Rajasthan Politics: अशोक गहलोत को भाजपा का ओपन चैलेंज, कहा- हार की हताशा भूल भजनलाल सरकार के 2 महीने के काम पर करें चर्चा

Rajasthan Politics: राजस्थान के पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने शुक्रवार को प्रदेश की भाजपा सरकार को ब्यूरोक्रेसी के इशारों पर काम करने वाला बताया था. उन्होंने भजनलाल सरकार पर तीखे हमले भी किए. अब उनके बयान पर भाजपा से पलटवार आया है.

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राजस्थान के पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और वर्तमान सीएम भजनलाल शर्मा.

Rajasthan Politics: राजस्थान के पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस नेता अशोक गहलोत ने शुक्रवार को प्रदेश की भाजपा सरकार पर तीखा हमला किया था. सिविल लाइंस पर स्थित 49 नंबर बंगले के नए घर में शिफ्ट होने के बाद कांग्रेस नेता अशोक गहलोत ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर भजनलाल सरकार पर कई आरोप मढ़े. उन्होंने कहा, 'राजस्थान की भजनलाल सरकार 'रिमोट कंट्रोल' से चल रही है. वास्तव में चीफ सेक्रेट्री सुधांश पंत मुख्यमंत्री का काम कर रहे हैं. वे ही राजस्थान के डी फैक्टो सीएम हैं. सीएम से ज्यादा यहां डिप्टी सीएम की चलती है. उनके पास ज्यादा पावर है.' इस दौरान अशोक गहलोत ने राजीव गांधी युवा मित्र योजना को बंद करने वाले प्रदेश सरकार फैसले को वापस लेने की भी मांग उठाई और कहा कि इसे वापस शुरू किया जाना चाहिए. गहलोत के इस बयान पर अब भाजपा की ओर से पटलवार सामने आया है. भाजपा ने पूर्व सीएम अशोक गहलोत ओपन चैलेंज दिया है.

दो माह के कामकाज पर चर्चा करें गहलोतः मेघवाल

दरअसल शुक्रवार को भाजपा प्रदेश कार्यालय में केंद्रीय मंत्री अर्जुनराम मेघवाल ने पूर्व सीएम अशोक गहलोत के बयान पर पलटवार करते हुए उन्हें ओपन चैलेंज दिया. केंद्रीय मंत्री अर्जुनराम मेघवाल ने कहा कि भाजपा की सरकार मजबूत स्थिति में है. मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने अपने 2 माह के कार्यकाल में प्रदेश की जनता के हितों को ध्यान में रखते हुए ऐतिहासिक फैसले किए हैं. पूर्व सीएम गहलोत अपनी सरकार के 2 माह के कार्यकाल में किए गए कार्यों पर चर्चा करें!

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हार की हताशा में आरोप लगा रहे गहलोत

पूर्व सीएम गहलोत को कांग्रेस के जन घोषणा पत्र और भाजपा के संकल्प पत्र को लेकर जनता के समक्ष खुले मंच पर चर्चा करनी चाहिए, लेकिन वे ऐसा नहीं करेंगे. ऐसे में पूर्व सीएम अशोक गहलोत द्वारा मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा पर आरोप लगाना निराधार है, गहलोत के बयान उनकी मनोस्थिति को दर्शाता है. पूर्व सीएम गहलोत वस्तु स्थिति को ध्यान में रखकर बयान नहीं दे है, वे तो विधानसभा की हार से हताश होकर मजबूरी में मुख्यमंत्री या भाजपा पर आरोप लगाते है. गहलोत के राज में तो पावर को लेकर सचिन पायलट और उनकी लड़ाई ही चल रही थी. 

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भाजपा सरकार की उपलब्धियां भी गिनाई

केंद्रीय मंत्री अर्जुन राम मेघवाल ने कहा कि पूर्व सीएम अशोक गहलोत क्या बोलते हैं पता नहीं ? पहले भी सरकार को लेकर अनर्गल बयान दिया था. भारतीय जनता पार्टी की मजबूत सरकार प्रदेश में काम कर रही है. भाजपा के संकल्प पत्र में किए गए वादों पर मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने एक के बाद एक पूरा करने की दिशा में काम शुरू कर दिया. फिर चाहे वो ईआरसीपी, यमुना जल समझौता, 450 रुपए में उज्जवला रसोई गैस योजना, पेपरलीक मामले में एसआईटी गठन, महिला अपराध रोकने की दिशा में एंटी रोमियों टास्क फोर्स का गठन, अपराधों पर लगाम लगाने के लिए एंटी गैंगस्टर टास्क फोर्स के गठन का मामला ही क्यों ना हो. मुख्यमंत्री ने जनहितों को ध्यान में रखते हुए महज 2 माह के कार्यकाल में इन पर ऐतिहासिक फैसले किए.  

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कांग्रेस में खुद अंसतोष, हिमाचल का उदाहरण सामने

केंद्रीय मंत्री अर्जुनराम मेघवाल ने कहा कि गहलोत कह रहे हैं कि ईडी का डर दिखाया जा रहा है, मैं गहलोत जी से पूछना चाहता हूं कि हिमाचल प्रदेश में तो उनके 40 विधायक थे, किसका डर दिखाया था वहाँ पर , कांग्रेस के अंदर खुद में असंतोष है. पूर्व सीएम गहलोत कांग्रेस में असंतोष का आंकलन भी नहीं कर पाते हैं.

गहलोत अपने नेताओं पर कंट्रोल नहीं कर पाते और फिर दूसरों पर आरोप लगाते हैं. भारत के संविधान के तीन अंग है विधायिका, कार्यपालिका और न्यायपालिका. इन तीनों में समन्वय बेहतर होता है तभी शासन अच्छा आता है. हमारा गुड गवर्नेंस और डवलपमेंट देने का संकल्प है, हम उसी दिशा में कार्यरत है. गहलोत अपने शासन काल के 2 माह के कार्यों को देखें तो कुछ भी सामने नहीं आएगा.

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