Basant Panchami: 14 फरवरी को शुभ मुहूर्त में करें मां सरस्वती की पूजा, जानें कब है शुभ मुहूर्त

Basanti Panchami Shubh Muhurt: 14 फ़रवरी को माता सरस्वती की विशेष पूजा होगी. यह दिन शिक्षा, कला, साहित्य और संगीत आदि क्षेत्रों से जुड़े लोगों के लिए ख़ास है. शास्त्रों में इस दिन पीले रंग का विशेष महत्व है. बसन्त पंचमी का दिन किया भी शुभ कार्य के लिए बेहद उत्तम माना जाता है.

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मां सरस्वती

Basant Panchami Special: माघ माह के शुक्ल पक्ष की पंचमी पर 14 फ़रवरी को बसन्त पंचमी का पर्व मनाया जाएगा. इसी दिन से ही बसन्त ऋतु का आगमन शुरू हो जाएगा, साथ ही, इस दिन माता सरस्वती की विशेष पूजा के साथ ही सावे का भी अबूझ मुहूर्त आरंभ होगा. इस वजह से इस दिन बड़ी संख्या में शादियां होंगी.

14 फ़रवरी को माता सरस्वती की विशेष पूजा होगी. यह दिन शिक्षा, कला, साहित्य और संगीत आदि क्षेत्रों से जुड़े लोगों के लिए ख़ास है. शास्त्रों में इस दिन पीले रंग का विशेष महत्व है. बसन्त पंचमी का दिन किया भी शुभ कार्य के लिए बेहद उत्तम माना जाता है.

जाने माने ज्योतिर्विद पंडित हरिनारायण मन्नासा के अनुसार पंचमी की तिथि की शुरुआत 13 फ़रवरी को दोपहर 2 बज कर 44 मिनट से होगी और अगले दिन अर्थात 14 फ़रवरी को दोपहर 12 बज कर 10 मिनट पर इसका समापन होगा. इसके अलावा पूजा का मुहूर्त 14 फ़रवरी को सुबह 7 बज कर 8 मिनट से लेकर दोपहर 12 बज कर 10 मिनट तक रहेगा.

ज्योतिर्विद पंडित हरिनारायण मन्नासा के अनुसार बसन्त पंचमी के दिन शुभ मुहूर्त 5 घंटे और 2 मिनट का रहेगा. हालांकि अबूझ मुहूर्त होने के कारण पूरे दिन ही पूजा और शुभ कार्य किए जा सकते हैं.

वहीं, 14 फरवरी, 2024 बसंती पंचमी के दिन मंगल, बुध और शुक्र का त्रिग्रही योग होगा. इस दिन बीकानेर में 500 से ज़्यादा शादियां होंगी और पूरे प्रदेश भर में 30 हज़ार से ज़्यादा विवाह संपन्न होंगे. यही वजह है कि शहर के सभी मैरिज हॉल, गार्डन, टेंट और हलवाई बुक हो चुके हैं.

अबूझ मुहूर्त के बाद अगला अबूझ मुहूर्त अक्षय तृतीया के दिन ही रहेगा. हालांकि अक्षय शादियों के लिए अबूझ मुहूर्त है, लेकिन इस बार अक्षय तृतीया पर गुरु और शुक्र दोनों ही अस्त रहेंगे. इस कारण इस दिन होने वाली शादियों की संख्या कम रहेगी.

बसन्त पंचमी पर इस बार रहेगा त्रिग्रही योग

इस बसन्त पंचमी पर मकर राशि में मंगल, बुध और शनि का त्रिग्रही योग रहेगा. इसके साथ कुंभ राशि में सूर्य और शनि का भी द्विग्रही योग होगा। इस दिन 9 रेखीय सावा है. मंगल के उच्च राशि में होने के कारण विद्या और भूमि से जुड़े कार्यों सहित व्यापार शुरू करने के लिए दिन बेहतर माना गया है.

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