Rajasthan Gandhi Vatika: राजस्थान की पिछली गहलोत सरकार द्वारा लाए गए 'गांधी वाटिका ट्रस्ट अधिनियम 2023'(Gandhi Vatika Trust Act) को भजनलाल सरकार ने निरस्त करने का फैसला किया है. राजस्थान सरकार ने महात्मा गांधी की जीवनी पर आधारित संग्रहालय 'गांधी वाटिका' के संचालन और प्रबंधन के लिए गांधी वाटिका ट्रस्ट एक्ट को समाप्त करेगी. इसके लिए विधानसभा में विधेयक भी लाया जाएगा. यह फैसला मंगलवार (2 जुलाई) को भजनलाल सरकार की कैबिनेट बैठक में किया गया है.
कैबिनेट बैठक के बाद संसदीय कार्य मंत्री जोगाराम पटेल ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर बताया कि गांधी वाटिका ट्रस्ट अधिनियम को निरस्त करने का फैसला किया गया क्योंकि अधिनियम में कुछ खामियां थीं. उन्होंने कहा कि पिछली कांग्रेस सरकार ने गांधी वाटिका ट्रस्ट को ऐसे असीमित अधिकार दिए जिनकी जरूरत नहीं थी. उन्होंने कहा कि गांधी वाटिका का संचालन जारी रहेगा.
अध्यक्ष को हटाने का एक्ट में नहीं है प्रावधान
संसदीय कार्य मंत्री जोगाराम पटेल ने बताया कि गांधी वाटिका न्यास, जयपुर अधिनियम-2023 को समाप्त करने के लिए विधानसभा में विधेयक लाया जाएगा. उन्होंने बताया कि 2023 में लाए गए अधिनियम की विभिन्न धाराओं में उपाध्यक्ष को असीमित वित्तीय शक्तियां दी गई थी.
उन्होंने बताया कि राज्य में अन्य विभागों के अधीन संचालित संग्रहालयों का संचालन संबंधित विभाग द्वारा ही किया जा रहा है, ऐसी स्थिति में गांधी दर्शन संग्रहालय के संचालन एवं प्रशासनिक क्रियान्वयन हेतु गांधी वाटिका न्यास की आवश्यकता नहीं है.
जानकारी के लिए बता दें, कांग्रेस नेता मल्लिकार्जुन खरगे, राहुल गांधी एवं तत्कालीन मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने पिछले सात 23 सितंबर को जयपुर के सेंट्रल पार्क में बनी ‘गांधी वाटिका' का लोकार्पण किया था. नई पीढ़ी को महात्मा गांधी के विचारों से परिचित कराने के लिए 85 करोड़ रुपए की लागत से यह गांधी वाटिका की विषय वस्तु गांधीवादी विचारकों की समिति के मार्गदर्शन में तैयार की गई है.
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