बांसवाड़ा के महात्मा गांधी चिकित्सालय की साफ-सफाई के नाम पर लाखों का घोटाला, सांसद राजकुमार रोत ने पकड़ी चोरी

Banswara News: बांसवाड़ा के महात्मा गांधी चिकित्सालय में साफ-सफाई के नाम पर लाखों रुपए के गड़बड़झाले की खबर सामने आई है. इस घपले की कहानी शुक्रवार को सांसद राजकुमार रोत के औचक निरीक्षण से सामने आया.

Advertisement
Read Time: 3 mins

Banswara Hospital Scam: बांसवाड़ा सांसद राजकुमार रोत ने शुक्रवार को संभाग के सबसे बड़े सरकारी हॉस्पिटल महात्मा गांधी चिकित्सालय में हो रहे एक बड़े घपले का भंडाफोड़ किया है. शुक्रवार को सांसद के औचक निरीक्षण में इस गड़बड़ी की पोल खुली, जिसके बाद अस्पताल प्रशासन में हड़कंप मचा है. दरअसल बांसवाड़ा संभाग के महात्मा गांधी चिकित्सालय में सफाई व्यवस्था के नाम बड़ा घालमेल सामने आया है. चिकित्सालय में सफाई व्यवस्था के लिए 2 साल के लिए 32 कर्मचारी नियुक्त किए गए हैं और उसके एवरेज में चिकित्सालय प्रशासन द्वारा 84 लाख रुपए का भुगतान किया जा रहा है.

32 कर्मी, 84 लाख का भुगतान फिर भी जगह-जगह गंदगी

इसके बावजूद अस्पताल में जगह-जगह गंदगी पसरी हुई है. इसके पीछे का कारण यह सामने आया कि अधिकारियों की मिली भगत के चलते यहां नाम मात्र की सफाई हो रही है और दूसरे अन्य कर्मचारी कागजों में ही काम कर रहे हैं. इसका खुलासा शुक्रवार को सांसद राजकुमार रोत के औचक निरीक्षण के दौरान सामने आया.

Advertisement

Advertisement

सांसद द्वारा पूछे जाने पर फर्जी कर्मियों को खड़ा किया गया

सांसद ने औचक निरीक्षण के दौरान अस्पताल की साफ-सफाई को लेकर सवाल खड़े किए. जिसके बाद कुछ फर्जी लोगों को सफाई कर्मी बताकर उनके सामने खड़े कर दिए गए. मामले में सांसद ने कहा कि सफाई कर्मचारियों के नाम पर बहुत बड़ा भ्रष्टाचार का खेल चल रहा है. कागजों में जो दिखाई जा रहा है उसे बहुत कम सफाई कर्मचारी हॉस्पिटल में कार्य कर रहे हैं और उनके सामने फर्जी लोगों को सफाई कर्मचारी बात कर पेश किया गया जिसकी जांच कराई जाएगी. 

Advertisement

बांसवाड़ा का राजकीय महात्मा गांधी चिकित्सालय.

हॉस्पिटल की व्यवस्था पर सांसद ने खड़े किए सवाल

वहीं उन्होंने कहा कि संभाग का सबसे बड़ा हॉस्पिटल होने के बावजूद भी यहां पर मरीज को किसी भी तरह की सुविधा नहीं मिल रही है जो जनजाति क्षेत्र के लोगों के साथ अन्याय है. सासंद ने कहा कि जनजाति क्षेत्र बांसवाड़ा संभाग का सबसे बड़ा महात्मा गांधी चिकित्सालय खुद इतना बीमार हो गया है कि वह कभी भी धराशाही हो सकता है. 

सालों पुरानी मशीन, मरीज बे-मौत न पड़ जाएः सांसद

सांसद ने आगे कहा कि यहां उपचार के लिए आने वाले मरीज को सही तरीके से उपचार मिले यह भी गारंटी नहीं है. जिस तरह से डॉक्टर पुरानी मशीनों के भरोसे मरीजों का उपचार कर रहे हैं इससे तो अंदेशा की कहीं मरीज बे-मौत ही न मर जाए. उन्होंने कहा कि महात्मा गांधी चिकित्सालय में सीटी स्कैन, एक्स-रे मशीन जांच के लिए उपलब्ध कराई गई मशीन जो सालों पुरानी हैं जिससे मरीजों को सही उपचार नहीं मिल सकता. 

यह भी पढ़ें - 'राजकुमार रोत समाज को तोड़ रहे हैं, उनके साथ जाने का सोच भी नहीं सकते' BAP से गठबंधन पर बोले मदन राठौड़