BTP संस्थापक छोटू भाई वसावा BAP में शामिल, कई राज्यों में बदल जाएगा लोकसभा चुनाव का सियासी समीकरण

Chhotu Bhai Vasava joins BAP: गुजरात के झगड़िया विधानसभा सीट से 7 बार विधायक रहे कद्दावर आदिवासी नेता छोटू भाई वसावा ने भारत आदिवासी पार्टी (BAP) ज्वाइन कर ली है. छोटू भाई भारतीय ट्राइबल पार्टी (BTP) के संस्थापक थे. बाद में उन्हीं की पार्टी से निकले नेताओं ने भारत आदिवासी पार्टी बनाई थी.

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BTP संस्थापक आदिवासी नेता छोटू भाई वसावा BAP में शामिल.

Chhotu Bhai Vasava joins BAP: लोकसभा चुनाव को लेकर सियासी समीकरण बड़ी तेजी से बन-बिगड़ रहे हैं. इसी कड़ी में शुक्रवार को एक और बड़ा राजनीतिक बदलाव शांत तरीके से हुआ. यह बदलाव बेशक शांति से हुआ लेकिन इसकी गूंज कई राज्यों में सुनी जाएगी. क्योंकि यह बदलाव कद्दावर आदिवासी नेता छोटू सिंह वसावा से  जुड़ा है. दरअसल भारतीय ट्राइबल पार्टी के संस्थापक और गुजरात के झगड़िया सीट से 7 बार विधायक रहे छोटू भाई वसावा शुक्रवार को भारत आदिवासी पार्टी (BAP) में शामिल हो गए. छोटू भाई मूल रूप से गुजरात के नेता हैं. लेकिन उनकी पहचान और पहुंच राजस्थान, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र और छत्तीसगढ़ की आदिवासी बाहुल्य सीटों पर भी है. ऐसे में आम चुनाव से पहले छोटू सिंह बीएपी में शामिल होने का असर इन राज्यों में देखने को मिल सकता है. 

मालूम हो कि छोटू सिंह वसावा बड़े आदिवासी नेता हैं. अलग भील प्रदेश की मांग के आंदोलन से जुड़े रहे हैं. पहले छोटू भाई वसावा जनता दल यूनाइटेड से जुड़े थे. लेकिन 2017 में भाजपा जदयू गठबंधन से खफा होकर भारतीय ट्राइबल पार्टी बनाई. वे गुजरात झगड़िया सीट से 7 बार विधायक रहे हैं. लेकिन बतौर आदिवासी नेता उनकी पहचान और पहुंच दूसरे राज्यों में भी रही है.

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2018 विधानसभा चुनाव बीटीपी ने जीती थी दो सीट

भारतीय ट्राइबल पार्टी ने 2018 में राजस्थान में भी चुनाव लड़ा और 2 सीटें जीती. बाद में बेटे महेश वसावा से विवाद के कारण वे बीटीपी से अलग हो गए. छोटू भाई वसावा की पार्टी बीटीपी से निकलकर कुछ आदिवासी नेताओं ने भारत आदिवासी पार्टी (BAP) बनाई. 2023 के राजस्थान विधानसभा चुनाव में बीएपी ने तीन सीटों पर जीत हासिल की. साथ ही आदिवासी बाहुल्य वाली कई सीटों हजारों वोट प्राप्त किए. 

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राजस्थान में कांग्रेस और बाप में गठबंधन की उम्मीद

इस बार लोकसभा चुनाव में कांग्रेस और बीएपी में गठबंधन की उम्मीद जताई जा रही है. कांग्रेस ने अभी तक बांसवाड़ा लोकसभा सीट से प्रत्याशी घोषित नहीं किया है. यहां से बीएपी ने राजकुमार रोत को अपना उम्मीदवार बनाया है. चर्चा है कि कांग्रेस बाप के समर्थन में इस सीट को छोड़ सकती है. इस बीच छोटू भाई वसावा जैसे पुराने कद्दावर नेता का साथ मिलने से बाप की ताकत में इजाफा होगा. 

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छोटू भाई का साथ मिलने से बाप को होगा फायदा

मालूम हो कि दक्षिणी राजस्थान के इलाके में अलग भील प्रदेश की मांग उठाई जाती रही है. साथ ही छोटू भाई वसावा जैसे नेता के शामिल होने से भारत आदिवासी पार्टी को अन्य राज्यों में भी ज्यादा स्वीकार्यता हासिल होगी. भारत आदिवासी पार्टी के गुजरात, मध्यप्रदेश, महाराष्ट्र, छत्तीसगढ़ समेत दूसरे राज्य जहां आदिवासी बाहुल्य सीटें हैं, वहां आदिवासी पार्टी को उनके शामिल होने से फायदा मिल सकता है.

बेटा हाल ही में भाजपा में हुआ है शामिल

आदिवासी नेता छोटू भाई वसावा के बेटे महेश वसावा ने हाल ही में भाजपा की सदस्यता की ग्रहण की है. महेश के भाजपा में शामिल होने के बाद छोटू भाई ने उसके फैसले का विरोध जताया था. अब छोटू भाई बीएपी में शामिल हो गए हैं. संभावना जताई जा है कि वो लोकसभा चुनाव में गुजरात की भरूच लोकसभा सीट से चुनावी मैदान में उतर सकते हैं. 

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