Dausa MLA DC Bairwa: हाल ही में संपन्न हुए विधानसभा उपचुनाव में राजस्थान में कांग्रेस की लाज बचाने वाले इकलौते उम्मीदवार डीसी बैरवा ने विधायक बनते ही तेवर दिखाना शुरू कर दिया है. दौसा के नवनिर्वाचित विधायक डीसी बैरवा ने मंगलवार को गद्दार कार्यकर्ताओं को पार्टी से निकालने की तेज पैरवी की. दरअसल दौसा विधानसभा उपचुनाव के बाद पार्टी में बगावत और गद्दारी का सिलसिला चल निकला है. इस कड़ी में दौसा कांग्रेस विधायक दीनदयाल उर्फ डीसी बैरवा ने संविधान दिवस के मौके पर कांग्रेस कार्यकर्ताओं की बैठक में स्पष्ट कह दिया कि मेरे चुनाव के समय पार्टी में कांग्रेस पार्टी के जिन कार्यकर्ताओं ने गद्दारी की है, उन्हें निकाल दूंगा.
मंगलवार को दौसा में कांग्रेस पार्टी की संविधान दिवस के मौके पर एक बैठक आयोजित हुई. जिसमें सैकड़ो कार्यकर्ताओं ने भाग लिया. यहां विधायक बनने के बाद पहुंचे नवनिर्वाचित विधायक दीनदयाल उर्फ डीसी बैरवा का स्वागत सत्कार भी किया गया.
जिन कार्यकर्ताओं ने मेरी खिलाफत की... बैरवा
कांग्रेस की इस मीटिंग के दौरान डीसी बैरवा ने कहा कि चुनाव के दौरान मैं जगह-जगह हर गली-मोहल्लों में घुमा हूं. मेरे प्रचार के दौरान मुझे इस बात का पता चला कि चुनाव के दौरान कौन-कौन से कार्यकर्ताओं ने पार्टी में मेरी खिलाफत की है. उन्होंने आगे कहा कि पंचायत चुनाव आने वाले हैं, जिसमें वे लोग खुद के लिए टिकट मांगने भी आएंगे.
मीटिंग समाप्त होने के बाद यू-टर्न लेते नजर आए बैरवा
हालांकि मीटिंग समाप्त होने के बाद विधायक डीसी बैरवा को इस बात का अहसास हो गया कि उन्होंने जो बोला है उसका संदेश गलत जाएगा. ऐसे में उन्होंने मीडिया के सवाल के जवाब में कहा कि यह तो मैंने हंसी-मजाक के लिए कहा था, लेकिन यह जरूर है कि कार्यकर्ता को काबू में रखने के लिए इस तरह की बात मैंने की थी. मेरा इनको पार्टी से निकलने का कोई मकसद नहीं है.
भाजपा पहले से ही भीरतघात की बात कह रही है
उल्लेखनीय हो कि दौसा विधानसभा उपचुनाव में हार के बाद भाजपा भीतरघात का आरोप लगाती नजर आ रही है. लेकिन अब जीते हुए प्रत्याशी भी इसी राह पर चल निकले हैं. भले ही उन्होंने मामला बिगड़ते देख अपने अल्फाजों पर काबू पाने की कोशिश की हो लेकिन विधायक के मन का गुबार तो सामने आ ही गया.
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