Rajasthan: मानसून पूर्व एक बार फिर लूनी नदी में बहा काला पानी, किसानों की बढ़ी चिंता, प्रशासन से लगाई गुहार

किसानों का कहना है कि अंधाधुंध बजरी खनन से पहले ही लूनी नदी का स्वरूप बिगड़ गया है. बजरी नहीं होने से कृषि कुएं रिचार्ज नहीं हो रहे हैं. ऐसे में यह प्रदूषित पानी रही सही कसर पूरी कर देगा.

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Rajasthan News: राजस्थान में बालोतरा जिले के कई गांव एक बार फिर फैक्ट्रियों के रासायनिक पानी का दंश झेलने को मजबूर हो रहे हैं. पाली की कपड़ा फैक्ट्रियों से निस्तारित प्रदूषित पानी की आवक लूनी नदी में फिर से शुरू हो गई है. पाली की कपड़ा फैक्ट्रियों का रासायनिक पानी बांडी नदी में छोड़ा जाता है और ये पानी नेहड़ा बांध में आकर इकट्ठा हो जाता है. कुछ दिन पूर्व सिंचाई विभाग ने नेहड़ा बांध के गेट खोल यह पानी नदी में छोड़ दिया, जो बहता हुआ बालोतरा जिले के रामपुरा गांव में आकर लूनी नदी में शामिल हो गया. अब यह प्रदूषित पानी बहता हुआ आगे अजित, कम्मो का वाडा होता हुआ आगे बढ़ रहा है. ऐसे में लूनी नदी के किनारे खेती कर रहे किसानों की चिंता भी बढ़ गई.

बंजर हो रही खेती वाली जमीन

समदड़ी क्षेत्र के किसानों ने जिला कलेक्टर से इस पानी को रोकने व खेत व कृषि कुओं को बचाने की गुहार लगाई है. 10 वर्ष पहले भी यह पानी लूनी नदी में छोड़ा गया, तब किसानों ने अपनी जमीन खराब होने से बचाने के लिये धरना प्रदर्शन भी किया. अब हर साल मानसून पूर्व थोड़ा बहुत पानी नदी में छोड़ा जाता है, लेकिन इस बार बड़ी मात्रा में प्रदूषित पानी आने के कारण हमारी जमीन बंजर हो रही है. कृषि कुएं तो पहले ही खराब हो चुके हैं. इस मामले को लेकर एनजीटी ने पाली प्रशासन को फटकार लगाते हुए कार्यवाही के भी निर्देश दिए थे, लेकिन हालात सुधरने का नाम नही ले रहे.

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लूनी नदी में छोड़े गए प्रदूषित पानी के बाद स्थिति का जायजा लेने पहुंचे अतिरिक्त जिला कलेक्टर.
Photo Credit: NDTV Reporter

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कलेक्टर ने ADM से मांगी रिपोर्ट

किसानों का कहना है कि अंधाधुंध बजरी खनन से पहले ही लूनी नदी का स्वरूप बिगड़ गया है. बजरी नहीं होने से कृषि कुएं रिचार्ज नहीं हो रहे हैं. ऐसे में यह प्रदूषित पानी रही सही कसर पूरी कर देगा. किसानों ने कहा कि अगर समय रहते कोई कदम नहीं उठाया गया तो किसान आंदोलन पर मजबूर होंगे. हालांकि समस्या को लेकर बालोतरा जिला कलेक्टर सुशील कुमार यादव ने एडीएम को मौके पर भेजा और रिपोर्ट मांगी है.

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पहले भी किसानों ने किया था प्रदर्शन

बांडी व लूनी नदी  के किनारे के गांवों के किसानों ने कई बार इस समस्या को लेकर धरना प्रदर्शन भी किया. 2023 को तो कुछ किसानों ने प्रदूषित पानी मे उतरकर विरोध भी जताया था. तब प्रशासन ने समस्या को लेकर आश्वासन भी दिया, लेकिन एक बार फिर यही समस्या बालोतरा जिले के किसानों को फिर से झेलनी पड़ रही है. किसानों की समस्या को लेकर अतिरिक्त जिला कलेक्टर नानूराम सैनी समदड़ी रामपुरा, अजीत, महेश नगर गांव में जाकर पाली की औद्योगिक इकाईयों से छोड़े गए प्रदूषित पानी का मौके पर जाकर जायजा लिया. अतिरिक्त जिला कलक्टर ने ग्रामीणों के साथ संवाद कर जल्द ही समाधान करने का आश्वाशन दिया.

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