विज्ञापन

राजस्थान में चुनाव आए तो मोबाइल बांटने से रोक दिया, बिहार में वोटिंग से पहले पेंशन बढ़ने से क्यों नहीं रोकी: अशोक गहलोत

पूर्व सीएम अशोक गहलोत ने SIR के मुद्दे पर निर्वाचन आयोग के रवैये पर सीधा निशाना साधा. गहलोत ने बताया कि SIR के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में याचिका पहले से ही लंबित (पेंडिंग) है. इसके बावजूद, निर्वाचन आयोग ने 12 राज्यों में SIR की घोषणा कर दी है.

राजस्थान में चुनाव आए तो मोबाइल बांटने से रोक दिया, बिहार में वोटिंग से पहले पेंशन बढ़ने से क्यों नहीं रोकी: अशोक गहलोत
गहलोत का चुनाव आयोग पर हमला: 'SIR पर सुप्रीम कोर्ट में याचिका फिर भी 12 राज्यों में घोषणा, व्यवहार निष्पक्ष नहीं'
X@ashokgehlot51

Rajasthan News: राजस्थान के पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत (Ashok Gehlot) ने बुधवार को जयपुर स्थित कांग्रेस ऑफिस में प्रेस कॉन्फ्रेंस करते हुए चुनाव आयोग (Election Commission) की भूमिका और निष्पक्षता पर गंभीर सवाल उठाए. उन्होंने सीधे तौर पर राजस्थान और बिहार के विधानसभा चुनावों में आयोग के फैसलों की तुलना करते हुए, दोहरा मापदंड अपनाने का आरोप लगाया है. उन्होंने कहा कि जब राजस्थान में चुनाव होने वाले थे, तो उनकी सरकार की जनकल्याणकारी योजनाओं को तुरंत रोक दिया था, जबकि बिहार में वोटिंग से ठीक पहले मतदाताओं को प्रभावित करने वाले बड़े आर्थिक लाभ दिए गए, जिस पर चुनाव आयोग ने कोई रोक नहीं लगाई.

'राजस्थान में 30-40% महिलाओं को मिल पाए मोबाइल'

गहलोत ने बताया कि उनकी सरकार ने मार्च 2022 की बजट घोषणा के तहत 1 करोड़ 25 लाख महिलाओं को मोबाइल फोन बांटने की योजना शुरू की थी. उन्होंने कहा, '30-40 परसेंट महिलाओं को मुश्किल से मोबाइल फोन बांट पाए. लेकिन चुनाव आते ही, दिसंबर 2023 में मोबाइल बांटने पर रोक लगा दी गई. यही नहीं, राजस्थान में बुजुर्गों, महिलाओं और दिव्यांगों को दी जाने वाली पेंशन वितरण प्रक्रिया को भी चुनाव आते ही रोक दिया गया था.'

बिहार में वोटिंग से एक दिन पहले पेंशन बढ़ाकर बांटी

गहलोत ने आरोप लगाया कि इसके विपरीत, बिहार में चुनाव के दौरान सरकार ने मतदाताओं को सीधे प्रभावित करने के लिए बड़े वित्तीय फैसले लिए, जिस पर चुनाव आयोग मौन रहा. गहलोत ने आरोप लगाते हुए कहा कि चुनाव प्रचार समाप्त हो चुका था और मतदान से ठीक एक दिन पहले, बिहार में पेंशन की राशि में भारी वृद्धि की गई. उन्होंने बताया कि जो 400 रुपये पेंशन थी, उसको 1100 रुपये कर दिया गया. पूर्व सीएम ने दावा किया कि बिहार में अन्य योजनाओं के तहत चलते चुनाव के बीच वोटरों को सीधे पैसा ट्रांसफर किया गया. 

गहलोत ने पूछा- यह दोहरा मापदंड क्यों?

उन्होंने सवाल उठाया कि महिलाओं को 10 हजार रुपए ट्रांसफर किए गए. पोलिंग कल है और आज मेरे खाते में 10 हजार आएंगे, तो क्या होगा? गहलोत ने अपने आरोप को स्पष्ट करते हुए कहा कि, 'एक राज्य में हमारी योजनाओं पर रोक लगा दी जाती है, जबकि दूसरे राज्य में वोटिंग से ऐन पहले पेंशन में भारी वृद्धि की जाती है और पैसा ट्रांसफर किया जाता है. यह दोहरा मापदंड क्यों?'

SIR विवाद और EC की निष्पक्षता

गहलोत ने निर्वाचन आयोग के व्यवहार पर केवल योजनाओं के आधार पर ही नहीं, बल्कि SIR (State Interest Registry) के मुद्दे पर भी सवाल उठाया. उन्होंने कहा कि SIR के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में याचिका लंबित होने के बावजूद, आयोग ने 12 राज्यों में SIR की घोषणा कर दी है. गहलोत ने निष्कर्ष निकाला कि ये तमाम घटनाएं "संदेह पैदा करती हैं" और आयोग का व्यवहार "निष्पक्ष नहीं" है.

ये भी पढ़ें:- राजस्थान के किसानों की बल्ले- बल्ले, PM मोदी आज जारी करेंगे किसान योजना की 21वीं किस्त

LIVE TV देखें

Rajasthan.NDTV.in पर राजस्थान की ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें. देश और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं. इसके अलावा, मनोरंजन की दुनिया हो, या क्रिकेट का खुमार, लाइफ़स्टाइल टिप्स हों, या अनोखी-अनूठी ऑफ़बीट ख़बरें, सब मिलेगा यहां-ढेरों फोटो स्टोरी और वीडियो के साथ.

फॉलो करे:
Close