Rajasthan News: राजस्थान के निकायों के ऐसे अध्यक्ष जो पिछली कांग्रेस सरकार में उन पर पद के दुरूपयोग के आरोप लगे थे. ऐसे चेयरमैनों के खिलाफ भजनलाल सरकार का एक्शन लगातार जारी है. एक के बाद एक कांग्रेस के चेयरमैनों को निलंबित किया जा रहा है. इसी क्रम में अब झुंझुनूं जिले की नवलगढ़ नगरपालिका के चेयरमैन शोयब खत्री को पद के दुरूपयोग के मामले में दोषी मानते हुए निलंबित कर दिया है और जांच शुरू कर दी गई है.
कांग्रेस ने लगाया तानाशाही का आरोप
नवलगढ़ नगरपालिका में न केवल चेयरमैन बल्कि वाइस चेयरमैन कैलाश चोटिया और उनकी पार्षद पत्नी उर्मिला चोटिया को भी सरकार ने निलंबित कर दिया है. इस कार्रवाई के बाद एक बार फिर नवलगढ़ में राजनीति उफान पर है. निलंबन के बाद कांग्रेस इसे सरकार की तानाशाही बता रही है. वहीं भाजपा इसे सही कार्रवाई बताते हुए कह रही है कि नगरपालिका में कांग्रेस सरकार में कई घोटाले है.
नए चेयरमैन को लेकर चर्चाएं शुरू
इधर इस राजनैतिक बयानबाजी के बीच नए चेयरमैन की ताजपोशी को लेकर भी चर्चाएं शुरू हो गई है. सरकार जल्द ही नगरपालिका नवलगढ़ में चेयरमैन को मनोनीत करेगी, जिसके लिए पूर्व चेयरमैन और कभी पूर्व विधायक डॉ. राजकुमार शर्मा के करीबी रहे सुरेंद्र सैनी का नाम सबसे आगे है.
कहां से शुरू हुआ विवाद
दरअसल सुरेंद्र सैनी, शोयब खत्री से पहले चेयरमैन थे. निकाय चुनाव में सुरेंद्र सैनी और उनकी पत्नी उषा सैनी कांग्रेस की टिकट पर निर्विरोध पार्षद निर्वाचित हुए थे. लेकिन चेयरमैन के चुनावों में डॉ. राजकुमार शर्मा ने सुरेंद्र सैनी की बजाय कुर्सी पर शोयब खत्री को बैठा दिया. तब से सुरेंद्र सैनी और डॉ. राजकुमार शर्मा के बीच राजनैतिक अदावत शुरू हो गई.
कुछ समय बाद सुरेंद्र सैनी कांग्रेस छोड़कर भाजपा में शामिल हो गए, जिन्होंने विधानसभा चुनावों में टिकट मांगी. लेकिन भाजपा ने विक्रम सिंह जाखल को टिकट दी. बावजूद इसके सुरेंद्र सैनी विक्रम सिंह के साथ जी जान से चुनाव में जुटे और जीत दिलाई. इसलिए माना जा रहा है कि भाजपा सुरेंद्र सैनी को चेयरमैन मनोनीत कर उन्हें उनकी मेहनत का ईनाम दे सकती है.
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