीना डाबी का निरीक्षण का वाला यह वीडियो जमकर वायरल भी हो रहा है. 

कलेक्टर के सामने बहाने बनाने लगे चिकित्सक

जिला कलेक्टर टीना डाबी ने सबसे पहले राजकीय अस्पताल परिसर के भीतर ही चिकित्सकों के आवासों का दौरा किया. इस दौरान कई चिकित्सा आवासों के अंदर ड्यूटी टाइम में मरीज देखते हुए मिले. मामला सामने आने के बाद डॉक्टर कई बहाने बनाते नजर आए. इसके बाद टीना डाबी राजकीय अस्पताल अधीक्षक डॉ. बीएल मंसूरिया के चेंबर पहुंचीं. टीना डाबी ने जब उपस्थिति रजिस्टर की जांच की तो सामने आया कि चिकित्सक सुबह अपनी उपस्थिति लगाकर वापस चले जाते हैं और फिर निजी क्लीनिक में मरीजों का इलाज करते हैं.  

वेतन सरकारी हॉस्पिटल में उठाकर क्लिनिक में प्रैक्टिस करते हैं डॉक्टर

हैरानी की बात यह है कि इन दोनों बाड़मेर में मौसमी बीमारियों का जबरदस्त प्रकोप देखने को मिल रहा है. सरकारी हॉस्पिटल की ओपीडी 5 हजार के करीब पहुंच गई है. जिसके चलते अस्पताल में मरीजों की भारी भीड़ भी देखने को मिल रही है. बावजूद इसके कई चिकित्सक ओपीडी में मरीज को देखने पहुंचते ही नहीं है और उपस्थिति रजिस्टर के भीतर साइन करके चले जाते हैं. हकीकत यह है कि ये सभी चिकित्सक सरकारी वेतन उठाकर निजी क्लीनिक में सेवाएं दे रहे हैं. जिसकी शिकायत काफी लंबे समय से सामने आ रही थी. जिला कलेक्टर टीना डाबी ने संज्ञान लिया तो व्यवस्था की पोल खुल गई. 

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