Rajasthan By-Elections: टिकट वितरण से लेकर प्रचार अभियान तक, राजस्थान उपचुनाव में सुपर एक्टिव रहे CM भजनलाल

Rajasthan By-Elections: राजस्थान की 7 सीटों पर विधानसभा उपचुनाव के लिए मतदान कल होना है. इस उपचुनाव में भाजपा की ओर से मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा काफी एक्टिव रहे. अब देखना है कि वो इस लिटमस टेस्ट में कितना सफल हो पाते हैं.

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Rajasthan By-Elections: उपचुनाव प्रचार अभियान में चौरासी में आदिवासी परिवार के यहां चाय पीते सीएम भजनलाल.

Rajasthan By-Elections: राजस्थान के मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा उपचुनाव में सुपर एक्टिव नजर आए. सीएम ने टिकट वितरण के साथ-साथ प्रचार अभियान की भी पूरी कमान संभाली. अब बुधवार को प्रदेश की सात विधानसभा सीटों के उपचुनाव पर मतदान होना है. देखना है कि सीएम के नेतृत्व में भाजपा उपचुनाव में कितनी सफल रहती है. उल्लेखनीय हो कि लोक सभा चुनाव में आशा अनुरूप परिणाम नहीं रहने के बाद इन चुनावों को लेकर भाजपा ने पूरी ताक़त झोंक दी है. राजस्थान सात विधानसभा सीटों का ये उपचुनाव पूरी तरीक़े से मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा के कंधों पर टिका हुआ है.

बागियों को मनाने में भी सीएम की दिखी बड़ी भूमिका

CM भजनलाल शर्मा ने टिकट वितरण से लेकर चुनाव प्रचार नामांकन और चुनावी रणनीति की बागडोर ख़ुद सँभाली. मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने टिकटों के ऐलान के साथ ही बागियों को मनाने की कवायद शुरू की और लगभग सभी सीटों पर भाजपा इस बार बग़ावती तेवर वाले नेताओं को मनाने में क़ामयाब रही.

सभी 7 सीटों पर नामांकन सभा को किया संबोधित

मुख्यमंत्री सभी 7 सीटों पर नामांकन सभाओं में जनसभाओं को संबोधित करने गए साथ ही प्रदेश की सभी सातों सीटों पर रोड शो रैलियों और चुनावी सभाओं को संबोधित किया. उम्मीदवारों की घोषणा के बाद कई संभावित दावेदारों की नाराजगी पर भी मुख्यमंत्री ने तुरंत एक्शन लिया. उन्होंने ऐसे सभी दावेदारों से व्यक्तिगत चर्चा कर उनकी समझाइश की जिसकी बदौलत पार्टी एकजुट रही और उम्मीदवारों के पक्ष में सकारात्मक चुनावी माहौल बना रहा.

मुख्यमंत्री सभी उम्मीदवारों की नामांकन सभाओं में गए. रोड़-शो और जनसभाओं को सम्बोधित किया. 23 अक्टूबर से लेकर 11 नवम्बर तक सीएम ने सभी विधानसभा क्षेत्रों में रैलियों को संबोधित किया.

चुनाव प्रचार अभियान में कांग्रेस में हमलावर दिखे सीएम

मुख्यमंत्री ने अपने चुनावी कैम्पेन में कांग्रेस पर जमकर प्रहार किया. उन्होंने कांग्रेस के यमुना जल समझौते पर, पेपरलीक पर भ्रष्टाचार और जातिवाद की राजनीति को जनता के सामने रखा. उन्होंने केन्द्र एवं राज्य सरकार की लोककल्याणकारी नीतियों के  साथ कई राष्ट्रीय इश्यू को चुनावी मुद्दा बनाया. 

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भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष मदन राठौड़ भी सीएम के साथ हर जगह मौजूद रहे. भाजपा का सत्ता संगठन का ये तालमेल ज़मीनी स्तर पर भी दिखाई दिया. 

भाजपा के मुकाबले कांग्रेस का कैंपेन फीका दिखा

भाजपा के मुक़ाबले कांग्रेस का चुनावी कैंपेन उस तरीक़े से प्रभावी नहीं दिखाई दिया. ख़ास तौर पर कांग्रेस के स्टार प्रचारकों की गैरमौजूदगी के चलते स्थानीय नेताओं और प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष और नेता प्रतिपक्ष के पास ही पूरे चुनाव की ज़िम्मेदारी रही. अशोक गहलोत और सचिन पायलट महाराष्ट्र में ज्यादा नजर आए. ऐसे में कांग्रेस के प्रचार अभियान में डोटासरा और जूली की जोड़ी ही अधिकांश जगहों पर दिखी.

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