CBI Raid: मतदान समाप्त होते राजस्थान में शुरू हुआ एजेंसियों का एक्शन, बूंदी में CBI की 6 टीमों ने एक साथ बोला धावा, मचा हड़कंप

CBI Action in Bundi: शनिवार को राजस्थान के बूंदी जिले में सीबीआई की 6 टीमों ने अलग-अलग ठिकानों पर दबिश दी. टीम ने बूंदी शहर से एक बड़े बजरी माफिया को हिरासत में लिया है. सीबीआई की छापेमारी से बूंदी में बजरी के धंधे में शामिल लोगों ने हड़कंप मचा है.

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CBI Action in Bundi: राजस्थान के बूंदी जिले में जांच अभियान चलाते सीबीआई के जवान व अधिकारी.

CBI Action in Bundi: राजस्थान में लोकसभा चुनाव (Lok Sabha Elections) का मतदान समाप्त होने के बाद जांच एजेंसियों का एक्शन शुरू हो गया है. 26 अप्रैल को दूसरे चरण का मतदान समाप्त होने के बाद उसी रात दूदू में एंटी करप्शन ब्यूरो (ACB) ने कलेक्टर हनुमान मल ढाका के ठिकानों पर दबिश दी. रिश्वतखोरी के मामले में दूदू कलेक्टर के खिलाफ एसीबी की जांच अभी चल ही रही थी कि शनिवार को बूंदी जिले में सीबीआई की टीम (CBI Team) ने एक साथ कई ठिकानों पर छापेमारी कर हड़कंप मचा दिया. मिली जानकारी के अनुसार बूंदी में सीबीआई की करीब 6 टीमों ने अलग-अलग इलाकों में दबिश देकर बजरी से जुड़े लोगों से पूछताछ की. टीम में बूंदी शहर में एक बड़े बजरी माफिया को हिरासत में लिया, फिर टीम अलग-अलग स्थानों पर कार्रवाई करने चली गई. 

छापेमारी में सीबीआई टीम ने स्थानीय पुलिस की भी मदद ली. कार्रवाई के दौरान सभी पुलिस कर्मियों के मोबाइल टीम ने पहले ही जब्त कर लिए थे ताकि कार्रवाई के दौरान टीम की सूचना लीक ना हो. टीम ने डीआईजी, एसपी स्तर के अधिकारी मौजूद थे. यहां हिंडोली थाना क्षेत्र के तालाब गांव में 6 और शहर में 2 टीम कार्रवाई कर रही है. हथियार बंद पुलिस जवान तालाब गांव में मौजूद घरों में छानबीन कर पूछताछ कर रहे हैं. हर टीम में करीब 1 दर्जन से अधिक सीआईबी कर्मी मौजूद है, जो लैपटॉप में बयान दर्ज कर रहे हैं. 

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सीबीआई रेड पर बूंदी एसपी ने क्या कुछ कहा

वहीं मीडिया से टीम ने दूरी बनाई हुई है. सूत्रों की माने तो सीबीआई की यह कार्रवाई अवैध खनन से जुड़े मामलों में हो रही है. पूछताछ के बाद खनन माफिया, खनिज कारोबारी और पुलिस के बड़े अधिकारियों के नाम उजागर हो सकते हैं. इस मामले में बूंदी एसपी हनुमान प्रसाद मीणा ने कहा कि हाई कोर्ट के निर्देश पर हमने सीबीआई को सदर थाने में दर्ज रिपोर्ट की फाइल सौंपी थी, उसे मामले में सीबीआई बूंदी जांच करने के लिए पहुंची है. बूंदी में बजरी खनन को लेकर कोई ज्यादा खनन नहीं है ना ही यहां पर कोई बड़े खननकर्ता है. एसपी मीणा ने कहा कि बजरी खनन टोंक जिले से होता है हम नाकेबंदी लगाकर कार्रवाई करते हैं. 

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वर्ष 2023 बूंदी सदर थाना में दर्ज हुई थी रिपोर्ट

अवैध बजरी परिवहन का मामला बूंदी में नया नहीं है इससे पहले भी कई बार अवैध बजरी परिवहन के मामले सामने आ चुके हैं. बूंदी पुलिस, खनन विभाग, परिवहन विभाग कई बार कार्रवाई भी कर चुका है. लेकिन कोई टोस कार्रवाई नहीं होने के चलते माफिया खनन करने से बाज नहीं आ रहे हैं. जिस मामले को राजस्थान हाई कोर्ट ने सीबीआई को सौंपने के निर्देश दिए हैं वह मामला बूंदी सदर थाने से जुड़ा हुआ है. सदर थानाधिकारी भगवान सहाय ने बताया की वर्ष 2023 अक्टूबर में सदर थाना पुलिस ने रामगंज बालाजी फोरलेन पर नाकाबंदी के दौरान एक बजरी से भरा हुआ ट्रक रुकवाया था जिसमें नियम अनुसार दस्तावेज यानी रवन्ना नहीं होने के चलते जप्त किया गया था. 
 

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बूंदी में सीबीआई की जांच में शामिल स्थानीय पुलिस के जवान.

पुलिस ने मोटर व्हीकल एक्ट व एमआरडी एक्ट के तहत मामला दर्ज किया था. मामला दर्ज करने के साथ ही बूंदी जिला कोर्ट में पुलिस ने गिरफ्तार किए ट्रक चालक को कोर्ट में पेश किया तो कोर्ट ने बजरी परिवहन के मामले में कड़ी टिप्पणी करते हुए उसकी जमानत याचिका खारिज कर दी थी और जिला जज ने राजस्थान सरकार व खनन विभाग के प्रमुख शासन सचिव को मामले में सख्त सशक्त कार्रवाई करने और परिवहन पर रोक लगाने के निर्देश दिए थे. 

बूंदी डीजे कोर्ट ने बजरी का मामला माना था गंभीर

अवैध बजरी खनन औऱ परिवहन के मामले में बूंदी के जिला एवं सत्र न्यायाधीश दिनेश कुमार गुप्ता ने राज्य सरकार से कड़े कदम उठाने को कहा है. इस निर्णय की एक प्रति निदेशक खान एवं खनिज विभाग उदयपुर को आवश्यक कार्यवाही करने के लिए भेजी है. कोर्ट ने प्रकरण के तथ्यों के मुताबिक 4 फरवरी, 2024 को बूंदी पुलिस ने नाकाबंदी एवं चैकिंग के दौरान शाम करीब 6 बजे माटूंदा नहर के पास एक डंपर को चैक किया तो उसमें अवैध खनिज भरी हुई थी. ड्राइवर बुद्धि प्रकाश के पास उस समय किसी तरह रवन्ना, लाइसेंस, टीपी आदि कोई दस्तावेज नहीं था. 

पूछताछ में उसने यह बजरी बनास नदी से भरकर लाना बताया. इस पर पुलिस ने डंपर को जब्त कर मुकदमा दर्ज किया था. इस मामले में ड्राइवर बुद्धि प्रकाश की मजिस्ट्रेट कोर्ट से जमानत याचिका खारिज हो गई थी. सुनवाई के बाद लोक अभियोजक की दलीलों के आधार पर कोर्ट ने माना कि अवैध खनन से ना केवल राज्य सरकार को राजस्व नुकसान हो रहा है बल्कि पर्यावरण को भी नुकसान पहुंच रहा है. अब देखना है कि बूंदी में सीबीआई की छापेमारी से टीम को क्या कुछ हासिल होता है. 

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