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नागौर में कांग्रेस को लगा बड़ा झटका, 1300 कार्यकर्ताओं ने छोड़ी पार्टी, हनुमान बेनीवाल की बढ़ेगी मुश्किलें

Nagaur Lok Sabha Seat: लोकसभा चुनाव से ठीक पहले नागौर जिले की खींवसर विधानसभा के 1300 कांग्रेसी कार्यकर्ताओं ने कांग्रेस पार्टी छोड़ दी. कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने कहा कि 'ऐसी क्या मजबूरी थी कि कांग्रेस ने उस आदमी और पार्टी से गठबंधन किया है, जिसने पंचायत समिति चुनाव से लेकर विधानसभा चुनावों में कांग्रेस पार्टी को खूब नुकसान पहुंचाया'.

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नागौर में कांग्रेस को लगा बड़ा झटका, 1300 कार्यकर्ताओं ने छोड़ी पार्टी, हनुमान बेनीवाल की बढ़ेगी मुश्किलें
कांग्रेस से निष्कासन के बाद कार्यकर्ताओं के साथ तेजपाल मिर्धा की तस्वीर

Lok sabha Election 2024: नागौर लोकसभा चुनाव से पहले कांग्रेस को बड़ा झटका लगा है. कांग्रेस ने कुछ नेताओं को पार्टी से निष्कासित किया उसके बाद कई कांग्रेसी कार्यकर्ताओं ने पार्टी ही छोड़ दी है. निष्कासित नेता नागौर जिले की कुचेरा नगर पालिका के अध्यक्ष तेजपाल मिर्धा ने कहा कि 'हमारी मजबूरी है कांग्रेस हमारे दिल में बसी हुई है. कांग्रेस को हम छोड़ नहीं सकते पर कांग्रेस ने हमें निष्कासित किया है, इसीलिए हम इस बार हम नोटा पर बटन दबाएंगे जिससे कांग्रेस को बड़ा झटका लगेगा.'

साथ ही उन्होंने कहा कि 'अगर कांग्रेस हमारा निष्कासन समाप्त कर हमें वापस पार्टी में लेती है तब भी हम गठबंधन के साथ में काम नहीं करेंगे. साइलेंट मोड पर कांग्रेस कार्यकर्ता की तरह ही काम करेंगे. लेकिन हनुमान बेनीवाल के साथ कार्य नहीं करेंगे.' 

'ऐसे गठबंधन को कैसे कर लें स्वीकार'

कांग्रेस कार्यकर्ताओं द्वारा सोशल मीडिया पर निष्कासित होने के बाद में पोस्ट डाली गई. जिसमें उन्होंने कहा कि "हम ऐसे गठबंधन को कैसे स्वीकार कर ले, जिसने कांग्रेस और कांग्रेस के आम कार्यकर्ता को हमेशा नीचा दिखाने का काम किया हैं. कांग्रेस कार्यकर्ता ने सोशल मीडिया पर लिखा था कि "ऐसी क्या मजबूरी थी कि मेरे कांग्रेस परिवार ने उस आदमी और पार्टी से गठबंधन किया है, जिसने पंचायत समिति चुनाव से लेकर विधानसभा चुनावों में कांग्रेस पार्टी को खूब नुकसान किया और कांग्रेस के कितने ही नेताओं को साजिश और षड्यंत्र करके हराया हैं. इस पार्टी ने और इनके सुप्रीमों ने हमेशा कांग्रेस पार्टी और राहुल गांधी को टारगेट किया हैं.

इन कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने दिया अपना इस्तीफा

कुचेरा नगरपालिका के चेयरमैन तेजपाल मिर्धा ने प्रेस वार्ता में बताया कि निष्कासित कांग्रेस कार्यकर्ताओं के साथ निर्वाचित जनप्रतिनिधियों में से 21 पार्षद 8 पूर्व पार्षद 07 पचांयत समिति सदस्यों, एक ब्लॉक अध्यक्ष, 10 उपाध्यक्ष, 24 महासचिव, 22 सचिव, 12 सह सचिव, 30 कार्यकारणी सदस्य, 264 बूथ अध्यक्ष, 01 एनएसयूआई, 01 यूथ कांग्रेस विधानसभा अध्यक्ष साथ ही लगभग 400 कांग्रेस संगठन से जुड़े पदाधिकारीयो ने भी इस्तीफा दिया है. साथ ही लगभग 500 कांग्रेसी कार्यकर्ताओं ने भी कांग्रेस का दामन छोड़ दिया है.

'गठबंधन की सरकार को नहीं जीतने देंगे'

तेजपाल मिर्धा और जिले में कांग्रेस से निष्कासित नेताओं ने काहा की आरएलपी सुप्रीमो ने कई बार राहुल गांधी का अपमान किया है. कांग्रेस -आरएलपी गठबंधन से कांग्रेसी नेता नाराज थे, जिन्होंने कांग्रेस को नीचा दिखाया. उनके साथ गठबंधन कैसे स्वीकार कर सकते है. हम निर्दलीय रहकर नोटा पर भी बटन दबाकर वोट डालेंगे भले ही बीजेपी जीत जाए, लेकिन नागौर लोकसभा सीट पर गठबंधन की सरकार को नहीं जितने देंगे.

मिर्धा ने कहा कि आरएलपी सुप्रीम के कहने से हमें कांग्रेस से निष्कासित किया गया है. जबकि हमने कभी भी ज्योति मिर्धा या बीजेपी पार्टी को सपोर्ट नहीं किया. हमने कभी उनका पक्ष नहीं लिया, ना उनकी कोई चुनावी सभा में गए हैं.

उनके कहने पर आपने हमें किया गया बाहर: मिर्धा

तेजपाल मिर्धा ने कहा कि 'भले ही कांग्रेस पार्टी ने आज मुझे बाहर कर दिया है. इसी कांग्रेस के लिए मैंने दिल से मेहनत की और पूरे देश में पार्टी ने जहां आदेश दिया, वहां तन मन धन और लगन से मेहनत की. आज जिस सुप्रीमो के कहने पर मुझे कांग्रेस से अलग किया गया है. यही सुप्रीमों और इनके कार्यकर्ता पंचायती राज के चुनाव में, कांग्रेसी कार्यकर्ता को हराते हुए नजर आएंगे. जिस सुप्रीमों ने कांग्रेस विचारधारा का हमेशा मजाक उड़ाया और विरोध किया हैं, उनके साथ खड़े रहना हमारे लिए संभव नहीं है. हमारे जैसे हजारों कार्यकर्ता है, जो इस गठबंधन को स्वीकार नहीं कर रहे हैं.'

यह है पूरा मामला

08 अप्रैल 2024 को नागौर के कांग्रेस कार्यकर्ताओं को बिना सूचना के ही कांग्रेस प्रभारी सुखजिंद्र सिंह रंधावा ने पूर्व विधायक भंवराराम सूपका, सुखाराम डोडवाडिया, ओर ( मुझे ) तेजपाल मिर्धा को 6 साल के लिए सस्पेंड कर दिया था. 

लोकसभा चुनाव के ठीक पहले पार्टी विरोधी गतिविधियों पर कांग्रेस ने बड़ा एक्शन लेते हुए तीनों नेताओं पर भाजपा प्रत्याशी ज्योति मिर्धा का प्रचार करने का आरोप था. ज्योति मिर्धा की कई सभाओं में भी यह नेता नजर आए थे. जिसके बाद एक चुनावी सभा में इंडिया गठबंधन के उम्मीदवार हनुमान बेनीवाल ने इसकी शिकायत की थी, तब कांग्रेस ने इन नेताओं पर एक्शन लेते हुए निष्कासित कर दिया था. वहीं निष्कासित किए गए नेताओं ने कांग्रेस के खिलाफ आज मोर्चा खोल दिया है. 

आपको बता दें कि भंवराराम सुपका डीडवाना के पूर्व विधायक और जिला प्रमुख भी रह चुके हैं. जबकि सुखराम डोडवाडिया पंचायत समिति सदस्य और कांग्रेस आईटी सेल में कई पदों पर रह चुके हैं. इसके अलावा तेजपाल मिर्धा ने हाल ही में कांग्रेस की टिकट पर हनुमान बेनीवाल के सामने खींवसर से चुनाव लड़ा था. वे कुचेरा नगर पालिका के पालिकाध्यक्ष भी है.

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