ब्रिटिश काल से चले आ रहे कानूनों में हुए बदलाव, मास्टर ट्रेनर अधिकारियों को दे रहें प्रशिक्षण

ब्रिटिश काल से चले आ रहे भारतीय दंड संहिता, भारतीय साक्ष्य अधिनियम और भारतीय दंड प्रक्रिया संहिता में बड़े पैमाने पर बदलाव किए गए हैं. इसको लेकर अधिकारियों को इस कानून के संबंध में लगातार प्रशिक्षण दिया जा रहा है.

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पुलिस अधिकारियों की ट्रेनिंग के दौरान की तस्वीर

New criminal laws: अपराध और न्याय प्रणाली से जुड़े भारत के 3 कानून में बड़ा बदलाव एक जुलाई से होने जा रहा है. इस बदलाव के बाद अपराध से संबंधित धाराओं और उनकी विवेचना और न्यायिक प्रक्रिया में बड़ा बदलाव देखने को मिलेगा. जहां ब्रिटिश काल से चले आ रहे भारतीय दंड संहिता, भारतीय साक्ष्य अधिनियम और भारतीय दंड प्रक्रिया संहिता में बड़े पैमाने पर बदलाव किए गए हैं. और अब इन कानून के नए नाम भी होंगे जिनमें भारतीय कानून संहिता, भारतीय साक्ष्य अधिनियम और भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता नए नाम हो जाएंगे.

इन कानून के लागू होने के पहले प्रदेश में पुलिस को प्रशिक्षित किया जा रहा है. ताकि अपराधिक विवेचना में कोई गलती ना हो. हालांकि जांच अधिकारियों को चुनाव से पहले भी प्रशिक्षण दिया जा रहा था और अभी यह प्रशिक्षण लगातार जारी रहेगा.

धाराओं की जानकारी के लिए प्रशिक्षण

1 जुलाई से भारतीय कानून में कई बदलाव देखने को मिलेंगे जहां भारतीय कानून में राजद्रोह को खत्म किया जाएगा. वहीं कई धाराओं में बदलाव देखने को मिलेंगे. जिसके लिए पुलिस विभाग द्वारा अपने जवानों और अधिकारियों को नए भारतीय कानून की धाराओं की जानकारियां देने के लिए प्रशिक्षण कार्यक्रम चलाये जा रहे हैं. पुलिस मुख्यालय द्वारा नए कानून के संबंध में पुलिस मुख्यालय में तैनात डीआईजी प्रशिक्षण राहुल कोटोकी को राज्य स्तरीय नोडल अधिकारी नियुक्त किया है.

मास्टर ट्रेनर देंगे ट्रेनिंग

पुलिस मुख्यालय द्वारा नियुक्त किये गये राज्य स्तरीय नोडल अधिकारी राहुल कोटोकी ने NDTV से बातचीत में बताया कि 1 जुलाई तक 50 से 60 हजार जांच अधिकारियों को इस कानून के संबंध में प्रशिक्षण दे दिया जाएगा. अभी तक 12 हजार पुलिसकर्मियों को नए कानून का प्रशिक्षण दिया जा चुका है. डीआईजी राहुल कोटोकी ने बताया कि प्रदेश में 300 मास्टर ट्रेनर है. जिसमें से 222 मास्टर ट्रेनर अलग-अलग जिलों में जांच अधिकारियों को प्रशिक्षण दे रहे हैं. बाकी के मास्टर ट्रेनर प्रदेश में जो 12 ट्रेनिंग इंस्टिट्यूट है वहां पर  जाकर उन्हें प्रशिक्षण दे रहे हैं.

उन्होंने बताया कि पूरे प्रदेश में 1,16,000 पुलिस का फोर्स है जिसमें IPS से लेकर कांस्टेबल हैं जो कार्यरत है. आई ओ लेवल के अधिकारी जिसमें सी आई, सब इंस्पेक्टर, एएसआई और हेड कांस्टेबल तक होते हैं जो करीब 60000 के करीब है, इसमें से 12000 लोगों को प्रशिक्षण दिया जा चुका है. जांच अधिकारियों को यह प्रशिक्षण ऑफलाइन और ऑनलाइन दोनों तरह से दिया जा रहा है. 5 दिन के इस कोर्स में कानून में हुए बदलाव के बारे में उन्हें प्रशिक्षण दिया जा रहा है.

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