
Student protest News: राजस्थान में पिछले 7 दिनों से दो भर्ती परीक्षाओं की तिथि बदलने की मांग तेज हो गई है. जिनमें से एक आरएएस मुख्य परीक्षा 2024 और दूसरी फर्स्ट ग्रेड शिक्षक भर्ती 2024 है. इनमें से आरएएस मुख्य परीक्षा की तिथि आगे बढ़ाने की मांग को लेकर अभ्यर्थी पिछले 5 दिनों से भूख हड़ताल पर हैं. इसके साथ ही फर्स्ट ग्रेड शिक्षक भर्ती परीक्षा की तिथि आगे बढ़ाने को लेकर भी विभाग पर लगातार दबाव बनाया जा रहा है. जिसके चलते ये मामला लगातार गरमाता जा रहा है. लेकिन ये पहली बार नहीं है जब अभ्यर्थी भर्ती परीक्षाओं की तिथि आगे बढ़ाने की मांग कर रहे हैं. इससे पहले भी इनके दबाव में आकर इन दोनों परीक्षाओं (फर्स्ट ग्रेड परीक्षा और आरएएस मुख्य परीक्षा) की तिथियां आगे बढ़ाई जा चुकी हैं. जिसके बाद 2025 में एक बार फिर इन परीक्षाओं की तिथियों को लेकर विद्यार्थी भूख हड़ताल पर बैठ गए हैं.
2018 में प्रथम श्रेणी शिक्षक भर्ती परीक्षा की तिथि आगे बढ़ाने के लिए हुआ था आंदोलन
2018 में अभ्यर्थियों ने फर्स्ट ग्रेड शिक्षक भर्ती परीक्षा को स्थगित करने के लिए आंदोलन किया था. उस समय यह परीक्षा जनवरी 2019 में होनी थी. आंदोलन के बाद इसकी तिथि बदलकर अक्टूबर 2019 कर दी गई थी, लेकिन किसी कारणवश उस समय निर्धारित तिथि पर परीक्षा नहीं हो सकी, जिसके कारण फर्स्ट ग्रेड शिक्षक भर्ती परीक्षा को स्थगित कर जनवरी 2020 में आयोजित करना पड़ा. 2018 में वर्तमान कृषि मंत्री किरोड़ी लाल मीणा ने अभ्यर्थियों के आंदोलन में उनका साथ दिया था. 2019 में भी अभ्यर्थियों ने फर्स्ट ग्रेड शिक्षक भर्ती परीक्षा को स्थगित करने के लिए आंदोलन किया था, लेकिन तब परीक्षा तिथि आगे नहीं बढ़ाई गई थी.
2023 RAS मेंस परीक्षा की भी तारीख बढ़ाई गई थी
2024 से पहले वर्ष 2023 की आरएएस मुख्य परीक्षा को लेकर अभ्यर्थियों ने विरोध जताया था. उन्हें परीक्षा के लिए 3 महीने का समय दिया गया था. उस समय इसकी उत्तर कुंजी को लेकर विवाद हुआ था. जिसका मामला राजस्थान हाईकोर्ट में लंबित था. जिसमें अभ्यर्थियों ने तर्क दिया था कि आरपीएससी द्वारा परीक्षा के लिए दिया गया समय बहुत कम है. पहले उन्हें आरपीएससी का साल भर का कैलेंडर जारी करना चाहिए. इस मांग को लेकर भी अभ्यर्थियों ने राजस्थान यूनिवर्सिटी के मुख्य गेट पर धरना दिया था. आखिरकार परीक्षा की तिथि 27-28 जनवरी से बढ़ाकर 20-21 जुलाई कर दी गई.
RAS मुख्य परीक्षा 2021 का आयोजन फरवरी में होना था जिसे बाद में 20- 21 मार्च को आयोजित किया गया. दरअसल, आंसर की से जुड़े मामले में प्री परीक्षा का परिणाम रद्द कर दिया था. साथ ही एक विशेषज्ञ कमिटी बनाने के निर्देश दिए थे.आयोग ने इस फैसले को चुनौती दी और डबल बेंच ने फैसले पर रोक लगाई. तब परीक्षा का आयोजन हुआ.
2018 में भी प्री का परिणाम दो बार जारी हुआ
2018 में प्री का परिणाम दो बार जारी हुआ था. संशोधित परिणाम जारी होने के बाद मुख्य परीक्षा के लिए पात्र अभ्यर्थियों की संख्या बढ़ी, उन्होंने दबाव बनाया और परीक्षा की तारीख आगे बढ़े. पहले परीक्षा 23- 24 दिसंबर 2018 को आयोजित होनी थी लेकिन इसे तीन बार स्थगित किया गया. अंततः यह परीक्षा 25- 26 जून 2019 को हुई.
परीक्षा की तारीख बढ़ाने से बिगड़ता है रिक्रूटमेंट सायकल
आयोग के पूर्व सचिव राजेंद्र भानावत कहते हैं RPSC की परीक्षा स्थगित करने से पूरा रिक्रूटमेंट सायकल डिस्टर्ब होता है. अगर एक भर्ती परीक्षा की तारीख बढ़ती है तो दूसरे अभ्यर्थी भी दबाव बनाते हैं. इसलिए RPSC को काफी सजगता से परीक्षा की तारीखों का ऐलान करना चाहिए.नोटिफिकेशन के साथ ही परीक्षा की तारीख तय होनी चाहिए.
विद्यार्थियों को समय से करनी चाहिए तैयारी
UPSC भी प्री और मेंस के बीच 4- 5 महीने का समय देती है. इसलिए विद्यार्थियों को भी तय समय में अपनी तैयारी करनी चाहिए. प्री परीक्षा का परिणाम आए बिना भी वे मेंस की तैयारी करेंगे तो बेहतर होगा.
क्या कहते हैं अभ्यर्थी
भर्ती परीक्षाओं में गड़बड़ियों के खिलाफ आंदोलन करने वाले मनोज मीणा कहते हैं कि हम चाहते हैं कि परीक्षाएं समय पर हो. लेकिन आयोग को सिर्फ परीक्षा कराने में ही नहीं बल्कि परिणाम जारी करने में भी जल्दी होनी चाहिए. सबसे जरूरी है कि भर्ती परीक्षाओं का कैलेंडर जारी किया जाए.
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