परिवार के लिए समय नहीं, क्या करूं? सांसद संजना जाटव ने पूछा तो प्रेमानंद महाराज ने दिया ये जवाब

राजस्थान के भरतपुर जिले की सांसद संजना जाटव ने वृंदावन पहुंचकर प्रेमानंद महाराज के दर्शन किए और उनसे सवाल पूछा कि मैं अपने परिवार को समय नहीं दे पा रही हूं. इसके बाद महाराज ने इसका अपने अंदाज में जवाब दिया.

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सांसद संजना और प्रेमानंद महाराज.

Rajasthan News: राजस्थान की सबसे युवा सांसद संजना जाटव ने वृंदावन पहुंचकर प्रेमानंद महाराज के दर्शन किए. उन्होंने प्रेमानंद महाराज से अपनी उलझन बताते हुए सवाल किया. उन्होंने कहा कि कुछ समय पहले वह एक साधारण महिला थीं लेकिन अब वह सांसद हैं, और उन्हें परिवार और परिचित लोगों के लिए अब समय नहीं मिल पाता है. ऐसे में उन्हें क्या करना चाहिए? इसका जवाब देते हुए प्रेमानंद महाराज ने कहा, "पहले आपका परिवार छोटा था अब बड़ा हो गया है. आपको हजारों लोगों की सेवा का सौभाग्य मिला है, जो आपने सांसद पद से प्राप्त किया है. इसलिए आप प्रलोभन और भय का त्याग करके सेवा करें."

3 साल में साधारण महिला से बनीं लोकसभा सांसद 

राजस्थान की भरतपुर सीट से सांसद संजना जाटव ने प्रेमानंद महाराज जी से मुलाकात के बाद उनसे पूछा, "मैं कुछ समय पहले एक घरेलू महिला थी. रोज दैनिक दिनचर्या परिवार को संभालना और पूजा पाठ करने तक सीमित थी. लेकिन ईश्वरीय कृपा से मात्र तीन साल में मुझे जनता ने अपने सांसद के रूप में चुना. इससे मुझे अब परिवार के साथ आमजन की सेवा के लिए भी हमेशा तत्पर रहना पड़ता है. जिसके कारण अब मैं मेरे सगे संबंधियों और परिवार को समय नहीं दे पा रही हूं. साथ ही हम कई बार समझ नहीं पाते हैं कि क्या करें? ऐसे में अब क्या करूं जिससे मेरे सभी कार्य सकुशल हो सकें."

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अब परिवार बहुत बड़ा 

प्रेमानंद महाराज जी ने प्रश्न का जवाब देते हुए कहा, "यह बहुत ही उत्तम बात है. आप एक परिवार को चार और छह लोगों में समझ रही थीं, लेकिन अब आपका परिवार हजारों की संख्या में हो गया है. अब आप ऐसी भावना कीजिए. ऐसा नहीं सोचिए कि ये मेरा परिवार है और दूसरों का परिवार है. आपको ऐसा नहीं सोचना है. अब आपका ही परिवार एक बड़ा परिवार हो गया है. आपको हजारों लोगों की सेवा का सौभाग्य मिला है, जो आपने सांसद पद से प्राप्त किया है."

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स्वामी प्रेमानंद ने कहा कि वह प्रलोभन और भय का त्याग करके सेवा करें, और किसी भी अर्थ आदि के द्वारा सिद्धांत को यदि कोई बदल दे तो उसे प्रलोभन कहते हैं. 

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अपने पद को समाज की सेवा में लगाएं

महाराज ने आगे कहा कि यदि धर्मपूर्वक चला जाए, और प्रलोभन का त्याग कर दिया जाए , और इनसे बचकर जो पद मिला है, उसे समाज सेवा में लगाया जाए, तो वह भगवान की पूजा ही है. उन्होंने कहा,"यह सृष्टि भगवान का ही स्वरूप है. जो पदआपको मिला है, जो भगवान की सेवा करने का अवसर मिला है, उसे इस भाव से करें तो बहुत बढ़िया भजन बन जाएगा, आप बीच-बीच में नाम जप लिया करें."

भूमि के सभी लोग आपका परिवार 

प्रेमानंद महाराज ने आगे कहा कि 'उदार चरितानां तु वसुधैव कुटुम्बकम्' अर्थात् जितने भूमि में लोग हैं सब हमारे परिवार के ही लोग हैं. थोड़े में अपना और थोड़े में पराया लगा लेना, भगवान की माया का भेद है. उन्होंने कहा," आपको बड़ा परिवार मिल गया है, उसकी सेवा में ही संलग्न रहें. भय और प्रलोभन का त्याग करके अपना कर्तव्य मानते हुए नाम जप करें, तो काम भी बन जाएगा. भगवान की कृपा प्राप्त हो जाएगी."

सांसद संजना जाटव ने महाराज से कहा कि आज का दिन बड़ा सुख का दिन है. उन्होंने कहा,"अब तक आपको मैंने टेलीविजन या सोशल मीडिया पर देखा है, लेकिन आज आपके साक्षात भगवान स्वरूप दर्शन हुए हैं. राधा रानी का दिल से धन्यवाद करना चाहती हूं."

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