पुष्कर पशु मेले में पहुंचा 11 करोड़ का भैंसा, वजन 1570 किलो, रोज की खुराक कर देगी हैरान

Pushkar Mela 2023: राजस्थान के विश्व प्रसिद्ध पुष्कर पशु मेले (Pushkar Mela) का आगाज हो गया है. इस बार पुष्कर पशु मेले में एक ऐसा भैंसा पहुंचा है जिसे देखकर हर कोई हैरान हैं.

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पुष्कर पशु मेले में पहुंचा 11 करोड़ का भीमकाय भैंसा हनुमान. देखें तस्वीरें.

Pushkar Animal Fair: राजस्थान के विश्व प्रसिद्ध पुष्कर पशु मेले में अलग-अलग जगहों से पशुओं का आना शुरू हो गया है. यूं तो यह पशु मेला ऊंटों के लिए ज्यादा मशहूर है. लेकिन इस बार इस पशु मेले में एक ऐसा भैंसा आया है, जिसे देखकर हर कोई हैरान हैं. इस भैंसे का नाम हनुमान है. 8 साल का यह भैंसा 1570 किलो वजनी है. इसकी कीमत 11 करोड़ रुपए है. इसे देखकर पशुपालकों के साथ-साथ सैलानी भी हैरान है.  

दरअसल पुष्कर मेले में पशुओं की मंडी में मुर्रा नस्ल का हनुमान भैंसा आकर्षण का केंद्र बना हुआ है. 11 करोड़ का यह भैंसा पुष्कर मेले में पहली बार प्रदर्शन के लिए लाया गया है. अंतरराष्ट्रीय पशु मेले में विभिन्न प्रजाति के करीब सैकड़ों पशु पहुंचे हैं. इनमें कई ऊंट व अश्व अपनी नस्ल, कद-काठी के कारण मेले में आए देशी-विदेशी पर्यटकों को अपनी ओर आकर्षित कर रहे हैं.

इस अनूठे भैंसे को उसके मालिक हरियाणा के सिरसा गांव निवासी जगतार सिंह उनके बेटे हरविंदर सिंह लेकर पहुंचे हैं.  बीती रात ही यह भैंसा हरियाणा से पुष्कर मेले में पहुंचा. मेले में ने भैंसे की मोतीसर रोड पर प्रदर्शनी लगाई गई है.


हनुमान के रख-रखाव पर हरमाह 70 हजार का खर्चा 

पहले ही दिन इस भारी-भरकम शरीर के भैंसे को देखने के लिये मेलार्थियों की भीड़ उमड़ गई. मेले में आए कई पशुपालक भी भैंसे को देखने के लिए पहुंच रहे हैं. भीमकाय भैंसे के रखरखाव व खुराक पर प्रतिमाह करीब 70 हजार रुपए खर्च हो रहा है.

पुष्कर पशु मेले में पहुंचा भीमकाय भैंसा हनुमान.


भैसे के मालिक हरविंदर सिंह ने बताया कि भैंसे को प्रतिदिन केला, फल ,15 लीटर दूध, एक किलो काजू-बादाम आदि खिलाया जाता है. मालिक पुत्र हरविंदर की माने तो मेले में आने से पहले उन्हें इस भैंस का तीन करोड़ रुपए का ऑफर मिल चुका है लेकिन वे हनुमान को बेचना नहीं चाहते हैं.

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बेचने के लिए नहीं, प्रदर्शन के लिए लाए हैं मेले में
भैसे के मालिक ने कहा कि वे मेले में भी भैंसे को बेचने के लिए नहीं बल्कि मुर्रा नस्ल के संरक्षण व संवर्धन के उद्देश्य से केवल प्रदर्शन करने के लिए लाए हैं. हरविंदर के पिता जगतार सिंह ने बताया कि इससे पहले वे गत वर्ष पहली बार  हरियाणा के झज्जर पशु प्रदर्शनी मेले में हनुमान को लेकर आए थे.
 

पुष्कर पशु मेले में पहुंचे भीमकाय भैंसे हनुमान को देखते पशुपालक.


इसके बाद बालोतरा, नागौर, देहरादून समेत कई मेलों में इसका प्रदर्शन कर चुके हैं तथा मेलों में आयोजित पशु प्रतियोगिता में भी भाग लेकर पुरस्कार जीते हैं. पुष्कर मेले में वे पहली बार इच्छुक पशुपालकों को हनुमान का सीमन भी उपलब्ध करा रहे हैं. मुर्रा नस्ल के इस भैंसे के सीमन की देश में बड़ी डिमांड है.

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