अमेरिकी टैरिफ को चुनौती देने उतरा चीन, कहा- अमेरिका को भुगतने होंगे गंभीर परिणाम

US-China Trade War: चीन आपसी फायदे और बराबरी के आधार पर व्यापार विवाद सुलझाने को तैयार है. लेकिन अगर अमेरिका अपनी जिद पर अड़ा रहा, तो चीन अपने हितों की रक्षा के लिए सख्त कदम उठाने से पीछे नहीं हटेगा.

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प्रतीकात्मक तस्वीर

US Tariff Policy: अमेरिका ने चीन पर नए टैरिफ लगाने की धमकी दी है, जिसके जवाब में चीन ने साफ और मजबूत रुख अपनाया है. अमेरिका का कहना है कि अगर चीन अपने 34% टैरिफ को हटाता नहीं है, तो वह 50% अतिरिक्त टैरिफ लगाएगा. इस धमकी की आलोचना करते हुए विश्व व्यापार संगठन के पूर्व महानिदेशक पास्कल लेमी ने इसे "माफिया जैसा व्यवहार" बताया. यह कदम अमेरिका की सख्त और एकतरफा मांगों को दिखाता है, लेकिन चीन ने जवाब दिया कि अगर अमेरिका ऐसा करता है, तो उसे गंभीर परिणाम भुगतने होंगे.

"चीन इन दबावों के आगे आसानी से नहीं झुकेगा"

चीनी विशेषज्ञ ली हाईतोंग के मुताबिक, अमेरिका के इस कदम के पीछे दो मकसद हैं. पहला, अगले साल के मध्यावधि चुनावों के लिए राजनीतिक फायदा लेना और दूसरा, लंबे समय तक व्यापार युद्ध के जरिए चीन को कमजोर करना, वैश्वीकरण को रोकना और अपनी सत्ता को मजबूत करना. लेकिन, वैश्वीकरण का समर्थन करने वाला चीन इन दबावों के आगे आसानी से नहीं झुकेगा.

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अमेरिकी टैरिफ का नहीं पड़ा चीन पर बहुत असर 

2018 के व्यापार युद्ध के बाद से चीनी अर्थव्यवस्था ने अपनी ताकत दिखाई है. विदेशी व्यापार में बढ़ोतरी हुई है और आसियान व 'बेल्ट एंड रोड' देशों के साथ निर्यात भी बढ़ा है, जबकि अमेरिका को निर्यात का हिस्सा कम हुआ है. इससे साफ है कि अमेरिकी टैरिफ का चीन पर बहुत असर नहीं पड़ा. चीनी अर्थव्यवस्था को एक विशाल समुद्र की तरह देखा जा सकता है, जिसे तेज हवाएं भी हिला नहीं सकतीं.

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पहली तिमाही में चीन का प्रदर्शन उम्मीद से बेहतर

चीन के पास इस चुनौती से निपटने के लिए कई उपाय हैं. सरकार ने '2025' में विदेशी निवेश को स्थिर करने की योजना' और 'उपभोग बढ़ाने की विशेष योजना' जैसे कदम उठाए हैं. मॉर्गन स्टेनली जैसे संस्थानों ने भी कहा है कि इस साल की पहली तिमाही में चीन का प्रदर्शन उम्मीद से बेहतर रहा. इससे साबित होता है कि चीन न सिर्फ निवेश के लिए एक भरोसेमंद जगह है, बल्कि दुनिया के लिए खुलापन बनाए रखने को भी तैयार है.

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अमेरिका की टैरिफ नीति उसे ही पहुंचा रही नुकसान  

दूसरी तरफ, अमेरिका की टैरिफ नीति उसकी अपनी अर्थव्यवस्था को नुकसान पहुंचा रही है. विशेषज्ञों का कहना है कि अमेरिकी किसानों को पहले ही नुकसान हो चुका है और आगे चलकर महंगाई व मंदी का खतरा भी बढ़ सकता है. गोल्डमैन सैक्स का अनुमान है कि मंदी की संभावना 35% तक बढ़ सकती है, वहीं येल विश्वविद्यालय का मानना है कि हर अमेरिकी परिवार को 3,800 डॉलर का नुकसान हो सकता है.

जर्मन मीडिया ने तो इसे 'बुरा अमेरिका, अच्छा चीन' तक कहा

दुनियाभर में अमेरिका की इस नीति की निंदा हो रही है, क्योंकि यह वैश्विक अर्थव्यवस्था के लिए खतरा बन गई है. जर्मन मीडिया ने तो इसे 'बुरा अमेरिका, अच्छा चीन' तक कहा है. उनका मानना है कि दोनों देशों के रवैये का अंतर दुनिया की अर्थव्यवस्था को नए रूप में ढाल रहा है. अमेरिकी दबाव के बावजूद चीन अपने विकास पर ध्यान दे रहा है और दुनिया के साथ बेहतर रिश्तों को बढ़ावा दे रहा है.

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