Rajasthan Politics: कांग्रेस विधायक ने 2 मार्शल को काटा? मुकेश भाकर बोले- 'मेरे दांत देखो, क्या काटने वाले लग रहे हैं'

Rajasthan Assembly Session: मुख्य सचेतक जोगेश्वर गर्ग ने बताया कि मुकेश भाकर सदन से 6 महीने तक निलंबित रहेंगे. इस दौरान उन्हें सदन के सदस्य के तौर पर मिलने वाली सुविधाएं भी नहीं मिलेंगी.

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Rajasthan News: राजस्थान विधानसभा के बजट सत्र (Rajasthan Budget Session 2024) में आसन की तरफ उंगली उठाकर अभद्र व्यवहार करने वाले कांग्रेस विधायक मुकेश भाकर (Mukesh Bhakar) को अब 6 महीने के लिए सदन से निलंबित (Suspended) कर दिया गया. पहले उन्हें सिर्फ 2 दिन के लिए निलंबित किया गया था. मगर, मंगलवार को बजट सत्र समाप्ति की घोषणा से ठीक पहले मुख्य सचेतक जोगेश्वर गर्ग (Jogeshwar Garg) के प्रस्ताव पर स्पीकर वासुदेव देवनानी (Vasudev Devnani) ने भाकर के निलंबन की समय सीमा 6 महीने के लिए बढ़ा दी.

'विपक्ष के व्यवहार से दुखी होकर प्रस्ताव'

भाकर को निलंबित किए जाने के विरोध में कांग्रेस विधायक सोमवार से ही सदन में नारेबाजी और हंगामा कर रहे थे. उनके हंगामे के बीच मुख्य सचेतक गर्ग ने प्रस्ताव रखा, 'ऐसा अभद्र व्यवहार करने वाले सदस्य को इस सदन का सदस्य रहने का कोई अधिकार नहीं है. इसलिए इनके व्यवहार से दुखी होकर मैं प्रस्ताव करता हूं कि सदस्य मुकेश भाकर को छह माह के लिए निलंबित किया जाए.' इस पर अध्यक्ष देवनानी ने कहा, 'मुकेश भाकर को 6 माह के लिए निलंबित किया जाता है.' इसके बाद उन्होंने राष्ट्रगान करवाने की घोषणा की. राष्ट्रगान होते ही देवनानी ने सदन की बैठक अनिश्चितकाल के लिए स्थगित करने की घोषणा की.

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'जरूरत पड़ी तो फिर हम FIR दर्ज करेंगे'

विधानसभा के बाहर निकालकर सरकारी मुख्य सचेतक जोगेश्वर गर्ग ने कहा, 'हमने विपक्षी नेता को समझाने का प्रयास किया, लेकिन वे नहीं माने. निलंबन के बाद भी हमने बातचीत जारी रखी. हमने उनको कहा कि एक बार आदेश की पालना करें. उसके बाद निलंबन पर विचार करेंगे. सदन के गरिमा का पालन करना हमारी जिम्मेदारी थी. हमने कल रात 11:00 तक बातचीत जारी रखी. हमने कहा कि प्रश्न काल के बाद निलंबन रद्द कर देंगे. लेकिन वो माने नहीं, विपक्ष ने हठधर्मिता की. निलंबित सदस्य ने दो मार्शल को काटा. उसमें से एक महिला थी. उसकी उंगली पर पट्टी बंधी हुई है. पूरे मामले पर अध्यक्ष जानकारी लेंगे और जरूरत पड़ी तो एफआईआर करेंगे.

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'मार्शल धक्का-मुक्की नहीं कर सकते'

सदन से बाहर निकलने के बाद नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली ने कहा, 'मार्शल धक्का-मुक्की नहीं कर सकते. पता नहीं मुकेश ने काटा या उनके ही सदस्यों ने काटा. लेकिन जिस तरह से गतिरोध हुआ, अनिता के हाथ में लगी है. हमारी महिला विधायकों के साथ धक्का-मुक्की हुई है. रमिला इस वक्त हॉस्पिटल में हैं. निलंबन होता है तो उक्त सदस्य को सदन से बाहर निकाला जाता है. लेकिन सदस्य के साथ धक्का-मुक्की नहीं कर सकते, और अंगूठा चबाने का आरोप तो बिल्कुल गलत है.

'क्या मेरे दांत काटने वाले लग रहे हैं?'

मुकेश भाकर ने कहा, 'मेरे दांत देखो. काटने वाले लग रहे हैं क्या? अगर शक है तो टेस्ट करवा लो, मैं तैयार बैठा हूं. ये तो खुद ही काट कर बाते बना रहे हैं. वास्तव में मार्शलों ने ही एक जन प्रतिनिधि के साथ दुर्व्यवहार किया है.' भाकर ने आगे कहा कि निलंबित होने के बाद भी मैं अपनी स्टाइल नहीं बदलूंगा फिर चाहे मुझे हमेशा के लिए निलंबित कर दें. अध्यक्ष ने सरकार के दबाव में असंवैधानिक निर्णय लिया है. मंत्री जवाब नहीं दे पा रहे हैं. कोई भी प्रस्ताव आता है तो पहले वोटिंग होती है.

जोगाराम पटेल ने आरोपों का किया खंडन

वहीं कांग्रेस के आरोपों पर संसदीय कार्यमंत्री जोगाराम पटेल की प्रेस वार्ता करते हुए कहा, 'जो विपक्ष ने आरोप लगाए हैं और जिन नियमों का हवाला दिया उसकी कॉपी मेरे पास भी है. AAG की नियुक्ति मेरी वजह से नहीं, बल्कि क़ाबिलियत की वजह से हुई है. विपक्ष ने बिना आधार के आरोप लगाए. विपक्ष के सहयोगी दलों ने भी सक्रियता से सदन की कार्यवाही में भाग नहीं लिया.

इस सवाल से शुरू हुआ था पूरा विवाद

नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली ने लोक अभियोजकों की नियुक्ति का मुद्दा उठाते हुए सोमवार को सदन में कहा था कि, 'देश में CRPC 30 जून को समाप्त हो चुका है और भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता 1 जुलाई से लागू हो चुकी है. लेकिन राजस्थान सरकार के विधि सचिव द्वारा 12 जिलों में राजकीय अधिवक्ता नियुक्त किए गए हैं, जो CRPC की धारा 24 (2) के तहत किए गए हैं, जबकि यह नियुक्ति BNSS की धारा 18 के तहत की जानी चाहिए थी. इस पर सरकार का जवाब आना चाहिए था. संविधान के नियम 256 के तहत राज्य सरकार बाध्य है कि भारत सरकार के कानूनों का पालन करेगी.'

जूली ने बिना किसी का नाम लिए आरोप लगाया कि एक मंत्री के बेटे को लोक अभियोजक नियुक्त किया गया है. इसपर सत्ता पक्ष के मुख्य सचेतक जोगेश्वर गर्ग ने कहा कि व्यक्ति की नियुक्ति योग्यता के आधार पर हुई होगी और मंत्री का बेटा होना कोई अपराध नहीं है. अध्यक्ष देवनानी ने कहा कि यह मुद्दा सरकार के संज्ञान में आ गया है लेकिन कांग्रेस विधायकों ने इस पर राज्य सरकार से जवाब की मांग की, लेकिन देवनानी ने नियमों का हवाला देकर इससे इनकार किया. इसको लेकर देवनानी व कांग्रेस विधायक आमने सामने आ गए.

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