राजस्थान में कोटपूतली के एक सब्जी बेचनेवाले की किस्मत अचानक पलट गई. रेहड़ी लगाकर सब्ज़ी बेच रोज़ 300-400 रुपये की कमाई से परिवार का पेट भरनेवाले अमित सेहरा ने 11 करोड़ रुपये की लॉटरी जीती है. अमित सेहरा की किस्मत 32 साल की उम्र में कैसे चमकी और उसे कैसे रातों-रात करोड़पति बना दिया इसकी कहानी भी बड़ी दिलचस्प है. जिस लॉटरी टिकट से इस ग़रीब सब्ज़ीवाले की तकदीर बदली उसे खरीदने के लिए उसके पास पैसे तक नहीं थे और उसने ये टिकट एक दोस्त से उधार लेकर खरीदा था.
घूमने गए थे पंजाब और उधार लेकर खरीदी लॉटरी
अमित सेहरा ने बताया कि यह लॉटरी लेना बस एक संयोग था. अमित दिवाली की छुट्टियों के दौरान नाई का काम करनेवाले अपने दोस्त मुकेश सैन के साथ पंजाब के मोगा शहर घूमने गए थे, जहां उनके ताऊजी रहते हैं. मोगा जाने से पहले बठिंडा आता है. वहां लॉटरी की एक दुकान दिखी. दोस्त ने उनसे कहा कि उसने वहां से एक-दो बार लॉटरी खरीदी थी और हर बार 2-3 हज़ार रुपये जीते.
अमित बताते हैं,"मुकेश जी ने कहा कि तू बजरंग बली का बड़ा भक्त है, एक बार अपनी तकदीर को आज़मा ले. ये सुनकर मैंने कहा कि मेरी तकदीर तो वैसे ही खराब है, और पैसे भी नहीं हैं. ये सुनकर मुकेश ने कहा कि पैसे मैं दूंगा. उन्होंने 1000 रुपये दिए और उनसे मैंने दो लॉटरी टिकट खरीदी. और उसी समय उनसे कहा कि मुकेश जी जीतूंगा तो 11 करोड़ वरना कुछ नहीं मिलेगा. लेकिन अगर 11 करोड़ निकलेगा तो एक करोड़ तुम्हारी बेटियों को दूंगा."
अमित सेहरा बजरंग बली के बड़े भक्त हैं
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बजरंग बली के भक्त
पिछले महीने 31 अक्टूबर को लुधियाना में पंजाब राज्य लॉटरी का दिवाली बंपर ड्रॉ निकला और रातों-रात अमित की तकदीर बदल गई. उनके पास सबसे पहले लॉटरी विक्रेता के यहां से फोन आया. उन्होंने उनके करोड़पति बनने की बात बताई. इसके तीन दिन बाद वो बठिंडा गए और इनाम जीतने की प्रक्रिया पूरी की.
कोटपूतली लौटने के बाद उन्होंने बालाजी मंदिर में परिवार और मोहल्ले के लोगों के साथ धोक लगाई. बजरंग बली के बड़े भक्त अमित कहते हैं कि उन्होंने प्रार्थना की थी कि अगर उनकी तकदीर बदल जाए तो मेहरबानी होगी. अमित कहते हैं कि वो बचपन से संकटमोचन के भक्त रहे हैं और जिंदगी भर उनकी प्रार्थना करते रहेंगे.
दोस्त से किया वादा निभाया
अमित ने उधार देनेवाले दोस्त मुकेश से कहा वादा निभाया है और जीती हुई 11 करोड़ की रकम में से 1 करोड़ अपने दोस्त की दोनों बेटियों के नाम कर दिए हैं. मुकेश के परिवार में दो बेटियां और एक बेटा है. अमित के दो बेटे हैं. अमित कहते हैं,"जिस प्रकार से त्रेता युग में भगवान कृष्ण ने अपने गरीब दोस्त सुदामा की मदद की थी, वैसे ही मेरे दोस्त ने मेरी मदद की है."
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