बैंक में अटके कैबिनेट मंत्री के 800 रुपये, आम लोगों के 1 लाख 80 हजार करोड़

देश भर के बैंकों और वित्तीय संस्थाओं में कुल 1 लाख 80 हजार करोड़ रुपये से ज्यादा की राशि अनक्लेम्ड पड़ी है. इस राशि को सही हाथों में देने के लिए के लिए राजस्थान के जोधपुर में बैंकों ने शिविर लगाया है. 

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बैंकों में पड़ी अनक्लेम्ड राशि के लिए केंद्र ने चलाया अभियान.

Rajasthan News: देश भर के बैंकों और वित्तीय संस्थाओं में कुल 1 लाख 80 हजार करोड़ रुपये से ज्यादा की राशि अनक्लेम्ड पड़ी है. इस राशि का मालिक कोई उपयोग नहीं कर रहा और बैंक भी इसका इस्तेमाल नहीं कर सकता. अब इन पैसों को वापस सही हाथों तक पहुंचाने के लिए केंद्र सरकार ने “आपकी पूंजी, आपका अधिकार” अभियान शुरू किया है.

जोधपुर में इसके जिला स्तरीय शिविर का शुभारंभ करते हुए राजस्थान के संसदीय कार्य विधि एवं विधिक कार्य मंत्री जोगाराम पटेल ने खुलासा किया कि इस अनक्लेम्ड राशि में उनके अपने 800 रुपये भी शामिल हैं.

मंत्री के पास 50 साल पुरानी पासबुक आज भी रखी 

जोगाराम पटेल ने मंच से बताया कि उनके पिताजी ने करीब 45-50 साल पहले पोस्ट ऑफिस में एक खाता खोला था और उसमें 800 रुपये जमा किए थे. उस जमाने की पासबुक आज भी उनके पास पूरी तरह सुरक्षित है. उन्होंने इसे पिताजी की विरासत मानकर संजोकर रखा हुआ है. मंत्री ने हंसते हुए कहा, “अब मैं खुद भी इस अभियान के तहत जाकर अपने पिताजी के वे 800 रुपये निकालूंगा.”

1.80 लाख करोड़ रुपये सिर्फ पड़े अनक्लेम्ड

मंत्री ने आरबीआई की तारीफ करते हुए कहा कि उसने बहुत पारदर्शी तरीके से पूरी लिस्ट जारी की है. यह राशि न बैंक इस्तेमाल कर पा रहा है और न ग्राहक. बैंक तो चाहते हैं कि जितनी ज्यादा जमा राशि हो उतना अच्छा, क्योंकि बैंक इसी से चलते हैं.

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अगर यह अनक्लेम्ड पैसा वापस डिपॉजिट में बदल जाए तो बैंक के लिए भी फायदा है. उन्होंने कहा, “जिसका पैसा है उसके पास पहुंच जाए तो बहुत अच्छी बात है और अगर लोग इसे दोबारा बैंक में जमा कर दें तो इससे भी बेहतर होगा.”

शिविर में कई लोगों को मिली अपनी अनक्लेम्ड राशि

शिविर में मौजूद कई लोगों को बैंकों ने मौके पर ही उनकी अनक्लेम्ड राशि सौंप दी. लोगों ने इस अभियान की दिल खोलकर सराहना की और कहा कि सरकार ने बहुत नेक काम शुरू किया है. अब जोधपुर सहित पूरे राजस्थान में लोग अपनी पुरानी पासबुकें खंगाल रहे हैं ताकि अपना खोया हुआ पैसा वापस पा सकें.

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