Rajasthan News: सीएम भजनलाल के काफिले के एक्सीडेंट में जान गंवाने वाले एएसआई सुरेंद्र सिंह ओला के परिजनों को अभी तक सरकार की तरफ कोई सहायता नहीं मिल सकी है. हादसे के करीब 20 दिन से अधिक बीत जाने के बाद शनिवार को परिजनों ने कोटपूतली के नीमराना थाना के बाहर प्रदर्शन किया. इस दौरान प्रदर्शनकारियों ने सरकार की निष्क्रियता पर रोष व्यक्त किया और 10 जनवरी से धरना प्रदर्शन की चेतावनी दी है. मृतक एएसआई सुरेंद्र सिंह ओला के बेटे का कहना है कि सीएम ने उचित कार्रवाई का आश्वासन दिया था, लेकिन आज कोई कदम नहीं उठाया गया.
बीते 11 दिसंबर को काफिले का हुआ था एक्सीडेंट
दरअसल, बीते 11 दिसंबर को जयपुर में मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा के काफिले का NRI चौराहे के पास एक्सीडेंट हो गया था. इस दौरान वहां पर तैनात ASI सुरेंद्र सिंह सिंह ओला की तेज रफ्तार अर्टिगा कार की टक्कर से मौत हो गई थी. शनिवार देर शाम उनके परिवार के सदस्य और ग्रामीण नीमराना थाना पहुंचे, जहां उन्होंने ज्ञापन सौंपा और चेतावनी दी कि यदि 10 जनवरी तक कोई कार्रवाई नहीं होती है, तो वे धरना प्रदर्शन और अन्य कार्रवाई करेंगे.
दिवंगत एएसआई सुरेंद्र सिंह ओला के बेटे आशीष ओला ने कहा कि उनके पिता मुख्यमंत्री भजनलाल के काफिले में ड्यूटी करते हुए शहीद हुए थे, लेकिन 23 दिन बीत जाने के बावजूद सरकार ने परिवार को किसी भी प्रकार की सहायता नहीं दी. मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने 20 दिसंबर को उनके गांव माजरा काठ में जाकर उचित कार्रवाई का आश्वासन दिया था, लेकिन आज तक कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया है.
इन मांगों को लेकर लिखा था पत्र
एएसआई के बेटे ने बताया कि मुख्यमंत्री को दिए गए मांग पत्र में सुरेंद्र सिंह ओला को शहीद का दर्जा देने, नायब तहसीलदार के पद पर नौकरी, उनकी बहन को सरकारी नौकरी और दिवंगत एएसआई की पत्नी सविता चौधरी को बचे हुए कार्यकाल की सैलरी और रिटायरमेंट के बाद पेंशन देने की मांग की गई थी.
मुख्यमंत्री ने सभी मांगों पर सरकार द्वारा कार्रवाई का आश्वासन दिया था, लेकिन 23 दिन बाद भी कोई प्रगति नहीं हुई. शनिवार शाम को, ग्रामीण और परिजनों ने थाने के प्रभारी महेंद्र यादव को ज्ञापन सौंपते हुए चेतावनी दी कि यदि सरकार ने कार्रवाई नहीं की, तो वे 10 जनवरी तक धरना प्रदर्शन करेंगे. इस अवसर पर दिवंगत एएसआई की पत्नी सविता चौधरी, पुत्र आकाश ओला, पिता रोहिताश ओला, और कई अन्य ग्रामीण उपस्थित रहे.
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