Bharat Adivasi Party Join NDA? मात्र एक साल में 4 विधायक और एक सांसद के साथ राजस्थान की तीसरी सबसे बड़ी राजनीतिक पार्टी बनी भारत आदिवासी पार्टी के भाजपा नेतृत्व वाले NDA में शामिल होने की अटकलें लगाई जा रही है. चुनावी नतीजे घोषित होने के बाद गुरुवार शाम अचानक यह चर्चा चली कि भारत आदिवासी पार्टी (BAP) किस गठबंधन में रहेगी इसका फैसला अभी नहीं हुआ है. इस चर्चा में यह भी कहा गया कि BAP के टिकट पर पहली बार सांसद बने राजकुमार रोत (Rajkumar Roat) दिल्ली जाएंगे और फिर इस बात का फैसला लिया जाएगा कि भारत आदिवासी पार्टी किस गठबंधन के साथ जाएगी. हालांकि यह चर्चा महज एक अफवाह हैं. क्योंकि बांसवाड़ा राजकुमार रोत ने खुद से सोशल मीडिया पर पोस्ट करते हुए इस दावे को अफवाह बताया.
शुक्रवार को बांसवाड़ा के सांसद राजकुमार रोत ने सोशल मीडिया मंच एक्स पर लिखा- "बांसवाड़ा संसदीय क्षेत्र में हमारा NDA में सम्मिलित होने की झूठी अफवाह फैला कर विरोधी खुश हो रहे हैं. इन अफवाहों से बचे, बीएपी विपक्ष के साथ स्वतंत्र रहकर आदिवासी बाहुल्य क्षेत्र के हकों की लड़ाई लड़ेगी."
NDTV से खास बातचीत में भी NDA के साथ जाने से किया इंकार
इससे अलावा एनडीटीवी से खास बातचीत में भी राजकुमार रोत ने एनडीए के साथ जाने की बात का खंडन किया. उन्होंने साफ कहा कि हम किसी भी सूरत में एनडीए के साथ नहीं जाएंगे. उल्लेखनीय हो कि लोकसभा चुनाव में इस बार कांग्रेस ने लेफ्ट के साथ गठबंधन किया था. जबकि नागौर में राष्ट्रीय लोकतांत्रिक दल के मुखिया हनुमान बेनीवाल और बांसवाड़ा में भारत आदिवासी पार्टी के उम्मीदवार राजकुमार रोत के खिलाफ प्रत्याशी नहीं उतारते हुए अपना समर्थन दिया था.
BAP के NDA में जाने से वागड़ क्षेत्र में मचा था सियासी भूचाल
कांग्रेस के समर्थन से नागौर में हनुमान बेनीवाल तो बांसवाड़ा में राजकुमार रोत की जीत हुई. राजकुमार रोत की जीत इस लिहाज से बड़ी है क्योंकि वो पहली बार सांसद चुने गए और पहली ही बार में बांसवाड़ा सहित वागड़ क्षेत्र के कद्दावर नेता महेंद्रजीत मालवीया को करीब ढाई लाख वोटों से हराया. लेकिन इस जीत के बाद अचानक तब वागड़ में सियासी भूचाल आ गया जब यह चर्चा चली कि बाप एनडीए के साथ शामिल हो सकती है. हालांकि अब राजकुमार रोत ने खुद से ट्वीट करते हुए इस बात से इंकार कर दिया है.
कांग्रेस से गठबंधन में डोटासरा और रंधावा की भूमिका अहम
दूसरी ओर भारत आदिवासी पार्टी के सांसद राजकुमार रोत ने एनडीटीवी से खास बातचीत में बताया कि दक्षिणी राजस्थान के लोगों ने 75 सालों की नाइंसाफी का बदला लिया. नेताओं ने आदिवासियों को अधिकार तक नहीं जानने दिए. कांग्रेस से गठबंधन के बारे में राजकुमार रोत ने कहा कि कांग्रेस के साथ गठबंधन में डोटासरा और रंधावा की भूमिका अहम रही. हालांकि उन्होंने यह भी क्लियर किया कि कांग्रेस के साथ परिस्थितियों का गठबंधन है. विधानसभा चुनाव हम स्वतंत्र रूप से लड़ेगें.
बांसवाड़ा से कुपोषण दूर करना प्राथमिकताः राजकुमार रोत
भजनलाल सरकार के कृषि मंत्री किरोड़ी लाल मीणा के बारे में राजकुमार रोत ने कहा कि वो भाजपा सरकार में घुटन महसूस कर रहे हैं. अपनी प्राथमिकताओं के बारे में राजकुमार रोत ने बताया कि बांसवाड़ा-डूंगरपुर में कुपोषण दूर करना प्राथमिकता रहेगी. आने वाले दिनों में भील प्रदेश के लिए बड़ा आंदोलन करेंगे.
यह भी पढ़ें - राजकुमार रोत राजस्थान में ला सकते हैं राजनीतिक भूचाल, NDA या INDIA दिल्ली में लेंगे फैसला!
शिक्षक बनना चाहते थे बन गए सांसद, जानिए बांसवाड़ा से लोकसभा चुनाव जीतने वाले राजकुमार रोत की कहानी