शहीद योगेश की अंतिम विदाई, 4 साल के बेटे ने दी मुखाग्नि, बेसुध दिखी पत्नी; निकली 10 किमी लंबी तिरंगा यात्रा

जम्मू कश्मीर के अनंतनाग में आतंकियों से मुठभेड़ में शहीद हुए लांस नायक योगेश आज पंचतत्वों में विलीन हो गए. उन्हें चूरू जिले में उनके पैतृक गांव लंबोर बड़ी में अंतिम विदाई दी गई. इस दौरान 10 किलोमीटर लंबी तिरंगा यात्रा निकाली गई. बड़ी संख्या में स्थानीय लोग शहीद को श्रद्धांजलि देने पहुंचे.

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शहीद योगेश के पार्थिव शरीर को देखकर बेसुख हुई पत्नी को सहारा देते लोग.

जम्मू कश्मीर में आतंकियों से मुठभेड़ में शहीद हुए चूरू के जाबांज योगेश जाट को आज अंतिम विदाई दी गई. चूरू के सादुलपुर में उनके पैतृक गांव में योगेश के चार साल के बेटे ने उन्हें मुखाग्नि दी. शहीद का पार्थिव शरीर घर पहुंचते ही आस-पास के हजारों लोग जुट गए. शहीद योगेश के पार्थिव देह पर उनकी पत्नी का विलाप देख आस-पास के लोगों के आखें नम हो गई. सोमवार शाम करीब 6 बजे पूरे राजकीय सम्मान के साथ योगेश के पैतृक गांव लंबोर बड़ी में अंतिम संस्कार किया गया. 4 वर्षीय शहीद के बेटे हार्दिक ने अपने पिता को मुखाग्नि दी. इस दौरान यह दृश्य देखकर हर किसी की आंखें नम हो गई.  शहीद योगेश अंतिम यात्रा में  श्रद्धांजलि देने व नमन करने के लिए जनसैलाब उमड़ पड़ा. शहीद योगेश को सेना की टुकड़ी ने सशस्त्र सलामी दी. इससे पहले शहीद योगेश के पार्थिव देह को सेना का वाहन दिल्ली से  सादुलपुर लेकर पहुंचा. 

इस दौरान सादुलपुर से लंबोर बड़ी गांव तक करीब 10 किलोमीटर विशाल तिरंगा यात्रा शहीद के सम्मान में निकाली गई. इस दौरान शहीद योगेश अमर रहे के नारों से  से आसपास का क्षेत्र गूंज उठा. वहीं जैसे ही शहीद का पार्थिव देह शहीद के घर पहुंचा इस दौरान शहीद की वीरांगना सुदेश अपने वीर पति के पार्थिव देह  को देखकर के सुधबुध खो बैठी. शहीद योगेश के 4 वर्षीय पुत्र हार्दिक ने अपने पिता के अंतिम दर्शन किए.
 

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शहीद योगेश की अंतिम विदाई में जुटा स्थानीय लोगों का हुजूम.

शहीद की मां अपने लाल के शरीर को देखकर फूट-फूट कर रोने लगी, जिन्हें स्थानी विधायक कृष्णा पूनिया ने गले लगाकर धांधस बंधाया. वहीं शहीद की अंतिम यात्रा में हजार लोग शामिल हुए और रास्ते में जगह-जगह उनके पार्थिव शरीर पर लोगों ने पुष्प वर्षा की. रास्ते में कई स्थानों पर ग्रामीणों ने सड़क किनारे खड़े होकर हाथों में तिरंगा लेकर भारत माता की जय के नारे लगाये. इस दौरान शहीद की अंतिम यात्रा में जिला कलेक्टर सिद्धार्थ सियाग, नेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़ व विधायक कृष्णा पूनिया सहित जिले के अधिकारी व जनप्रतिनिधि मौजूद रहे.

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शहीद योगेश खेल कोटे से 2013 में हवलदार के पद पर सेना में भर्ती हुए थे. जम्मू कश्मीर में सेना के द्वारा आतंकियों के सफाई के लिए बांदीपुर अनंतनाग में चल रहे सर्च ऑपरेशन के दौरान शनिवार रात को सेना की 14 आर आर में कार्यरत लबोर बड़ी गांव के लांस नायक योगेश शहीद हो गए थे. योगेश के शहीद होने की जानकारी रविवार सुबह परिजनों को मिली थी. 

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शहीद योगेश को श्रद्धाजंलि देते भाजपा नेता राजेंद्र राठौड़.

शहीद के चाचा रणधीर सिंह ने बताया कि योगेश कुमार 2013 में खेल कोटे से हवलदार के पद पर 18 केवलरी बटालियन आर्म्ड में भर्ती हुए थे और पिछले दो वर्ष से 14 राष्ट्रीय राइफल में जम्मू कश्मीर के कटवा में तैनात थे. शहीद के पिता पृथ्वी सिंह किसान तथा माता विमला देवी गृहिणी हैं. शहीद योगेश की पत्नी सुदेश बीकानेर के पीबीएम हॉस्पिटल में जीएनएम के पद पर कार्यरत हैं. शहीद का एक पुत्र हार्दिक और पुत्री निशा है. शहीद योगेश अपने पिता की इकलौती पुत्र थे.

योगेश करीब 8 माह पूर्व छुट्टी पर घर आए थे. वह हैमर थ्रो का राष्ट्रीय मेडलिस्ट खिलाड़ी थे. खेल कोटे से वह भारतीय सेना में भर्ती हुए थे. योगेश की पत्नी सुदेश चिकित्सा विभाग में जीएनएम के पद पर कार्यरत है। योगेश का चार साल का पुत्र हार्दिक तथा नौ माह की पुत्री निशा है।

योगेश का पूरा परिवार बीकानेर में रहता है. उनकी पत्नी सुदेश (23) बीकानेर के पीबीएम अस्पताल में नर्सिंग कर्मचारी हैं. उनके 4 साल का बेटा हार्दिक और 4 महीने की बेटी निशा है. योगेश के पिता पृथ्वी सिंह किसान हैं और मां विमला देवी गृहिणी हैं। पैतृक गांव लंबोर में उनका खेत और पुराना घर है। इन दिनों योगेश के पिता गांव में खेतीबाड़ी संभालने आए हुए थे। सूचना मिलते ही उनके घर आस-पास के लोगों की भीड़ लग गई।

सादुलपुर तहसील के गांव बन गोठड़ी निवासी अंकित पुत्र जयवीर ने बताया कि वह भी आर्मी में हैं. और जम्मू-कश्मीर में ही तैनात हैं. शनिवार शाम 6 बजे मिशन पर जाने से पहले फोन पर बात हुई थी. योगेश ने बताया कि वह दिसंबर में छुट्टी पर आएगा. अभी तीन साल की नौकरी और बची थी. उसके बाद रिटायर होने वाले थे.


योगेश की शहादत पर जनप्रतिनिधियों ने दी श्रद्धांजलि

जैसे ही राजस्थान के वीर जवान की शहादत की खबर मिलते ही जिले में शोक के लहर दौड़ पड़ी। सोशल मीडिया के माध्यम से जनप्रतिनिधियों की ओर से भी शहीद योगेश को श्रद्धांजलि दी. सीएम अशोक गहलोत ने शहीद को अपनी ओर से श्रद्धांजलि दी है.

सीएम अशोक गहलोत ने सोशल मीडिया अकाउंट पर लिखा जम्मू-कश्मीर में आतंकवादियों के साथ हुई मुठभेड़ में देश की रक्षार्थ शहीद हुए राजस्थान के अमर सपूत श्री योगेश कुमार जाट जी को सादर श्रद्धांजलि. प्रदेश सरकार दुःख की इस घड़ी में अमर बलिदानी के परिजनों के साथ खड़ी है. आपके इस सर्वोच्च उत्सर्ग का सम्पूर्ण राष्ट्र सदैव ऋणी रहेगा.

जम्मू कश्मीर में शहीद हुए चूरू के लाल योगेश जाट की फाइल फोटो.

राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी सुप्रीमो हनुमान बेनीवाल ने भी अपनी ओर से सोशल मीडिया के माध्यम से शहीद योगेश को श्रद्धांजलि है. हनुमान बेनीवाल ने अपने सोशल मीडिया अकाउंट पर दिखा राजस्थान के चूरू जिले की राजगढ़ तहसील के ग्राम लंबोर बड़ी निवासी व भारतीय सेना में कार्यरत बहादुर जवान श्री योगेश कुमार जाट जम्मू कश्मीर में आतंकवादियों के साथ मुठभेड़ में राष्ट्र की रक्षा के लिए शहीद हो गए. ईश्वर शहीद की आत्मा को शांति प्रदान करें,राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी परिवार की संवेदनाएं शोकाकुल परिजनों के साथ है.

इसी प्रकार से स्थानीय विधायक कृष्णा पूनिया ने भी शहीद योगेश को नमन किया है. कृष्णा पूनिया ने अपने सोशल मीडिया अकाउंट पर लिखा कि विधानसभा क्षेत्र सादुलपुर के गांव लंबोर बड़ी निवासी भारत माता के सपूत भारतीय सेना के जवान योगेश जणावा के शहीद होने की दुखद समाचार मिले हैं.

ईश्वर दिवंगत आत्मा को शांति प्रदान कर परिवार जनों को दुख सहन करने की शक्ति प्रदान करें। इसी प्रकार चूरू सांसद राहुल कस्वा ने भी श्रद्धांजलि दी है। सांसद राहुल कस्वा ने लिखा "भारतीय सेना में सेवायें दे रहे सादुलपुर तहसील के गांव लम्बोर बड़ी के वीर सपूत योगेश जनावा जी की शहादत का अति कष्टदायी समाचार प्राप्त हुआ है.

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