उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ का चित्तौड़गढ़ दौरा, मातृकुंडिया मंदिर में दर्शन और जाट समाज के कार्यक्रम में भागीदारी

भारत के उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ राजस्थान के चित्तौड़गढ़ जिले के मातृकुंडिया दौरे पर थे, जिसे मेवाड़ का हरिद्वार भी कहा जाता है. इस दौरान हेलीपैड पर सांसद सीपी जोशी, मंत्री भगीरथ चौधरी, मंत्री लाल चंद कटारिया, मंत्री बाबू लाल खराड़ी और जिला कलेक्टर एवं एसपी ने उनका स्वागत किया.

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उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़.

Rajasthan News: भारत के उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ रविवार को राजस्थान के चित्तौड़गढ़ जिले में मेवाड़ के हरिद्वार कहे जाने वाले मातृकुंडिया दौरे पर रहे. उस दौरान हेलीपैड पर सांसद सीपी जोशी, मंत्री भगीरथ चौधरी, मंत्री लाल चंद कटारिया, मंत्री बाबू लाल खराड़ी और जिला कलक्टर और एसपी ने उनका स्वागत किया.

इसके बाद उप राष्ट्रपति का काफिला मातृकुंडिया मन्दिर पहुंचा और उप राष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने मन्दिर में दर्शन किए. इसके बाद मातृकुंडिया में आयोजित जाट समाज के मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम में शिरकत की. मंच पर  सूरजकुंड के महाराज श्री श्री 1008 अवधेश चैतन्य महाराज का सभी ने आशीर्वाद लिया. 

'मातृकुंडिया में 25 साल बाद आए'

उन्होंने यहां अखिल मेवाड़ क्षेत्रीय जाट महासभा को संबोधित किया. उप राष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने अपने उद्धबोधन में कहा कि वे मातृकुंडिया में 25 साल बाद आए हैं. 25 साल पहले यहां पर सामाजिक न्याय की शुरुआत हुई थी जिसमें उन्होंने भी भाग लिया था.  

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उन्होंने कहा कि सामाजिक न्याय पर इस आरक्षण पर जिनका लाभ मिला है, आज वह सरकार के प्रमुख पदों पर है. उनको मेरा आग्रह रहेगा पीछे मुड़कर जरूर देखें और कभी नहीं भूले कि समाज के सहयोग की वजह से, समाज के प्रयास की वजह से हमें सामाजिक न्याय मिला. उनको समाज के इस कर्ज को अदा करना चाहिए. 

'देश में 730 से भी ज्यादा किसान अनुसंधान केंद्र'

किसान के आर्थिक व्यवस्था में जब उत्थान आता है तो देश की व्यवस्था में भी उत्थान आता है. उन्होंने कहा कि मातृकुंडिया में ही परशुरामजी पवित्र हुए थे. शिवजी की आराधना की, शिवजी का निर्देश मिला. आप भी आज यहां से अपने लिए और पूरे किसान वर्ग के लिए संकल्प लेकर जाए. देश में 730 से भी ज्यादा किसान अनुसंधान केंद्र है. उनको अकेला मत छोड़िए, वहां पर जाइए और उनसे कहिए कि आप हमारी क्या सेवा करेंगे. 

'सबसे बड़ा व्यापार कृषि उत्पादन'

उन्होंने कहा कि किसानों से आग्रह है कि दुनिया का सबसे बड़ा व्यापार कृषि उत्पादन का है, किसान अपने उत्पाद के व्यापार सेक्यों नहीं जुड़ा हुआ है. किसान उसमें क्यों नहीं भागीदारी ले रहा है. हमारे किसान प्रतिभाशाली है. ज्यादा से ज्यादा किसानों को सहकारिता का फायदा लेते हुए कृषि उत्पादन के क्षेत्र में कार्यरत होना चाहिए.

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