35 करोड़ की लागत से बनी सड़क,भुगतान भी हुआ..पास भी किया गया, अब गुणवत्ता लैब टेस्ट में फेल

राजस्थान के भरतपुर जिले में करीब 1.5 साल पहले एक 35 करोड़ की लागत से सड़क बनाई गई थी. जिसका आज ऐसा हाल हो गया है कि आम लोग उस पर चल भी नहीं पा रहे हैं. वहीं विभाग ने ठेकेदारों को इसका पूरा भुगतान कर दिया है.

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बनने के बाद खराब हुई सड़क.

Bharatpur Road Scam News: राजस्थान में सरकार लगातार सड़क बनाने पर जोर दे रही है और अधिकारियों को अच्छी सड़क बनाने के साथ समय पर काम पूरा करने का निर्देश दे रही है. लेकिन सड़क बनाने में जो भ्रष्टाचार हो रहा है इस पर किसी का ध्यान नहीं है. ऐसा ही एक मामला प्रदेश के भरतपुर-डीग जिले से सामने आया है. जहां सार्वजनिक निर्माण विभाग द्वारा डेढ़ साल पहले करीब 35 करोड़ रुपये की लागत से करीब 25 सड़कों का निर्माण करवाया था. जिनमें घोटाला होने का मामला सामने आया है.

गुणवत्ता लैब टेस्ट में हुई फेल

जानकारी के अनुसार इन सड़कों के निर्माण में घटिया सामान का उपयोग किया गया है. जिसका खुलासा तब हुआ जब सड़कों की गुणवत्ता लैब टेस्ट में फेल हो गई. लैब रिपोर्ट के अनुसार सड़कों की मोटाई, बिटुमिन कंटेंट और सीसी कोर स्ट्रेंथ तय मानकों से कम पाई गई है. इससे अंदाजा लगाया जा सकता है कि ठेकेदार और अधिकारियों की मिलीभगत के चलते ऐसे निर्माण कार्यों में खूब भ्रष्टाचार होता है. 

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बनने के बाद खराब हुई सडक

विभाग ने ठेकेदारों को दिया पूरा पैसा 

हालांकि इस निर्माण कार्य के लिए ठेकदार को विभाग के द्वारा पेमेंट भी पूरा कर दिया गया है. लेकिन अब गुणवत्ता में कमी की पुष्टि के बाद पीडब्ल्यूडी के अतिरिक्त मुख्य अभियंता ने दोषी इंजीनियरों पर कार्रवाई और ठेकेदारों से वसूली के आदेश जारी किए.

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लेकिन अभी तक कोई कार्रवाई नहीं हुई है. स्थानीय लोगों का आरोप है कि निर्माण सामग्री में घटिया सामान का प्रयोग किया गया है. सड़क की हालत खुद इस चीज को बयां कर रही है. उन्होंने राजस्थान सरकार और उच्च अधिकारियों से मांग की है कि दोषी अधिकारी एवं ठेकेदारों के खिलाफ कार्रवाई की जाए.

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बनने के बाद खराब हुई सड़क

सड़क की सीसी में नहीं डाला गया सीमेंट

नेशनल हाइवे 21 से अछनेरा रोड की 15 किलो मीटर की सड़क का निर्माण 5 करोड़ 63 लाख रुपए की लागत से हुआ है. सड़क के निर्माण में घटिया सामग्री का प्रयोग किया गया है. जिसकी हालत खुद सड़क बयां कर रही है. बछामदी के सुरेश लवानिया का कहना है कि इस सड़क का निर्माण करीब डेढ़ साल पहले हुआ था. लेकिन सड़क की हालत खस्ता है बीच-बीच में से खुदी होने के साथ-साथ बड़े-बड़े गड्ढे भी हैं. 

जिनके चलते आए दिन हादसा होता रहता है. सीसी में भी इन लोगों ने सीमेंट नहीं डाला है जो गिट्टी है वह बाहर निकल चुकी है. डामरीकरण में भी घटिया सामग्री का प्रयोग किया गया है. जिसके चलते सड़क बीच-बीच में से टूटी हुई है. पीडब्ल्यूडी विभाग के द्वारा बीच-बीच में सड़क के मरम्मत कार्य करवाया जा रहा है. लेकिन फिर भी यह ज्यादा समय नहीं चलता क्योंकि पहले से ही घटिया सामग्री का उपयोग हुआ है.

बनने के बाद खराब हुई सड़क

'मेरे जीवन की सबसे घटिया सड़क'

वहीं गोलपुरा-हीरादास बाइपास 5.11 करोड़, एआर-मुरवारा रोड 5.11 करोड़ रुपए की लागत से सड़क का निर्माण हुआ है. सुभाष नगर कॉलोनी निवासी रविंद्र सिंह ने बताया कि मैं यहां 17  साल से रह रहा हूं. लेकिन मेरे जीवन काल में अब तक की सबसे घटिया सड़क का निर्माण हुआ है. इस सड़क का निर्माण करीब डेढ़ साल पहले किया गया था और इसमें घटिया सामग्री उपयोग में ली गई थी. 

जब इस सड़क का निर्माण किया जा रहा था तो हम लोगों ने पीडब्ल्यूडी विभाग के अधिकारियों से शिकायत की थी. लेकिन किसी ने इस ओर ध्यान नहीं दिया. अब उसी का नतीजा है कि जिसे जनता भुगत रही है. जो भी दोषी अधिकारी और ठेकेदार हैं उनके खिलाफ सख्त से सख्त कार्रवाई हो. जिससे आगे कोई भी अधिकारी और ठेकेदार इस प्रकार की सड़क बनाने से पूर्व विचार करें.

बनने के बाद खराब हुई सड़क

सड़क के ठेकेदारों के खिलाफ निकला नोटिस

इन सड़क निर्माण में बिटुमिन कंटेंट भी तय 4.5% के बजाय 3.46%-3.64% के बीच होना पाया गया. उक्त सभी सड़कों का निर्माण कार्य 2023 में पूरा होने के बाद विभाग द्वारा पेमेंट कर दिया गया. लेकिन अब गुणवत्ता में कमी की पुष्टि के बाद पीडब्ल्यूडी के अतिरिक्त मुख्य अभियंता ने दोषी इंजीनियरों पर कार्रवाई और ठेकेदारों से वसूली के आदेश जारी किए. पिछले साल 27 नवंबर को वसूली के लिए नोटिस दिया गया था, जिसे 15 दिनों में वसूली की जानी थी, लेकिन अब तक कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया. अब देखना होगा कब तक इन दोषी अधिकारी और ठेकेदारों के खिलाफ कार्रवाई हो पाती है.

बनने के बाद खराब हुई सड़क

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