बिहार विधानसभा चुनाव में महागठबंधन की हार को लेकर राजस्थान के पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता अशोक गहलोत का कहना है कि लोकतंत्र में चुनाव में हार-जीत चलती रहती है. बिहार में जिस तरह चुनाव हाईजैक किया गया, महिलाओं को दस हजार रुपए दिए गए. चुनाव चल रहे थे, और पैसे बांटे जा रहे थे. पोलिंग के दिन तक पैसे बांटे गए और चुनाव आयोग देखता रहा.
"कांग्रेस पूरी तरह से एकजुट"
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता अशोक गहलोत ने पत्रकारों से बातचीत में कहा कि प्रधानमंत्री कहते हैं कि कांग्रेस का सफाया हो गया है, और कांग्रेस टूट जाएगी. कांग्रेस सोनिया गांधी, मल्लिकार्जुन खड़गे और राहुल गांधी के नेतृत्व में पूरी तरह एकजुट है, जो चुनौती देश के सामने एनडीए द्वारा पेश की गई है, उसका मुकाबला करने में हम सक्षम हैं.
"बीजेपी में दो साल से कोई अध्यक्ष नहीं बन पा रहा"
उन्होंने कहा कि भाजपा में दो साल से कोई अध्यक्ष नहीं बन पा रहा है, तो फूट किसकी पार्टी में है? चुनाव हारने के पीछे का कारण पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि वहां धनबल का उपयोग किया गया. महिलाओं को पैसा देना एक पहलू है, लेकिन तमाम योजनाओं के जरिए पैसे बांटे गए हैं, आंकड़े चौंकाने वाले हैं.
"नई सरकार में कोई सुशासन नहीं है"
गहलोत ने कहा कि जब कांग्रेस की सरकार थी और जो योजनाएं हमने चलाईं, उनकी चर्चा पूरे देश में है. उनका बड़ा प्रभाव आज भी है. लोग पछताते हैं कि सरकार चली गई और नई सरकार में कोई सुशासन नहीं है. उनके पास एक ही काम है. हमारी योजनाओं को या तो बंद करो या उन्हें कमजोर कर दो. सरकार के इसी रवैये के कारण हम अंता विधानसभा उपचुनाव 15 हजार वोटों से जीते हैं.
"SIR की मंशा पर सवाल उठ रहे हैं"
उन्होंने चुनाव आयोग पर सवाल उठाते हुए कहा कि चुनाव आयोग सरकार से मिला हुआ है और ये लोकतंत्र के लिए अच्छे संकेत नहीं हैं. उन्हें चाहिए कि तमाम पार्टियों को भरोसे में लें, बातचीत करें. एसआईआर को लेकर जो तरीका अपनाया गया, उससे उनकी मंशा पर सवाल उठ रहे हैं.
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