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This Article is From Dec 28, 2023

पेपरलीक पर राजस्थान सरकार का बड़ा फैसला, अब मुख्य सचिव और DGP लेवल से होगी मॉनिटरिंग, हेल्पलाइन नंबर जारी

राजस्थान के मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने पेपर लीक पर बड़ा फैसला लिया है. मुख्यमंत्री ने कहा कि भर्ती परीक्षाओं की मॉनिटरिंग मुख्य सचिव और डीजीपी के लेवल पर होगी. पेपरलीक और नकल दोषियों के खिलाफ केस ऑफिसर स्कीम के तहत ट्रायल होगा.

पेपरलीक पर राजस्थान सरकार का बड़ा फैसला, अब मुख्य सचिव और DGP लेवल से होगी मॉनिटरिंग, हेल्पलाइन नंबर जारी
मुख्यमंत्री भजन लाल शर्मा की अध्यक्षता में हुई मीटिंग के बाद पेपर लीक पर लिए गए कई फैसले.

Rajasthan govt on Paper Leak: राजस्थान में भाजपा की नई सरकार पेपर लीक के मामले लगातार सख्त एक्शन ले रही है. मंत्रिमंडल गठन से पूर्व ही पेपर लीक मामले की जांच के लिए एसआईटी का गठन कर दिया गया है. अब इस मामले में गुरुवार को राजस्थान सरकार ने एक और बड़ा फैसला लिया. गुरुवार को सीएमओ में मुख्यमंत्री भजन लाल शर्मा की अध्यक्षता में हुई बैठक में यह फैसला लिया गया कि अब राजस्थान में भर्ती परीक्षाओं की मॉनिटरिंग मुख्य सचिव और डीजीपी लेवल पर की जाएगी. पेपर लीक और नकल के दोषियों पर कड़ी कार्रवाई होगी. पेपरलीक और नकल दोषियों के खिलाफ केस ऑफिसर स्कीम के तहत ट्रायल होगा.
 

साथ ही संदिग्ध परीक्षा केन्द्रों व कोचिंग संस्थानों की विशेष निगरानी होगी. पेपर लीक के मामलों को रोकने के लिए हेल्पलाइन नंबर भी जारी किया गया है. हेल्पलाइन नंबर 9530428258 पर परीक्षा संबंधी गड़बड़ी की सूचना दी जा सकेगी. 

राजस्थान के मुख्यमंत्री भजन लाल शर्मा ने गुरुवार को कहा कि राज्य में आगामी प्रतियोगी परीक्षाओं में प्रश्नपत्र लीक और नकल रोकने के लिए पुख्ता प्रबंध किए जाएंगे. उन्होंने कहा कि बेरोजगार और मेहनती युवाओं को न्याय दिलाना और परीक्षाओं में गोपनीयता बनाए रखना राज्य सरकार की प्राथमिकता है.

सीएमओ में अधिकारियों के साथ मुख्यमंत्री ने की बैठक

शर्मा ने इस संबंध में मुख्यमंत्री कार्यालय में उच्चस्तरीय बैठक की. शर्मा ने बैठक में कहा कि आने वाली भर्ती परीक्षाओं में प्रश्नपत्र लीक व नकल जैसी गडबड़ियों को रोकने के लिए पुख्ता प्रबंध किए जाएंगे. इसके लिए परीक्षा से पूर्व मुख्य सचिव एवं पुलिस महानिदेशक स्तर से जिला कलेक्टर एवं पुलिस अधीक्षक से सीधा संवाद कर सभी आवश्यक प्रबंध सुनिश्चित किए जाएंगे.

बयान के अनुसार मुख्यमंत्री ने परीक्षा केन्द्रों पर निगरानी हेतु गठित उड़नदस्तों के लिए पर्याप्त अधिकारी एवं पुलिस बल जिलों को उपलब्ध करवाए जाने के निर्देश दिए. मुख्यमंत्री ने कहा कि जिन परीक्षा केन्द्रों एवं कोचिंग संस्थानों के बारे में विभिन्न स्रोतों से संदिग्ध गतिविधियों की जानकारी प्राप्त होती है, उन पर विशेष निगरानी रखी जाए. ऐसे परीक्षा केन्द्रों व कोचिंग संस्थानों की संदिग्धता पाए जाने पर कठोरतम कानूनी कार्रवाई की जाए.
 

शर्मा ने कहा कि पहले जिन अपराधियों का चालान किया गया है, राज्य सरकार द्वारा उन अपराधियों का ‘केस ऑफिसर स्कीम' एवं विशेष लोक अभियोजक के माध्यम से शीघ्र सुनवाई करवाई जाएगी तथा उन्हें अधिकतम दंड दिलवाने के प्रयास किये जाएंगे.

सीएम ने कहा कि ऐसी गड़बड़ी करने वाले व्यक्तियों का पता लगाने के लिए पुख्ता सूचना तंत्र विकसित किया जाए. आमजन द्वारा इस संबंध में विशेष जांच समूह (एसआईटी) द्वारा जारी हेल्पलाइन नंबर 9530428258 पर सूचना दी जा सकती है.

नकल के दोषियों को सख्त सजा दिलाई जाएगी

मुख्यमंत्री ने कहा कि बेरोजगार और मेहनती युवाओं को न्याय दिलाना और परीक्षाओं में गोपनीयता बनाए रखना राज्य सरकार की प्राथमिकता है. इन निर्णयों से नकल संबंधी प्रकरणों में प्रभावी जांच कर अपराधियों को सख्त से सख्त सजा दिलाने में सहायता मिलेगी.

हाल ही में 5 मुन्नाभाई पकड़े गए थे

उल्लेखनीय है कि विशेष बल (एसओजी) द्वारा हाल ही में राजस्थान लोक सेवा आयोग की ओर से आयोजित वरिष्ठ अध्यापक (माध्यमिक शिक्षा) प्रतियोगी परीक्षा-2022 के विज्ञान, सामान्य ज्ञान व शैक्षणिक मनोविज्ञान विषय की लिखित परीक्षा में दूसरे के स्थान पर परीक्षा दे रहे पांच आरोपियों को हिरासत में लिया गया है. बैठक में पुलिस महानिदेशक उमेश मिश्रा सहित अन्य अधिकारी मौजूद थे.

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