Chaitra Navratri 2024: चैत्र नवरात्रि के पहले दिन ईडाणा माता का अग्नि स्नान, सब कुछ जला प्रतिमा को आंच तक नहीं आई

Idana Mata Mandit: मेवाड़ की शक्ति पीठ ईडाणा माता ने चैत्र नव​रात्रि के पहले दिन मं​गलवार को अग्नि स्नान किया. सुबह करीब 10 बजकर 20 मिनट पर अचानक से प्रतिमा के चारों ओर अग्नि प्रज्जवलित हो गई और आधे घंटे तक तेज लपटों के साथ माता के अग्नि स्नान के दर्शन हुए.

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चैत नवरात्रि के पहले दिन ईडाना माता मंदिर का अग्नि स्नान.

Chaitra Navratri 2024: चैत्र नवरात्रि की शुरुआत 9 अप्रैल से हो गई है. नवरात्रि के पहले दिन माता के मंदिरों में कलश स्थापना के बाद भक्त जन अपनी पूजा-पाठ में जुटे हैं. चैत्र नवरात्रि के पहले दिन जगह-जगह माता मंदिरों में भक्तों की भीड़ जुटी. इस बीच राजस्थान के प्रसिद्ध ईडाणा माता (Idana Mata) मंदिर में अग्नि स्नान भी हुआ. ईडाना मंदिर का अग्नि स्नान (Fire bath of Idana Mata) मेवाड़ क्षेत्र (M  के लोगों के लिए आस्था का केंद्र है.ऐसे में जैसे ही मंगलवार को ईडाना माता मंदिर में आग लगने की सूचना मिली आस-पास के गांवों-कस्बो से बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं की भीड़ जुट गई. मालूम हो कि ईडाना मंदिर (Idana Mata mandir Udaipur) की यह परंपरा रही है कि यहां हर साल एक बार मंदिर में भीषण आग लगती है. इस आग में चुनरी, प्रसाद, फूल-पत्ती सबकुछ जलकर खाक हो जाता है. मंदिर परिसर में लगे त्रिशूल तपकर लाल हो जाते हैं. लेकिन माता की प्रतिमा को आंच तक नहीं आती. 

माता ने किया अग्नि स्नान, जयकारों से गूंजा दरबार

दरअसल मेवाड़ की शक्ति पीठ ईडाणा माता ने चैत्र नव​रात्रि के पहले दिन मं​गलवार को अग्नि स्नान किया. सुबह करीब 10 बजकर 20 मिनट पर अचानक से प्रतिमा के चारों ओर अग्नि प्रज्जवलित हो गई और आधे घंटे तक तेज लपटों के साथ माता के अग्नि स्नान के दर्शन हुए. अग्नि स्ना की बात का पता चलते ही बड़ी संख्या में आस-पास से श्रद्धालु पहुंचे. 

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ईडाणा माता का अग्नि स्नान और दर्शन करने पहुंचे भक्त.

उदयपुर से 60 किमी दूर सलुंबर में स्थित है ईडाना माता मंदिर

मालूम हो कि ईडाना माता मंदिर उदयपुर से 60 किलोमीटर दूर सलंबूर जिले में स्थित है. मान्यता है कि ईडाणा मां अग्नि स्नान करती है, इस दौरान प्रतिमा के पास रखे चढ़ावा और अन्य चीजें जल जाती है और प्रतिमा को कुछ नहीं होता. मंगलवार को करीब ढाई घंटे तक प्रतिमा के आस-पास अग्नि प्रजज्वलित होती रही. दोपहर करीब साढे 12 बजे बाद जब अग्नि शांत हुई तो माता का नया शृंगार किया गया.

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पिछले साल 24 मार्च को माता ने किया था अग्नि स्नान

ईडाणा माता स्थित ​गायत्री धाम के आचार्य शैलेश त्रिवेदी ने बताया कि हिंदू नव वर्ष के दिन यह मौका मिला है. पिछले वर्ष 24 मार्च 2023 को चैत्र महीने में ईडाणा माता ने अग्नि स्नान किया था. अग्नि स्नान को लेकर कोई दिन और समय तय नहीं होता है। यह संयोग है कि इस बार हिंदू नव वर्ष के दिन आज अभिजीत मुर्हूत में अग्नि स्नान शुरू हुआ. 

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मेवल की महारानी के नाम से मशहूर हैं ईडाना माता मंदिर

अग्निस्नान में माता का श्रृंगार, कपड़े और अन्य सामान जलकर भस्म हो जाते हैं. माता की प्रतिमा पर इस अग्नि का कोई प्रभाव नहीं पड़ता. अग्नि स्नान को लेकर मान्यता है कि मेवल की महारानी के नाम से प्रसिद्ध ईडाणा माता समय-समय पर अग्निस्नान करती रहती हैं. मेवल क्षेत्र में ईडाणा गांव सहित करीब 52 गांव आते हैं.

मन्नत पूरी करने के लिए भक्त चढ़ाते हैं त्रिशूल

​​​​अग्नि स्नान में मां पर चढ़ाई जाने वाली चुनर और धागे भस्म हो जाते हैं, प्रतिमा के पीछे अनगिनत त्रिशूल लगे है, भक्तजन अपनी मन्नत पूरी करवाने के लिए यहां त्रिशूल चढ़ाते है। संतान की मन्नत रखने वाले भक्त यहां झूले चढ़ाते हैं। ईडाणा माता परिसर में दर्शन के लिए मां का दरबार, अखंड ज्योति दर्शन, धुनी दर्शन, रामदेव मंदिर एवं एक बड़ी भोजनशाला है.

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