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Rajasthan Politics: 'कुतुबमीनार-ताजमहल भी तोड़ दो, इतिहास रबड़ से नहीं मिटेगा', अजमेर में होटल का नाम बदलने पर खादिम संघ के सचिव का फूटा गुस्सा

राजस्थान विधानसभा अध्यक्ष वासुदेव देवनानी के पिछले दिनों पर्यटन विभाग को निर्देश दिए थे कि अजमेर में कलेक्ट्रेट के सामने बने होटल खादिम का नाम बदलकर अजयमेरू रखा जाए.

Rajasthan Politics: 'कुतुबमीनार-ताजमहल भी तोड़ दो, इतिहास रबड़ से नहीं मिटेगा', अजमेर में होटल का नाम बदलने पर खादिम संघ के सचिव का फूटा गुस्सा

Rajasthan News: राजस्थान के अजमेर जिले में 45 साल पुराने खादिम होटल (Ajmer Khadim Hotel) का नाम बदलने के बाद सियासत गरमा गई है. इस मामले पर अब खादिमों के संघ अंजुमन सैयद जादगान के सचिव सैयद सरवर चिश्ती (Sarwar Chishti) की प्रतिक्रिया सामने आई है, जिसमें उन्होंने भारतीय जनता पार्टी (BJP) पर निशाना साधा है. चिश्ती ने कहा है कि, 'लाल किला, कुतुबमीनार और ताजमहल भी तोड़ दो. मगर इतिहास तुम्हारी रबड़ से नहीं मिटेगा.'

'हिस्ट्री रबड़ से नहीं मिटेगी'

चिश्ती ने वीडियो जारी करते हुए कहा, 'भारतीय जनता पार्टी के आदेश पर राजस्थान टूरिज्म डेवलपमेंट अथॉरिटी ने अजमेर के खादिम टूरिस्ट होटल का नाम बदलकर अजयमेरू कर दिया है. अजमेर शहर ख़्वाजा मुईनुद्दीन चिश्ती की दरगाह के लिए फेमस है. हम उसके खादिम हैं. वंशानुगत (संतान) हैं. हमारी 800 साल पुरानी विरासत है. कहीं इलाहाबाद के नाम बदले जा रहे हैं, कहीं मुगलसराय के, कहीं सराय काले खां के, तो कभी औरंगाबाद के. हिस्ट्री को रिराइट करने के कोशिश की जा रही है. मगर ये रबड़ से नहीं मिटेगी.'

'लाल किले को भी गिरा दो'

सरवर चिश्ती ने आगे कहा, 'ताजमहल, लाल किला, कुतुब मीनार, इनको भी गिरा दो. लाल किला जहां से प्राइम मिनिस्टर भाषण देते हैं, सुप्रीम कोर्ट, प्रेसिडेंट हाउस, पार्लियामेंट, हाई कोर्ट, केंटोनमेंट, ऑफिस के बंगले, यह सब ब्रिटिशयन के दिए हुए हैं. गुलामी के प्रतीक है ना, इनको भी हटा दो. दुनिया के अंदर हिस्ट्री, कल्चर, हेरिटेज को प्रिज्व किया जाता है. मगर आप इसको मिटाने की कोशिश कर रहे हैं. लेकिन कैसे मिटाएंगे?'

देवनानी ने दिए थे निर्देश

राजस्थान विधानसभा अध्यक्ष वासुदेव देवनानी के पिछले दिनों पर्यटन विभाग को निर्देश दिए थे कि अजमेर में कलेक्ट्रेट के सामने बने होटल खादिम का नाम बदला जाए. यह होटल अजमेर आने वाले सैलानी, अधिकारी-कर्मचारी और आमजन के ठहरने की प्रसिद्ध जगह है. इसका नाम भी अजमेर की प्राचीन संस्कृति, पहचान, इतिहास एवं सामाजिकता से जुड़ा होना चाहिए. सम्राट पृथ्वीराज चौहान और इससे भी पहले अजमेर का नाम अजयमेरू ही प्रसिद्ध था. प्राचीन भारतीय ग्रंथों और इतिहास की किताबों में अजमेर का नाम अजयमेरू है. ऐसे में अजमेर आने वाले प्रत्येक सैलानी तक आसानी से कनेक्ट करने के लिए होटल का नाम अजयमेरू होना चाहिए.

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