
Rajasthan News: राजस्थान के मुख्यमंत्री भजन लाल शर्मा (Bhajan Lal Sharma) ने रविवार को टोंक में बनास नदी पर निर्माणाधीन 1876 करोड़ रुपये की लागत से बन रहे 10 टीएमसी क्षमता वाले ईसरदा बांध का निरीक्षण किया. इस दौरान उन्होंने अधिकारियों को इस बांध के निर्माण में गति देने और समय पर पूरा करने के निर्देश दिए. मुख्यमंत्री हेलीकॉप्टर से सीधे बांध स्थल पर हेलीपैड पर पहुंचे. जहां टोंक सवाई माधोपुर सांसद सुखबीर सिंह जौनापुरिया के नेतृत्व में भाजपा कार्यकर्ताओं ने उनका स्वागत किया.
सीएम ने बांध की प्रगति का लिया जायजा
हेलीपैड पर पहुंचने के बाद मुख्यमंत्री को मार्च सलामी गार्ड ने गार्ड ऑफ ऑनर दिया. उसके बाद मुख्यमंत्री ने भाजपा कार्यकर्ताओं से मुलाकात की. सीएम ने कुछ देर हेलीपैड पर अधिकारियों से बांध की प्रगति पर बात किया और मुख्य बांध का निरीक्षण किये बिना ही निकल गए. हालांकि इससे पहले मुख्यमन्त्री और केंद्रीय जलशक्ति मंत्री ने बीसलपुर बांध और ईसरदा बांध का हवाई निरीक्षण किया.

सीएम और जलशक्ति मंत्री ने किया हवाई निरीक्षण
1876 करोड़ की दौसा और सवाई माधोपुर जिलों के लिए जीवन दायनी ईसरदा बांध परियोजना के बांध स्थल पर मुख्यमंत्री भजन लाल शर्मा और केंद्रीय जलशक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह हेलीकॉप्टर से पहुंचे. बीसलपुर बांध और उसके बाद ईसरदा बांध का हवाई निरीक्षण करने के बाद हेलीपेड पर उनका हेलीकॉप्टर उतरा. हवाई निरीक्षण की सूचना बीसलपुर बांध प्रसाशन को मुख्यमंत्री कार्यालय की ओर से दी गई थी, जिसको लेकर बांध प्रशासन के अधिकारी भी मुख्यमंत्री के हवाई निरीक्षण के दौरान बांध पर मौजूद रहें.
उसके बाद मुख्यमंत्री ने स्वागत के बाद भाजपा कार्यकर्ताओं से मुलाकात की. अधिकारियों के साथ अस्थाई कक्ष में मुख्यमंत्री और जलशक्ति मंत्री ने बांध की प्रगति पर चर्चा की. बांध का पूर्व निर्धारित जमीनी निरीक्षण कार्यक्रम को स्थगित कर मुख्यमंत्री हेलीकॉटर से सीधे जयपुर के लिए रवाना हो गए.

आस लगाए बैठे इस इलाके के लोग
दौसा और सवाईमाधोपुर जिलों के 6 कस्बों और 1256 गांवों को पानी मिलेगा. ईसरदा बांध के निर्माण के बाद दौसा जिले के 1079 गांवों और 5 कस्बों एवं सवाई माधोपुर जिले के 177 गांवों और 1 कस्बे को 3 लाख 6 हजार 198 जल कनेक्शन के माध्यम से 35.13 लाख आबादी को पेयजल उपलब्ध कराया जाना प्रस्तावित है. बांध निर्माण से टोंक जिले के छोटे-बड़े बांधों, कुओं, एनिकट एवं तालाबों में पानी की आवक बनी रहेगी. इससे आसपास के गांवों में भूजल का स्तर बढ़ जाएगा.
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