Rajasthan News: राजस्थान के प्रसिद्ध धार्मिक स्थल मेहंदीपुर बालाजी से तीन नाबालिग लड़कियों का अचानक रहस्यमयी तरीके से गायब होना पुलिस की लापरवाही और जांच तंत्र की सुस्त गति पर सवाल खड़े कर रहा है. दो दिन बीत जाने के बाद भी पुलिस के हाथ कोई ठोस सुराग नहीं लगा है. बालाजी में रोजाना हजारों श्रद्धालुओं की आवाजाही के बावजूद तीन मासूमों का यूं गुम हो जाना पूरे इलाके में सनसनी फैला गया है.
गुरुवार रात से लापता लड़कियां
गुरुवार रात करीब आठ बजे से तीनों लड़कियां लापता बताई जा रही हैं. शुक्रवार शाम तक जब वे घर नहीं लौटीं तो परिजनों ने बालाजी चौकी में रिपोर्ट दी. सूचना मिलते ही पुलिस हरकत में तो आई, मगर अब तक उसकी जांच केवल सीसीटीवी फुटेज और पूछताछ तक ही सिमटी हुई है.
लापता हुई तीनों लड़कियां एक ही मोहल्ले की रहने वाली बताई जा रही हैं. उनकी उम्र क्रमशः 10, 12 और 15 वर्ष है. तीनों बहनें रोजाना बालाजी दर्शन के लिए आने वाले श्रद्धालुओं को तिलक लगाकर कुछ रुपये कमाती थीं, जिससे उनका घर खर्च चलता था. पुलिस के मुताबिक, ये लड़कियां रोजाना शाम तक घर लौट आती थीं, लेकिन गुरुवार को देर रात तक घर न पहुंचने पर परिवारजन घबरा उठे.
खराब मिले कई सीसीटीवी कैमरे
पुलिस ने आसपास के मुख्य मार्गों और मंदिर परिसर के सीसीटीवी कैमरों की फुटेज खंगालनी शुरू की, लेकिन अब तक कोई ठोस सुराग नहीं मिला. सूत्रों के मुताबिक, कई सीसीटीवी कैमरे खराब मिले या उनमें रात के समय दृश्य साफ नहीं थे, जिससे पुलिस को जांच में मदद नहीं मिल सकी.
टोडाभीम डीएसपी मुरारीलाल मीना ने जांच की कमान संभालते हुए बताया कि पुलिस हर दिशा में जांच कर रही है. चाहे अपहरण का कोण हो या स्वेच्छा से जाने की संभावना. पुलिस आसपास के गांवों, रिश्तेदारों और संभावित परिचितों से भी पूछताछ कर रही है, लेकिन अभी तक कोई पुख्ता जानकारी नहीं मिल पाई है.
बच्चियों की तलाश के लिए SIT गठित करने की मांग
स्थानीय लोगों का कहना है कि पुलिस अगर पहले दिन ही तेजी दिखाती तो शायद बच्चियों तक पहुंचा जा सकता था. अब दो दिन गुजरने के बाद जांच की गति और उम्मीद दोनों ही ठंडी पड़ती नजर आ रही हैं. मेहंदीपुर बालाजी जैसे अंतरराज्यीय धार्मिक स्थल पर सुरक्षा और सीसीटीवी निगरानी के लाख दावे किए जाते हैं, लेकिन यह घटना इन दावों की सच्चाई सामने ला रही है.
स्थानीय नागरिकों और सामाजिक संगठनों ने पुलिस प्रशासन से मांग की है कि जल्द से जल्द विशेष जांच दल (SIT) गठित कर बच्चियों की तलाश की जाए और निगरानी तंत्र की खामियों की जांच की जाए. लापता लड़कियों के बारे में करौली एसपी लोकेश सोनवाल ने बताया कि ये बच्चियां पिछले लगभग ढाई वर्ष से मंदिर परिसर में रहकर मिट्टी के दीपक बेचने और श्रद्धालुओं के चेहरे पर तिलक छाप लगाने का कार्य करती थीं.