Bharat bandh: जोधपुर में भारत बंद के समर्थकों ने जबरन दुकानें बंद करवा रहे थे. बालेसर क्षेत्र के सोमेसर गांव में जबरदस्ती दुकानें बंद करवाए. इस दौरान पकौड़े की खुली रेड़ी को लेकर विरोध किया. आपस में विवाद के दौरान कुछ उत्पतियों ने रेड़ी को उलट दिया, इससे पकौड़े तलने के लिए चढ़ी कड़ाई का खोलता तेल संचालक पर गिर गया, जिसके चलते उसके दोनों पैर झुलस गए.
आरोपियों की गिरफ्तारी के लिए धरने पर बैठे
नाराज लोगों ने गांव में प्रदर्शन शुरू कर दिया. जानकारी मिलने पर एएसपी मौके पर पहुंचे. ग्रामीणों ने घटना को लेकर विरोध जताया. आरोपियों को गिरफ्तार करने की मांग करने लगे. पुलिस ने लोगों को शांत कराकर कार्रवाई का भरोसा दिया. लेकिन, ग्रामीणों ने धरना शुरू कर दिया.
पुलिस आरोपियों की तलाश में जुटी
जिला पुलिस अधीक्षक जोधपुर ग्रामीण धर्मेंद्र सिंह ने बताया कि बंद करवाने के लिए कुछ युवक गांव से शेरगढ़ जा रहे थे. इस दौरान पकौड़े बनाने वाले से उनकी बहस हो गई. कढ़ाई का तेल लादूराम पुत्र मोतीराम के पैर गिर गया, जिससे उसके पैर झुलस गए, उसका उपचार हो रहा है. गांव में शांति है. एसीपी को मौके पर भेजा है. आरोपियों की तलाश की जा रही है.
दुकानें बंद सड़क पर पुलिस फोर्स
राजस्थान में दुकानें बंद हैं. सड़क पर पुलिस फोर्स नजर आ रही है. भारत बंद के समर्थन में लोगों ने सड़क पर उतरकर नारेबाजी की. प्रशासन पूरी तरह से मुस्तैद है. इस वक्त चप्पे-चप्पे पर भारी पुलिस बल की तैनाती की गई है. हर गतिविधि पर नजर रखी जा रही है.
उदयपुर में कांग्रेस ने भारत बंद का किया समर्थन
उदयपुर में शहर के प्रमुख बाजारों में कुछ दुकाने खुली तो कुछ दुकाने बंद हैं. लोगों की आवाजाही भी कम देखने को मिली. भीम आर्मी के कार्यकर्ता शहर के कोर्ट चौराहे पर पहुंचे. डॉ. भीमराव अम्बेडकर की प्रतिमा के समीप खड़े होकर विरोध-प्रदर्शन किया. हालांकि, सार्वजनिक ट्रांसपोर्ट के बंद होने की आंशका जताई जा रही थी. लेकिन, दोपहर 12 बजे तक बंद का असर सार्वजनिक ट्रांसपोर्ट पर देखने को नहीं मिला. दलित संगठनों की ओर से बंद के आह्वान को उदयुपर में कांग्रेस की ओर से समर्थन मिला है.
आदिवासी आरक्षण मंच ने भारत बंद का किया बहिष्कार
दूसरी तरफ आरक्षण से वंचित ST-SC समाज ने कलेक्टर के माध्यम से सरकार को ज्ञापन भेजा. उन्होंने भारत बंद का बहिष्कार किया. संगठन से जुड़े विभिन्न समाज के पदाधिकारियों ने भारत सरकार से शीघ्र कोटे में कोटा आरक्षण लागू करने की मांग की है. आदिवासी और दलित संगठनों की ओर से प्रो. कमलकांत कटारा ने बताया कि राजस्थान में भील सहित जनजाति समुदाय काफी समय से कोटे में कोटा आरक्षण लागू करने की मांग कर रहा है. बहुसंख्यक दलित जातियां भी आज तक मुख्य धारा से बिल्कुल दूर हैं . वो भी कोटे में कोटा आरक्षण लागू करने के लिए निरंतर मांग करती आ रही हैं. ऐसे में यह बंद भारत के संविधान के विरोध में है.
बांसवाड़ा में आदिवासी आरक्षण मंच, अंबेडकर वेलफेयर सोसाइटी बांसवाड़ा, वसीटा सेवा संस्थान बांसवाड़ा, जांबूखंड जन अधिकार मंच, बुनकर समाज विकास समिति, डाबगर सेवा संस्थान, बांसफोड़ समाज, वाल्मीकि समाज, खटीक समाज और मोची समाज आदि संगठनों ने भारत बंद का बहिष्कार किया. कोटे में कोटा आरक्षण लागू करने के लिए ज्ञापन भेजा.
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