
Rajasthan News: राजस्थान के किसानों और पशुपालकों के लिए बड़ी खबर है. मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा की बजट घोषणा के तहत विदेश भेजे गए कृषि अध्ययन दल का पहला प्रतिनिधिमंडल डेनमार्क से लौट आया है. यह दल पशुपालन मंत्री जोराराम कुमावत के नेतृत्व में गया था. डेनमार्क में कृषि, डेयरी और पोल्ट्री सेक्टर में इस्तेमाल हो रही आधुनिक रोबोटिक तकनीकों और नए तरीकों का गहन अध्ययन करके यह दल लौटा है. अब उम्मीद जगी है कि विदेशी तकनीक और नवाचारों को राजस्थान में लागू किया जाएगा, जिससे किसानों की आय में बड़ा इजाफा हो सकता है और उनके जीवन स्तर में सुधार आएगा. इस बीच, पशुपालन मंत्री ने राज्य में गायों में फैल रहे लंपी वायरस को लेकर भी एक बड़ा और आश्वस्त करने वाला बयान दिया है.
डेयरी में रोबोट का इस्तेमाल
डेनमार्क में एक हफ्ते से ज्यादा समय तक रहने के दौरान, प्रतिनिधिमंडल ने वहां की खेती और पशुपालन की बारीकियों को समझा. मंत्री कुमावत ने बताया कि वहां डेयरी फार्मिंग में रोबोटिक तकनीक का इस्तेमाल बड़े पैमाने पर हो रहा है, जिससे काम बहुत आसान और सटीक हो जाता है. दल ने वहां पशुओं के स्वास्थ्य प्रबंधन (Health Management) के आधुनिक तरीके, बेहतर दुग्ध उत्पादन की विधियां और कृषि उत्पादकता बढ़ाने के लिए विकसित किए गए नए तरीकों का अध्ययन किया. इन तकनीकों का सीधा असर उत्पादन की लागत और गुणवत्ता पर पड़ता है.

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'सीधे तौर पर किसानों को फायदा'
NDTV से खास बातचीत में पशुपालन मंत्री जोराराम कुमावत ने कहा, 'हमने डेनमार्क में जो तकनीकें देखी हैं, खासकर डेयरी में रोबोट का इस्तेमाल और पशुओं की देखभाल के नए तरीके, उन्हें राजस्थान में लागू करने के लिए अब हम ठोस कदम उठाएंगे.' उन्होंने जोर देकर कहा कि इस पहल का मुख्य मकसद किसानों और पशुपालकों की आय बढ़ाना और उनके जीवन को बेहतर बनाना है. यह योजना सीधे तौर पर किसानों को फायदा पहुंचाएगी.

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लंपी वायरस पर मंत्री का बड़ा बयान
राजस्थान के पशुपालकों के लिए सबसे बड़ी चिंता गायों में फैल रहे लंपी वायरस और ऊंटों में पाए जा रहे एक नए वायरस को लेकर है. इस पर पशुपालन मंत्री जोराराम कुमावत ने एक बड़ा बयान देकर किसानों को राहत देने की कोशिश की है. मंत्री कुमावत ने स्पष्ट किया, 'इस बार लंपी वायरस उतना घातक नहीं है. विभाग पूरी तरह से अलर्ट पर है.' उन्होंने बताया कि पिछली बार की तुलना में इस बार वैक्सीनेशन का असर साफ दिख रहा है. उन्होंने कहा, 'गायें जरूर बीमार पड़ रही हैं, लेकिन उनकी जान नहीं जा रही है. स्थिति पूरी तरह से हमारे नियंत्रण में है.' ऊंटों में पाए जा रहे नए वायरस को लेकर भी विभाग पूरी तरह सतर्क है. मंत्री ने कहा कि निगरानी और रोकथाम के काम को तेज कर दिया गया है.

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तकनीकी सुधार और स्थायी लाभ पर फोकसपशुपालन मंत्री ने आखिर में कहा कि राज्य सरकार का फोकस अब पशुपालन क्षेत्र में तकनीकी सुधार और रोग नियंत्रण की दिशा में लगातार काम करने पर है. डेनमार्क से लाई गई तकनीकें इसी दिशा में पहला कदम हैं, ताकि किसानों और पशुपालकों को सिर्फ फौरी नहीं, बल्कि स्थायी लाभ मिल सके. यह अध्ययन दल की रिपोर्ट राजस्थान के कृषि और डेयरी सेक्टर के लिए एक नई शुरुआत हो सकती है, जहां विदेशी नवाचारों की मदद से खेती और पशुपालन के पुराने तौर-तरीकों को बदलकर किसानों को आर्थिक रूप से मजबूत किया जाएगा.
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