AIIMS में PG सीट छोड़ने वाले छात्र पर लगा बड़ा जुर्माना, हाई कोर्ट का आदेश 'जमा करवाने होंगे ढाई लाख रुपये'

जस्टिस विनीत कुमार माथुर की पीठ ने याचिका खारिज करते हुए कहा कि सेमेस्टर के बीच सीट खाली होने की स्थिति में राशि जमा कराने की शर्त का उल्लेख 2023 में जारी प्रॉस्पेक्टस में किया गया था.

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Jodhpur AIIMS: राजस्थान के जोधपुर में स्थित एम्स (AIIMS) में पीजी कार्यक्रम में सीट लेने के बाद कोर्स छोड़ने वाले छात्रों पर भारी जुर्माना लगाया जाएगा. जुर्माने तौर पर ढाई लाख रुपये (2.5 लाख) चुकाने होंगे. जोधपुर एम्स के पीजी कार्यक्रम में सीट छोड़ने वाले स्टूडेंट से यह राशि जुर्माने के रूप में मांगी थी. लेकिन छात्रों ने इसके खिलाफ राजस्थान हाई कोर्ट में याचिका दायर की थी. लेकिन हाई कोर्ट ने इसे खारिज कर दिया है.

जस्टिस विनीत कुमार माथुर की पीठ ने याचिका खारिज करते हुए कहा कि सेमेस्टर के बीच सीट खाली होने की स्थिति में राशि जमा कराने की शर्त का उल्लेख 2023 में जारी प्रॉस्पेक्टस में किया गया था. चूंकि स्पॉट काउंसलिंग की प्रक्रिया 2023 में पीजी कार्यक्रम में खाली सीटों को भरने की प्रक्रिया की अगली कड़ी है, इसलिए स्पॉट काउंसलिंग के लिए अधिसूचना में शर्त का उल्लेख न होने से कोई फर्क नहीं पड़ता है.

अमित मुंडेल ने बीच में छोड़ी पढ़ाई

दरअसल, भोपालगढ़ के डॉ. अमित मुंडेल ने स्पॉट काउंसलिंग में भाग लेकर एम्स में सीट हासिल की थी. जिसके लिए उसने अपने मूल दस्तावेज जमा किए थे. लेकिन 5 लाख रुपये का डिमांड ड्राफ्ट जमा नहीं किया था. उसने 2023 में कोर्स ज्वाइन किया, लेकिन अंततः उसने पढ़ाई छोड़ने का फैसला किया और कॉलेज से अपने मूल दस्तावेज वापस करने का अनुरोध किया. याचिकाकर्ता द्वारा कोई जमा राशि जमा नहीं किए जाने के कारण यह अनुरोध अस्वीकार कर दिया गया. इसके खिलाफ रिट याचिका दायर की गई थी. 

न्यायालय के अंतरिम आदेश के अनुसार याचिकाकर्ता ने 2.5 लाख रुपये जमा कर दिए थे तथा अपने मूल दस्तावेज प्राप्त कर लिए थे. अब वह एम्स को शेष राशि की मांग करने से रोकने के लिए प्रार्थना कर रहा था. याचिकाकर्ता का कहना था कि स्पॉट काउंसलिंग के लिए अधिसूचना में उल्लेखित डिमांड ड्राफ्ट जमा करने की ऐसी कोई शर्त नहीं थी. जिसके आधार पर उसने स्पॉट काउंसलिंग में भाग लिया था. वकील ने प्रस्तुत किया कि प्रॉस्पेक्टस में उल्लेखित शर्त स्पॉट काउंसलिंग के लिए अधिसूचना में लागू नहीं थी जो एक अलग प्रक्रिया थी.

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कोर्ट ने क्या कहा

दोनों पक्षों की बहस सुनने के बाद कोर्ट ने प्रतिवादी वकील के तर्कों से सहमति जताते हुए कहा कि प्रॉस्पेक्टस में यह शर्त थी कि काउंसलिंग के दौरान किसी छात्र द्वारा कोर्स छोड़ने की स्थिति में एम्स को हुए नुकसान की भरपाई के लिए राशि जमा करानी होगी. इसलिए, याचिकाकर्ता को इस बात की जानकारी होनी चाहिए थी क्योंकि प्रॉस्पेक्टस पीजी कोर्स में प्रवेश के लिए लागू था, भले ही स्पॉट काउंसलिंग के लिए अधिसूचना में इसका उल्लेख न किया गया हो, क्योंकि स्पॉट काउंसलिंग 2023 के लिए पीजी कोर्स में सीटें भरने की एक सतत प्रक्रिया थी.

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